पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब 4 घंटे तक पार्टी कार्यालय में रहे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. पूरे प्रदेश से आए कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को अपना फीडबैक दिया. कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर से जातीय जनगणना की वकालत की. वहीं, आरक्षण को लेकर भी कहा कि बिहार में तो पहले से आरक्षण की व्यवस्था है, उसमें कोई बदलाव नहीं हो रहा है.
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आरक्षण को लेकर सीएम की सफाई
जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक के आरक्षण वाले ट्वीट पर सीएम नीतीश कुमार को सफाई देना पड़ी. उन्होंने बिना नाम लिए ही कहा कि आरक्षण का लाभ जिन्हें मिल रहा है, उनके परिवार को ये लाभ मिलते रहना चाहिए. इसे रोकने का सवाल ही नहीं है. बिहार में पहले से ही आरक्षण की व्यवस्था है. बिहार में पिछड़े और अति पिछड़े को अलग-अलग आरक्षण है. हम चाहते हैं कि केंद्र में भी ऐसी व्यवस्था हो.
''जातीय जनगणना को लेकर हमने विधानसभा से भी 2 बार प्रस्ताव भेजा था. हम लोग चाहते हैं कि एक बार जातीय आधार पर जनगणना हो''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
बता दें कि अजय आलोक ने ट्वीट कर कहा था कि परिवार में किसी एक सदस्य को आरक्षण का फायदा मिल जाए. उसके बाद ये सिलसिला बंद होना चाहिए. हालांकि नीतीश कुमार ने जाति के आधार पर जनगणना की मांग एक बार फिर की है. लालू प्रसाद यादव भी यो मांग करते आए हैं.
'सब कुछ मेरे हाथ में तो नहीं'
इसके अलावा दूसरे दल के नेताओं के मिलने पर मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि सभी दल के एमएलए और एमएलसी मिलते हैं. कन्हैया कुमार भी पहले हमसे मिल चुके हैं. साथ ही सीएम नीतीश ने बजट सत्र पर कहा कि कोरोना को लेकर एहतियात बरती जा रही है. इससे कोई परेशानी नहीं होगी. राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाले एमएलसी सीटों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो भरना चाहते हैं, लेकिन सब कुछ मेरे हाथ में तो नहीं है.
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सीएम ने कार्यकर्ताओं से की मुलाकात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव के बाद लगातार पार्टी के संगठन पर ध्यान दे रहे हैं और कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी ले रहे हैं. कोरोना के समय मुख्यमंत्री आवास में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलना बंद कर दिया है. लेकिन पार्टी कार्यालय में जरूर हर सप्ताह आते हैं और कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से मिलने के लिए बुलाते हैं. आज भी 100 से अधिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.