पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar In Patna) में बेतिया से आए एक फरियादी ने अपनी समस्या रखी. उसने सीएम से कहा कि सर मैं जेपी आंदोलन (JP Movement) के समय विधानसभा भंग करने को लेकर जेल गया था, लेकिन पेंशन आज तक नहीं मिला. फरियादी की समस्या सुनते ही नीतीश कुमार ने कहा कि पहले तो आप अपना जरा मास्क हटाइये. फिर सीएम ने पूछा कि इस बात को इतना समय हो गया तो आप आज काहे आए.
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सीएम के दरबार में आए फरियादी ने कहा कि सर मैं बेतिया से आया हूं.रामपुकार मिश्र मेरा नाम है. मैं 1974 में विधानसभा भंग कराने को लेकर जेल गया था. मुझे पेंशन नहीं मिलता है. हम आईपीसी धारा में है. सर आपका आदेश होगा तभी मिलेगा. हम उस लिस्ट में शामिल नहीं हैं.
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फरियादी की फरियाद सुनने के बाद सीएम ने कहा "पेंशन मिलने के लिए तो कमेटी बना दिया गया था. सारा कुछ किया गया, सब हो गया.पहले क्यों नहीं कहे भई, ये आज की बात तो नहीं है. जितने भी लोग थे, जेपी सेनानी में उन सब लोगों के लिए पहले से नियम तय कर दिया गया है. उसके लिए हम सब मिलकर एक-एक काम कर दिए हैं. अब तो कोई कमेटी भी नहीं है, बहुत पुरानी बात हो गई.
अब आज आप कैसे कहने आए हैं. आवेदन के लिए कमेटी थी सबकुछ था. सबसे आवेदन मांगा गया था. अब ऐसा थोड़ी है कि कोई बचा हुआ है, जिसे पेंशन नहीं दिया जा रहा. मास्क आप अपना नीचे करिये. जिसको मिलना है उसी को न मिलेगा. भई पहले ना कहना चाहिए था.- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
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रामपुकार मिश्र की बात सुनते ही सीएम ने तुरंत होम सेक्रेटरी को फोन लगवाया और फटकार लगाते हुए कहा कि "अरे भई जेपी मूवमेंट वाले को पेंशन नहीं मिला. इनकी पूरी बात सुन लीजिए. पूरे मामले को देखिए. उस समय हमलोग नियम बनाए थे, सबको मिलना था. अगर इस आदमी को नहीं मिल रहा है तो मिलना चाहिए था. साथ ही सीएम ने फटकार लगाते हुए होम सेक्रेटरी को कहा कि सोच लीजियेगा ये मामला हमारे नोटिस में रहेगा.
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बता दें कि अक्टूबर महीने के पहले सोमवार के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार आज मुख्यमंत्री पुलिस व जमीन से जुड़े मामले सुने रहे हैं. जनता दरबार में गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, निगरानी, खान एवं भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतें सुनी जाती हैं. इसके लिए पहले से ही आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है.
जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.