पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम और बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन की समीक्षा हुई. जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 जून 2016 को बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की शुरुआत की गई. लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए इस कानून को लाया गया. हमलोगों का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों की शिकायतों का समाधान हो, समाज में तनाव घटे, शांति बनी रहे और आपसी विवाद खत्म हो.
संपत्ति और भूमि विवाद में 60 फीसदी क्राइम
नीतीश कुमार ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक क्राइम का कारण संपत्ति और भूमि विवाद है. लोक शिकायत निवारण कानून के अंतर्गत भूमि संबंधी समस्या, बिजली बिल, सड़कों, ब्रिज के मेंटेनेंस आदि जैसे कई विषयों को इसमें शामिल किया गया है. अब लोग पथों, पुलों के मेंटेन नहीं रहने पर इस कानून के अंतर्गत अपनी शिकायतें दर्ज कराएंगे. जिसकी जांच के बाद संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
तय समय में करें शिकायतों का निराकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में इन कानूनों के क्रियान्वयन का नियमित गहन अनुश्रवण करें. ताकि कार्यान्वयन में और बेहतर सुधार किया जा सके. शिकायतों का तय अवधि में निराकरण हो, अपील का डिस्पोजल समय पर कराना सुनिश्चित करें. अन्य प्रचार माध्यमों के साथ-साथ लोक चौपाल के जरिए लोगों को इन कानूनों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें. ताकि वे इसका लाभ उठा सकें.
सीएम नीतीश की समीक्षा बैठक की बड़ी बातें….
- सभी जिलों में इन कानूनों के क्रियान्वयन का नियमित गहन अनुश्रवण करें. ताकि कार्यान्वयन में और बेहतर सुधार किया जा सके.
- शिकायतों का तय अवधि में निराकरण हो, अपील का डिस्पोजल समय पर कराना सुनिश्चित करें.
- अन्य प्रचार माध्यमों के साथ-साथ लोक चौपाल के जरिए लोगों को इन कानूनों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दें. ताकि वे इसका लाभ उठा सकें.
- बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अब तक 25 करोड़ से अधिक आवेदकों ने आवेदन देकर इस कानून के माध्यम से सेवा ली है.
- सभी विभागों के लोक सेवाओं को एक प्लेट फार्म पर लायें. ताकि लोगों को और सुविधा हो सके.
- हमलोगों का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोगों की शिकायतों का समाधान हो, समाज में तनाव घटे, शांति बनी रहे और आपसी विवाद खत्म हो.
25 करोड़ आवेदकों ने इस कानून की सुविधा ली
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण, परिणाम, उपलब्धियां एवं जनजागरुकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. इसके साथ ही बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी की अपर मिशन निदेशक प्रतिमा एस वर्मा ने विभागवार सेवा प्रादयगी की स्थिति, ऑनलाइन आवेदन की स्थिति विभागवार परिवाद प्राप्त होने की स्थिति आदि के संबंध में जानकारी दी. जिसके बाद नीतीश कुमार ने कहा कि अब तक 25 करोड़ से अधिक आवेदकों ने आवेदन देकर इस कानून के माध्यम से सेवा ली है. उन्होंने कहा कि सभी विभागों के लोक सेवाओं को एक प्लेट फार्म पर लायें ताकि लोगों को और सुविधा हो सके.
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समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सेवाएं प्रदान करने के लिए जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर केंद्र बनाए गए हैं. पहले प्रमाण-पत्र लेने के लिए काफी समय एवं खर्च लगता था. अब इसकी शुरुआत होने से लोगों को निश्चित समय के अंदर सेवाएं दी जा रही हैं. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे. जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी जुड़े थे.