पटना: अंग्रेजों ने बिहार को अलग प्रांत के रुप में 22 मार्च 1912 को नोटिफाई किया था. इसके आधार पर हम लोगों ने 22 मार्च को बिहार दिवस मनाना तय किया. वर्ष 2010 में हम लोगों ने पटना के गांधी मैदान में भव्य बिहार दिवस मनाकर कार्यक्रम की शुरुआत की थी. वर्ष 2012 में 100 साल पूरे होने पर बिहार दिवस खास तरीके से आयोजित किया गया था. बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. यह ज्ञान की भूमि है. पूर्व में बिहार काफी विकसित रहा है. पटना जो पहले पाटलिपुत्र कहलाता था, यहीं से बहुत बड़े क्षेत्र पर शासन होता था.
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''बिहार दिवस के आयोजन की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग को दी गई है. शिक्षा विभाग की लोगों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है. बिहार दिवस मनाने का मकसद है कि बिहार को हम सब मिलकर आगे बढ़ाएं और बिहार को विकसित करें. सब लोगों के मन में आत्मविश्वास बढ़े, सभी लोग प्रेम और आपसी भाईचारे के साथ मिलकर बिहार को आगे बढ़ाएं''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
'गौरवशाली इतिहास को फिर करेंगे हासिल'
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो बिहार के गौरवशाली इतिहास को एक बार फिर से प्राप्त कर लेंगे और बिहार के साथ देश और पूरी दुनिया में अपनी पहचान फिर से स्थापित कर लेंगे. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कार्य किए गए हैं. शहरों के अंदर बाईपास का निर्माण कराए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है. लोगों को तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है.
'जल-जीवन-हरियाली के तहत हुए काम'
सीएम ने शिक्षा विभाग को बधाई देते हुए कहा कि बिहार दिवस के अवसर पर इस बार का थीम जल-जीवन-हरियाली रखा गया है. पर्यावरण संरक्षण के लिए 13 जुलाई, 2019 को सभी विधायकों और विधान पार्षदों के साथ बैठक हुई थी. जिसमें जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. जल-जीवन-हरियाली अभियान का मतलब है, जल और हरियाली है तभी जीवन सुरक्षित है. इस अभियान के तहत 11 अवयवों को शामिल किया गया है.
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'जल स्रोतों को कराया अतिक्रमण मुक्त'
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 15 हजार 229 जल स्त्रोतों और तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया है. 5 जून 2020 से 9 अगस्त तक 2 करोड़ 51 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन 3 करोड़ 90 लाख से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया. 941 सरकारी भवनों पर सौर उर्जा के संयंत्र स्थापित किए गए हैं. बिहार में किए जा रहे कार्यों के संबंध में यूनाइटेड नेशंस में भी चर्चा हुई.
'शराबबंदी को लेकर रहना है सचेत'
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर बापू के विचारों को 10 से 15 प्रतिशत लोग अपना लें तो बिहार भी आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा. वर्ष 1917 में बापू बिहार आए थे और 30 सालों के बाद ही देश आजाद हो गया. बापू की इच्छा थी कि शराबबंदी हो, नशाबंदी हो. महिलाओं की मांग पर ही हमने राज्य में शराबबंदी लागू की. शराबबंदी को लेकर सभी को सचेत रहना है, क्योंकि कुछ गड़बड़ करने वाले लोग लगे रहते हैं.
'राज्य का हरित आवरण 15% बढ़ा'
हम लोग जल के संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. बिहार से झारखंड अलग हुआ तो बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत था. वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत की गई. 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से 19 करोड़ पौधे लगाए गए. अब राज्य का हरित आवरण बढ़कर 15 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है.
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'कोरोना काल में सतर्क रहने की जरूरत'
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई देशों में और भारत के कई राज्यों में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है. अपने यहां भी कोरोना के मामले कुछ बढ़े हैं. होली को देखते हुए हम सभी लोगों को और सतर्क रहने की जरुरत है. हम अपील करते हैं कि कोरोना को लेकर सभी लोग सजग और सचेत रहें. कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया. कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चैधरी, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा संजय कुमार ने भी संबोधित किया.