पटना : शिक्षाविद डॉ. कन्हैया सिंह ने कहा कि वे लोग सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का झूठा गुणगान करते करते थक गए थे. पार्टी में अति पिछड़ा समाज के साथ भी न्याय नहीं हो रहा है. कन्हैया सिंह ने कहा कि अति पिछड़ा समाज का दंभ भरनेवाली जदयू में अतिपिछड़ा समाज (most Backward Society in JDU) को क्या मिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, संसदीय बोर्ड अध्यक्ष सहित सभी महत्वपूर्ण पद पर गैर अतिपिछड़ा समाज के लोग कब्जा किए हुए हैं. यहां बाहर से आयातित नेता को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष व अन्य राष्ट्रीय स्तर का पद दिया जा रहा है. इसलिए यह समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा है.
तारापुर में जदयू उम्मीदवार की जीत के बाद हमलोगों को कर दिया गया बाहर : जीत डॉ सिंह ने कहा कि तारापुर के चुनाव में आरसीपी सिंह व उनकी पूरी टीम मेहनत के साथ अपने संसाधन से जमकर प्रचार की, वहां जदयू के उम्मीदवार जीत गए. बाद में हमलोगों को संगठन से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का तन और मन अलग होने की बात मुख्यमंत्री की ओर इशारा करता है कि वर्तमान में सीएम का तन एनडीए के साथ है और मन कहीं और विचरण कर रहा है. इसीलिए उन्होंने नीति आयोग की बैठक से दूरी बना ली.
ये भी पढ़ें :- BJP से अलग होकर भी CM नीतीश आसानी से बना सकेंगे बिहार में सरकार, ऐसा होगा राजनीतिक समीकरण
अति पिछड़ा समाज के कई नेताओं ने दिया इस्तीफा : पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामचन्द्र प्रसाद सिंह के जदयू से इस्तीफे के बाद जदयू से अति पिछड़ा समाज के कई नेताओं ने इस्तीफा दिया. इस्तीफा देनेवाले नेताओं में जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष व सारण के वरीय नेता संतोष महतो, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ (दक्षिण बिहार) प्रवीण चन्द्रवंशी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ (उत्तर बिहार) संजय मलाकार, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह, अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के मुख्यालय प्रभारी रोहन प्रजापति, प्रदेश सचिव डॉ. शशि भूषण प्रजापति, अजय कुमार चन्द्रवंशी नवादा के अलावा शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कन्हैया सिंह, पूर्व प्रदेश महासचिव डॉ. विपिन यादव, कनक सिन्हा, आलोक बर्द्धन, प्रदेश सचिव डॉ.श्वेता आर्या, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व्यावसायिक प्रकोष्ठ धनजी प्रसाद, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बुनकर प्रकोष्ठ राजेश पाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सेवादल विशन कुमार बिट्टू, सन्नी पटेल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व्यावसायिक प्रकोष्ठ उपेन्द्र विभूति, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समाज सुधार वाहिनी, डॉ. ललिता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष समाज सुधार सेनानी जीतेन्द्र नीरज, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कलमजीवि प्रकोष्ठ डॉ. प्रभात चन्द्रा, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष समाज सुधार वाहिनी संजु कुमारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष अमर कुमार सिन्हा, दानापुर के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी रहे अभिषेक सिंह, जहानाबाद के लोकसभा क्षेत्र प्रभारी रहे भगीरथ कुशवाहा, सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे अमित सिंह, प्रिंस पटेल, सत्येन्द्र सिंह, सुजीत कुमार, राज्य परिषद सदस्य मुन्ना सिद्दीकी, पूर्व संगठन प्रभारी कमर आलम, पूर्व सचिव अतिपिछड़ा रिजवान आलम, सरफराज अहमद पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ अमित सिंह, कमलेश कुमार सिंह, रविरंजन सिंह, पूनम झा, नेहा निश्चल, बुनकर प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो. आदिल, सत्येन्द्र कुशवाहा, अमितेष पटेल, मुकेश सिंह, राजीव रंजन सिन्हा,विनय यादव, मुकुन्द शर्मा, जयंती पटेल, सुमन पटेल, विपिन पटेल, नीरज राय, अजय चन्द्रवंशी सहित सैकड़ो नेता शामिल है.
प्रदेश में शिक्षा की स्थिति बदहाल : कन्हैया सिंह ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की स्थिति बदहाल है और रोजगार के लिए युवा प्रदेश से पलायन कर रहे हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट में भी बिहार की शिक्षा को बदहाल बताया गया है. बिहार के बच्चे इंजीनियर डॉक्टर बनते हैं और वे बिहार लौटकर नहीं आते, क्योंकि यहां का संरचनात्मक ढांचा अबतक नहीं सुधरा है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के भवन तो बन गए, मगर वहां बच्चों को पढ़ानेवाले शिक्षक नहीं हैं. प्लस टू विद्यालय में प्रयोगशाला नहीं है, वहां बच्चों को प्राइमरी व हाई स्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं.
ये भी पढ़ें :- RCP की मोदी भक्ति JDU को रास नहीं आई, पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी