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शिक्षक नियोजन समेत कई चुनौतियों से अब तक पार नहीं पाया शिक्षा विभाग, बढ़ रही शिकायतें

शिक्षा विभाग में लगने वाले जनता दरबार में शिकायतों का अंबार लग रहा है. इसके चलते मुख्य सचिव ने अब सभी डीईओ और आरडीडीई को अपने-अपने क्षेत्र में जनता दरबार लगाने का निर्देश जारी किया है. पढ़ें पूरी खबर...

education department of bihar
शिक्षा विभाग
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Published : Oct 22, 2021, 7:05 PM IST

पटना: शिक्षा विभाग (Education Department) के सामने छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Teacher Recruitment) के अलावा भी कई बड़ी चुनौतियां हैं. शिकायतें और परेशानियां किस हद तक हैं, यह हर शुक्रवार को लगने वाले अपर मुख्य सचिव के जनता दरबार से पता चलता है. स्थिति यह हो गई कि शिक्षा विभाग ने अब सभी डीईओ और आरडीडीई को अपने-अपने क्षेत्र में जनता दरबार लगाने का निर्देश जारी किया है.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव की वजह से टल सकती है 67वीं BPSC की परीक्षा

छठे चरण के शिक्षक नियोजन के दौरान कई शिकायतें शिक्षा विभाग को मिली हैं. इसके अलावा पहले से काम कर रहे शिक्षकों की परेशानियां भी कम नहीं हैं. शिक्षा विभाग की ओर से जारी सेवा शर्तों के मुताबिक लाभ भी अब तक शिक्षकों को नहीं मिल पाया है. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी डीईओ को तिथि निर्धारित कर साप्ताहिक रूप से जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया है. वहीं, सभी आरडीडीई को पाक्षिक जनता दरबार लगाकर शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

देखें वीडियो

दरअसल हर शुक्रवार को शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का जनता दरबार लगता है. इस दौरान शिकायतों का अंबार इस हद तक जमा हो जाता है कि अब उन्हें अपर मुख्य सचिव के स्तर से निपटाना भी आसान नहीं है. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के मुताबिक ज्यादातर शिकायतें जिला स्तर की होती हैं, जिन्हें डीईओ और आरडीडीई द्वारा सुलझाया जा सकता है. इसलिए अब इन अधिकारियों को भी नियमित तौर पर जनता दरबार लगाना होगा.

शिक्षा विभाग के इस फरमान पर बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ ने खुशी जताई है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला. प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, 'जो लोग परेशानी की असली वजह हैं. विभाग ने परेशानी के समाधान के लिए लोगों को उनके पास ही भेज दिया है. ऐसे में कितना समाधान हो पाएगा यह सोचने वाली बात है. समस्याओं को सुलझाने की जगह शिक्षा विभाग हमेशा उसे उलझाने में लगा रहता.'

जनता दरबार में आए विद्यार्थियों और शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि वे कई बार विभाग के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. वह एक बार फिर इस उम्मीद से आए हैं कि कहीं अपर मुख्य सचिव उनकी समस्या का समाधान कर दें. हमने इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

शिक्षा विभाग के मुद्दे जो अब तक नहीं सुलझे

  • छात्राओं को प्रोत्साहन राशि मिलने का मामला
  • स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि मिलने का मामला
  • फिजिकल टीचर बहाली का मामला
  • छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन का मामला
  • छठे चरण के माध्यमिक शिक्षक नियोजन का मामला
  • एसटीईटी परीक्षा में मेरिट लिस्ट जारी करने का मामला
  • 34540 शिक्षकों के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन का मामला
  • छठे चरण में चयनित 38 हजार शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच का मामला
  • 2015 से जारी फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का मामला
  • बिहार में कार्यरत शिक्षकों के सेवा शर्त लागू करने का मामला
  • महिला और दिव्यांग समेत पुरुषों के ट्रांसफर का मामला
  • लाखों शिक्षकों की वेतन विसंगति का मामला
  • सरकार द्वारा घोषित 15% वेतन वृद्धि का मामला

यह भी पढ़ें- ...जब पटना के खादी मॉल पहुंचकर चरखा चलाने बैठ गए राष्ट्रपति कोविंद

पटना: शिक्षा विभाग (Education Department) के सामने छठे चरण के शिक्षक नियोजन (Teacher Recruitment) के अलावा भी कई बड़ी चुनौतियां हैं. शिकायतें और परेशानियां किस हद तक हैं, यह हर शुक्रवार को लगने वाले अपर मुख्य सचिव के जनता दरबार से पता चलता है. स्थिति यह हो गई कि शिक्षा विभाग ने अब सभी डीईओ और आरडीडीई को अपने-अपने क्षेत्र में जनता दरबार लगाने का निर्देश जारी किया है.

यह भी पढ़ें- पंचायत चुनाव की वजह से टल सकती है 67वीं BPSC की परीक्षा

छठे चरण के शिक्षक नियोजन के दौरान कई शिकायतें शिक्षा विभाग को मिली हैं. इसके अलावा पहले से काम कर रहे शिक्षकों की परेशानियां भी कम नहीं हैं. शिक्षा विभाग की ओर से जारी सेवा शर्तों के मुताबिक लाभ भी अब तक शिक्षकों को नहीं मिल पाया है. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी डीईओ को तिथि निर्धारित कर साप्ताहिक रूप से जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया है. वहीं, सभी आरडीडीई को पाक्षिक जनता दरबार लगाकर शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

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दरअसल हर शुक्रवार को शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का जनता दरबार लगता है. इस दौरान शिकायतों का अंबार इस हद तक जमा हो जाता है कि अब उन्हें अपर मुख्य सचिव के स्तर से निपटाना भी आसान नहीं है. अपर मुख्य सचिव संजय कुमार के मुताबिक ज्यादातर शिकायतें जिला स्तर की होती हैं, जिन्हें डीईओ और आरडीडीई द्वारा सुलझाया जा सकता है. इसलिए अब इन अधिकारियों को भी नियमित तौर पर जनता दरबार लगाना होगा.

शिक्षा विभाग के इस फरमान पर बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ ने खुशी जताई है, लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला. प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा, 'जो लोग परेशानी की असली वजह हैं. विभाग ने परेशानी के समाधान के लिए लोगों को उनके पास ही भेज दिया है. ऐसे में कितना समाधान हो पाएगा यह सोचने वाली बात है. समस्याओं को सुलझाने की जगह शिक्षा विभाग हमेशा उसे उलझाने में लगा रहता.'

जनता दरबार में आए विद्यार्थियों और शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि वे कई बार विभाग के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. वह एक बार फिर इस उम्मीद से आए हैं कि कहीं अपर मुख्य सचिव उनकी समस्या का समाधान कर दें. हमने इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार से बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

शिक्षा विभाग के मुद्दे जो अब तक नहीं सुलझे

  • छात्राओं को प्रोत्साहन राशि मिलने का मामला
  • स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि मिलने का मामला
  • फिजिकल टीचर बहाली का मामला
  • छठे चरण के प्राथमिक शिक्षक नियोजन का मामला
  • छठे चरण के माध्यमिक शिक्षक नियोजन का मामला
  • एसटीईटी परीक्षा में मेरिट लिस्ट जारी करने का मामला
  • 34540 शिक्षकों के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन का मामला
  • छठे चरण में चयनित 38 हजार शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच का मामला
  • 2015 से जारी फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का मामला
  • बिहार में कार्यरत शिक्षकों के सेवा शर्त लागू करने का मामला
  • महिला और दिव्यांग समेत पुरुषों के ट्रांसफर का मामला
  • लाखों शिक्षकों की वेतन विसंगति का मामला
  • सरकार द्वारा घोषित 15% वेतन वृद्धि का मामला

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