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स्पीकर से नोकझोंक के सवाल पर कन्नी काट गए CM नीतीश.. बिना जवाब दिए चलते बने मुख्यमंत्री - Bihar Legislative Assembly

सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar At Maner Dargah) मंगलवार को सदन की कार्यवाही में नहीं गए लेकन मनेर दरगाह पर चादर पोशी करने पहुंचे थे. इसपर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम हर साल आते थे लेकिन कोरोना काल के दौरान नहीं आ सके. वहीं जब उनसे बिहार विधानसभा में स्पीकर से हुई बहस के बारे में पूछा गया तो वे कन्नी काटते हुए बचकर निकल गए.

CM Nitish Kumar silent on questions of speaker vijay sinha issue
CM Nitish Kumar silent on questions of speaker vijay sinha issue
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Published : Mar 15, 2022, 6:35 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Legislative Assembly) के दौरान सीएम नीतीश कुमार और स्पीकर विजय सिन्हा के बीच हुई बहस (Speaker Vijay Sinha Issue ) को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. इतना ही नहीं मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नहीं आए. इसपर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी सदस्यों ने सीएम से आसन से माफी मांगने या इस्तीफा देने की मांग की. वहीं सीएम भी सदन तो नहीं पहुंचे लेकिन मनेर दरगाह पर दुआ करने पहुंचे थे. जब उनसे विधानसभा अध्यक्ष से हुई बहस को लेकर सवाल किया गया तो वे सवाल अनसुना (CM Nitish Kumar Silent On Questions Of Speaker) कर चलते बने.

पढ़ें- कोरोना काल के बाद पहली बार मनेर दरगाह पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, चादर पोशी कर की अमन चैन की दुआ

कार्यवाही में नहीं आए विजय सिन्हा: आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. विजय सिन्हा की जगह डॉक्टर प्रेम कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. मुख्यमंत्री के व्यवहार से भाजपा नेताओं में नाराजगी है और भाजपा खेमे से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

पढ़ें: जिस BJP विधायक के सवाल पर स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, उन्होंने बताई विवाद की असली वजह

सीएम और स्पीकर नहीं पहुंचे विधानसभा: बिहार विधानसभा में जो कुछ भी हुआ उसने एक बार फिर से डबल इंजन की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बीजेपी और जदयू एक बार फिर से आमने सामने नजर आ रही है. इन सबके बीच सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को सदन में तो नहीं गए लेकिन मनेर दरगाह चादरपोशी करने पहुंचे. इस पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दरगाह नहीं आ सके थे. आज चादरपोशी करके बहुत खुशी हो रही है. राज्य में अमन-चैन, भाईचारा हो इसके लिए हम सालों से काम कर रहे हैं. हमने किस तरह के माहौल को बनाने का काम किया है आप तो देख ही रहे हैं. ऐसा ही माहौल बना रहे, यही दुआ करने आए थे.

पढ़ें: नीतीश कुमार पर भड़के चिराग के प्रवक्ता, कहा- 'ऐसा लगा कि सदन में स्पीकर को खुलेआम धमकी दे रहे थे CM'

सीएम ने कहा: वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कई वर्षों से हम आते रहे हैं. बीच में कोरोना के कारण यहां नहीं आ पाए थे. लेकिन इस बार मौका मिला तो आए हैं और चादर पोशी की. साथ ही चरण स्पर्श भी किया. प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी ताकि प्रदेश में शांति बनी रहे और भाईचारे के साथ सभी लोग अपना पर्व मनाएं, यही कामना करता हूं. प्रदेश की जनता हमारी सरकार में काफी अमन चैन के साथ रहती है और अपना हर पर्व मानती है.

पढ़ें- बिहार विधानसभा में स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, विपक्ष ने दी नसीहत- 'सदन की गरिमा की चिंता करे NDA'

सीएम नीतीश ने की अमन चैन की दुआ: बता दें कि राजधानी पटना के मनेर में हजरत मखदूम शाह दौलत याहिया मनेरी का 753 वां उर्स (753rd Urs In Maner Dargah) चल रहा है. अपने लाव लश्कर के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मनेर दरगाह पहुंचे. खानकाह पहुंचते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत खानकाह के गद्दीनशी सईद शाह तारिक़ इनायततुला फ़िरदौसी ने किया. उसके बाद नीतीश कुमार ने तजकिरा मखदूम ए मनेर नामक पुस्तक का विमोचन (Nitish Kumar released book in Maner) किया. इसके बाद नीतीश कुमार ने मनेर खानकाह स्थित मखदूम के हुजरे में रखे उनके कदमों के निशान वाले मन्नत पत्थर और उनके पैदाइश के वक्त वाली चौकी को नमन करते हुए आशीर्वाद लिया.

पढ़ें- VIDEO : बिहार विधानसभा में आगबबूला हुए CM नीतीश, बोले- आप खुलेआम कर रहे संविधान का उल्लंघन

क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को लखीसराय में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी और दो स्टेशन हाउस अधिकारियों ने स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार किया था. विधानसभा में यह मामला उठाए जाने के बाद इस मामले को सदन विशेषाधिकार समिति देख रही है. गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पिछले एक महीने में बिहार के लखीसराय में अपराध में वृद्धि के संबंध में एक संक्षिप्त प्रश्न का का जवाब दिया था. जब बीजेपी सदस्य संजय सरावगी ने कहा कि पुलिस ने स्पीकर के साथ बदसलूकी के मामले में अब तक पूरी कार्रवाई नहीं है, इस पर विजय सिन्‍हा ने बिजेंद्र यादव से दो दिन में फिर से जवाब देने को कहा.

आगबबूला हुए CM नीतीश: विधानसभा में लखीसराय के मामले पर सवाल जवाब का दौर चलने की कार्यवाही को सीएम नीतीश कुमार विधानसभा के अपने कक्ष में देख रहे थे. सदन में मामले को उठता देख सीएम नीतीश तत्काल सदन में पहुंचे और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार की ओर से जांच की जा रही और विशेषाधिकार समिति का एक मामला बार-बार विधानसभा में उठाया गया जा रहा है. रिपोर्ट को देख रही विशेषाधिकार समिति अपनी राय देगी, इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा. इसलिए इस मामले को सदन में बार-बार उठाया जाना जायज नहीं है. सदन की कार्यवाही ऐसे नहीं चलती है.

विधानसभा अध्यक्ष बोले- 'आप ही बता दीजिए कैसे चलता है सदन': वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगा उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार क्यों गंभीरता से नहीं ली? पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.

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पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र (Bihar Legislative Assembly) के दौरान सीएम नीतीश कुमार और स्पीकर विजय सिन्हा के बीच हुई बहस (Speaker Vijay Sinha Issue ) को लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है. इतना ही नहीं मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नहीं आए. इसपर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी सदस्यों ने सीएम से आसन से माफी मांगने या इस्तीफा देने की मांग की. वहीं सीएम भी सदन तो नहीं पहुंचे लेकिन मनेर दरगाह पर दुआ करने पहुंचे थे. जब उनसे विधानसभा अध्यक्ष से हुई बहस को लेकर सवाल किया गया तो वे सवाल अनसुना (CM Nitish Kumar Silent On Questions Of Speaker) कर चलते बने.

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कार्यवाही में नहीं आए विजय सिन्हा: आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे. विजय सिन्हा की जगह डॉक्टर प्रेम कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाला. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. मुख्यमंत्री के व्यवहार से भाजपा नेताओं में नाराजगी है और भाजपा खेमे से भी विरोध के स्वर उठने लगे हैं.

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सीएम और स्पीकर नहीं पहुंचे विधानसभा: बिहार विधानसभा में जो कुछ भी हुआ उसने एक बार फिर से डबल इंजन की सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बीजेपी और जदयू एक बार फिर से आमने सामने नजर आ रही है. इन सबके बीच सीएम नीतीश कुमार मंगलवार को सदन में तो नहीं गए लेकिन मनेर दरगाह चादरपोशी करने पहुंचे. इस पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल में दरगाह नहीं आ सके थे. आज चादरपोशी करके बहुत खुशी हो रही है. राज्य में अमन-चैन, भाईचारा हो इसके लिए हम सालों से काम कर रहे हैं. हमने किस तरह के माहौल को बनाने का काम किया है आप तो देख ही रहे हैं. ऐसा ही माहौल बना रहे, यही दुआ करने आए थे.

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सीएम ने कहा: वहीं इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कई वर्षों से हम आते रहे हैं. बीच में कोरोना के कारण यहां नहीं आ पाए थे. लेकिन इस बार मौका मिला तो आए हैं और चादर पोशी की. साथ ही चरण स्पर्श भी किया. प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी ताकि प्रदेश में शांति बनी रहे और भाईचारे के साथ सभी लोग अपना पर्व मनाएं, यही कामना करता हूं. प्रदेश की जनता हमारी सरकार में काफी अमन चैन के साथ रहती है और अपना हर पर्व मानती है.

पढ़ें- बिहार विधानसभा में स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, विपक्ष ने दी नसीहत- 'सदन की गरिमा की चिंता करे NDA'

सीएम नीतीश ने की अमन चैन की दुआ: बता दें कि राजधानी पटना के मनेर में हजरत मखदूम शाह दौलत याहिया मनेरी का 753 वां उर्स (753rd Urs In Maner Dargah) चल रहा है. अपने लाव लश्कर के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मनेर दरगाह पहुंचे. खानकाह पहुंचते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वागत खानकाह के गद्दीनशी सईद शाह तारिक़ इनायततुला फ़िरदौसी ने किया. उसके बाद नीतीश कुमार ने तजकिरा मखदूम ए मनेर नामक पुस्तक का विमोचन (Nitish Kumar released book in Maner) किया. इसके बाद नीतीश कुमार ने मनेर खानकाह स्थित मखदूम के हुजरे में रखे उनके कदमों के निशान वाले मन्नत पत्थर और उनके पैदाइश के वक्त वाली चौकी को नमन करते हुए आशीर्वाद लिया.

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क्या है पूरा मामला: 10 फरवरी को लखीसराय में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी और दो स्टेशन हाउस अधिकारियों ने स्पीकर के साथ दुर्व्यवहार किया था. विधानसभा में यह मामला उठाए जाने के बाद इस मामले को सदन विशेषाधिकार समिति देख रही है. गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पिछले एक महीने में बिहार के लखीसराय में अपराध में वृद्धि के संबंध में एक संक्षिप्त प्रश्न का का जवाब दिया था. जब बीजेपी सदस्य संजय सरावगी ने कहा कि पुलिस ने स्पीकर के साथ बदसलूकी के मामले में अब तक पूरी कार्रवाई नहीं है, इस पर विजय सिन्‍हा ने बिजेंद्र यादव से दो दिन में फिर से जवाब देने को कहा.

आगबबूला हुए CM नीतीश: विधानसभा में लखीसराय के मामले पर सवाल जवाब का दौर चलने की कार्यवाही को सीएम नीतीश कुमार विधानसभा के अपने कक्ष में देख रहे थे. सदन में मामले को उठता देख सीएम नीतीश तत्काल सदन में पहुंचे और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार की ओर से जांच की जा रही और विशेषाधिकार समिति का एक मामला बार-बार विधानसभा में उठाया गया जा रहा है. रिपोर्ट को देख रही विशेषाधिकार समिति अपनी राय देगी, इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा. इसलिए इस मामले को सदन में बार-बार उठाया जाना जायज नहीं है. सदन की कार्यवाही ऐसे नहीं चलती है.

विधानसभा अध्यक्ष बोले- 'आप ही बता दीजिए कैसे चलता है सदन': वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगा उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है उसपर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आजतक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार क्यों गंभीरता से नहीं ली? पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.

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