पटना: जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर बिहार की राजनीति (Bihar Politics) पिछले कुछ दिनों से गरमायी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र भी लिखा था. अब सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) को प्रधानमंत्री ने मिलने का वक्त दे दिया है. सीएम ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने वाले शिष्टमंडल में सभी दलों के लोग शामिल रहेंगे.
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"प्रधानमंत्री ने 23 अगस्त को मिलने का समय दे दिया है. इस मुलाकात में तेजस्वी यादव भी रहेंगे, क्योंकि उन्हीं की तरफ से प्रस्ताव आया था. उसके बाद हमने प्रधानमंत्री को पत्र भेजा था. साथ ही बीजेपी के लोग भी शामिल होंगे, उनसे भी सूची मांगी गई है." - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
बात दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल फागू चौहान से मिलने आज अचानक राजभवन पहुंचे. बिहार में आधा दर्जन विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद रिक्त पड़े हैं. बताया जा रहा है कि कुलपति नियुक्ति को लेकर यह मुलाकात हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कुलपति नियुक्ति को लेकर नोटिफिकेशन जारी होना है. ऐसे में उसी मुद्दे पर चर्चा हुई है. वहीं, आरजेडी में विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'उस पर मुझे कुछ नहीं बोलना है, यह उनका आंदरूनी मामला है.'
बता दें कि जेडीयू और आरजेडी के साथ-साथ सभी विपक्षी पार्टियां जातीय जनगणना के पक्ष में हैं. प्रधानमंत्री को 4 अगस्त को ही पत्र लिखकर मुख्यमंत्री ने समय मांगा था. प्रधानमंत्री से समय मिलने में लंबा समय लग गया और इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार हमला करते रहे. अब सब की नजर इस महत्वपूर्ण मुलाकात पर है.
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दरअसल, बिहार के कई विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं और प्रभारी कुलपतियों के भरोसे विश्वविद्यालयों का काम चलाया जा रहा है. विश्वविद्यालयों में वीसी ही नहीं प्रो वीसी का पद भी लंबे समय से खाली पड़े हैं. बिहार के 14 विश्वविद्यालयों में से 5 विश्वविद्यालयों में कुलपति का पद प्रभार में चल रहा है. राजभवन और सरकार जिस प्रकार से कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर काम कर रही है. इस पर शिक्षा विशेषज्ञ सवाल खड़े कर रहे हैं.
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