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CM नीतीश कुमार ने कोरोना और बाढ़ पर सरकार का रखा पक्ष, कहा- हम चैन से नहीं बैठे हैं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एंटीजन टेस्ट से 15 मिनट में रिपोर्ट आती है. अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव है, तो कोई शंका नहीं एंटीजन टेस्ट हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया जा रहा है. संक्रमित व्यक्ति वहां जाकर अपना इलाज करा सकता है.

देखें पूरी रिपोर्ट
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Published : Aug 3, 2020, 4:23 PM IST

पटना: सोमवार को बिहार विधानमंडल का एक दिवसीय मानसून सत्र राजधानी के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में आयोजित हुआ. बिहार विधान मंडल भवन के बाहर पहली बार हो रहा ये आयोजन कई मायनों में ऐतिहासिक है. ज्ञान भवन के पहले तल पर बिहार विधान परिषद, जबकि दूसरे तल पर स्थित प्रेक्षागृह में विधान सभा की बैठक हुई.

'मई महीने के बाद बिहार में स्थिति हुई ज्यादा खराब'
मानसून सत्र में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 16 मार्च को ही कोविड के कारण विधानसभा का सत्र स्थगित किया गया था. उस समय इस वायरस के बारे में जो जानकारी मिली थी, उसमें वर्तमान में कई बदलाव हुए है. नीतीश कुमार ने कहा कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लागू किया गया है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मई महीनों के बाद बिहार में स्थिति ज्यादा खराब हुई है. लॉकडाउन के बीच रेलवे की ओर से ट्रेन चलाकर लोगों को लाया गया और केंद्र सरकार की ओर से जो भी जानकारी दी गई, उसमें कई बदलाव देखने को मिले.

देखें पूरी रिपोर्ट

'बहुत ज्यादा आबादी होने के कारण बढ़ी परेशानी'
सीएम नीतीश ने कहा कि जीविका के जरिए मास्क बनाए गए. बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटीन सेंटर में 14 दिनों तक रखा गया. इस दौरान एक व्यक्ति पर 5,300 रुपये खर्च किए गए. नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान स्थिति में कब क्या होगा, यह कहना मुश्किल है. इस समय हमें सबसे ज्यादा सचेत रहना पड़ेगा. कुछ लोग सिर्फ ट्वीट करते रहते है. सोशल मीडिया सबसे ज्यादा अनसोशल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आबादी बहुत ज्यादा होने के कारण परेशानी बढ़ी है.

हम लोग चैन से नहीं बैठे है- नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एंटीजन टेस्ट से 15 मिनट में रिपोर्ट आती है. अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव है, तो कोई शंका नहीं. एंटीजन टेस्ट हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कराया जा रहा है. संक्रमित व्यक्ति वहां जाकर अपना इलाज करा सकता है. सीएम ने कहा कि हम चैन से नहीं बैठे है. केंद्र सरकार की ओर से संसाधन मिल रहे है. इसके अलावा राज्य सरकार भी संसाधन खरीद रही है. 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा सुरक्षित रहने की जरूरत है. इस संक्रमण का संबंध किसी इलाके और किसी धर्म से नहीं है. कभी भी किसी को भी संक्रमण हो सकता है.

पटना: सोमवार को बिहार विधानमंडल का एक दिवसीय मानसून सत्र राजधानी के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में आयोजित हुआ. बिहार विधान मंडल भवन के बाहर पहली बार हो रहा ये आयोजन कई मायनों में ऐतिहासिक है. ज्ञान भवन के पहले तल पर बिहार विधान परिषद, जबकि दूसरे तल पर स्थित प्रेक्षागृह में विधान सभा की बैठक हुई.

'मई महीने के बाद बिहार में स्थिति हुई ज्यादा खराब'
मानसून सत्र में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 16 मार्च को ही कोविड के कारण विधानसभा का सत्र स्थगित किया गया था. उस समय इस वायरस के बारे में जो जानकारी मिली थी, उसमें वर्तमान में कई बदलाव हुए है. नीतीश कुमार ने कहा कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लागू किया गया है. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मई महीनों के बाद बिहार में स्थिति ज्यादा खराब हुई है. लॉकडाउन के बीच रेलवे की ओर से ट्रेन चलाकर लोगों को लाया गया और केंद्र सरकार की ओर से जो भी जानकारी दी गई, उसमें कई बदलाव देखने को मिले.

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'बहुत ज्यादा आबादी होने के कारण बढ़ी परेशानी'
सीएम नीतीश ने कहा कि जीविका के जरिए मास्क बनाए गए. बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटीन सेंटर में 14 दिनों तक रखा गया. इस दौरान एक व्यक्ति पर 5,300 रुपये खर्च किए गए. नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान स्थिति में कब क्या होगा, यह कहना मुश्किल है. इस समय हमें सबसे ज्यादा सचेत रहना पड़ेगा. कुछ लोग सिर्फ ट्वीट करते रहते है. सोशल मीडिया सबसे ज्यादा अनसोशल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की आबादी बहुत ज्यादा होने के कारण परेशानी बढ़ी है.

हम लोग चैन से नहीं बैठे है- नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एंटीजन टेस्ट से 15 मिनट में रिपोर्ट आती है. अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव है, तो कोई शंका नहीं. एंटीजन टेस्ट हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कराया जा रहा है. संक्रमित व्यक्ति वहां जाकर अपना इलाज करा सकता है. सीएम ने कहा कि हम चैन से नहीं बैठे है. केंद्र सरकार की ओर से संसाधन मिल रहे है. इसके अलावा राज्य सरकार भी संसाधन खरीद रही है. 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ज्यादा सुरक्षित रहने की जरूरत है. इस संक्रमण का संबंध किसी इलाके और किसी धर्म से नहीं है. कभी भी किसी को भी संक्रमण हो सकता है.

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