पटना: नालंदा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Poisonous Liquor) के बाद सियासी दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ जहां सरकार में शामिल बीजेपी और हम के नेता सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी और कांग्रेस ने भी हमले तेज कर दिए हैं. इस बीच कांग्रेस नेता अजीत शर्मा (Congress Leader Ajit Sharma) ने भी तीखे अंदाज में कहा है कि अब बिहार सरकार से शराबबंदी कानून संभल नहीं रहा है. ऐसे में अच्छा होगा कि इस कानून को बिना देरी किए सरकार वापस ले ले. उन्होंने दावा किया है कि राज्य में हर जगह शराब आसानी से मिल रही है. यहां तक कि शराब की होम डिलिवरी भी हो रही है. लिहाजा कानून को वापस ले लेना चाहिए.
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कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने शराबबंदी कानून की समीक्षा (Review of Prohibition Law) की वकालत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी जिद छोड़कर पहल करनी चाहिए. सरकार चाहे तो दोगुनी और तिगुनी कीमत पर शराब की बिक्री कर सकती है. साथ ही उन पैसों से बिहार में तमाम जगहों पर कल कारखाने खोल सकती है. इससे प्रदेश के युवाओं को नौकरी और रोजगार मिलेंगे. उन्होंने कहा कि अब सत्ता पक्ष के लोग भी इस कानून को लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं. सच्चाई यही है कि बिहार में अभी भी शराब की होम डिलीवरी हो रही है और बड़े अधिकारी इस तस्करी के तार से जुड़े हुए हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.
कांग्रेस विधायक ने साफ-साफ कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर हम लोगों ने भी शपथ ली लेकिन अभी जो हालात बने हुए हैं, उससे स्पष्ट है कि बिहार में शराबबंदी कानून पूरी तरह से फेल है. उन्होंने कहा कि इससे अच्छा होगा सरकार इस कानून को वापस ले. अजीत शर्मा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वापस ले सकते हैं तो फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी कानून को क्यों नहीं वापस कर सकते हैं. ऐसे में मैं तो सीएम से अपील करूंगा कि कम से कम शराबबंदी कानून की समीक्षा तो करिए.
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