पटना: बिहार विधान परिषद में स्थानीय कोटे से 24 सीटों पर हुए चुनाव (Bihar Legislative Council Election) में भीतरघात और बागियों ने सभी दलों का खेल बिगाड़ दिया. सभी पार्टियों के दावे हैं कि अगर बयानबाजी और बड़बोलेपन से नेता बचते तो परिणाम कुछ और ही होते थे. एनडीए में भी एकजुटता का घोर अभाव नजर आया. वहीं शनिवार को मीडिया से बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar Raised Questions On Bihar MLC Election Result) ने भी एमएलसी चुनाव परिणाम को लेकर सवाल उठा दिए. मीडिया से बातचीत में नीतीश ने कहा कि विधान परिषद चुनाव के परिणाम से मैं खुद आश्चर्यचकित हूं. कई सीटों पर जहां उम्मीदवार जीत का दावा कर रहे थे वहां परिणाम एक दम उलट आए हैं.
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सीएम ने कहा- 'परिणाम देख मैं आश्चर्यचकित हूं': पटना के अशोक कन्वेंशन सेंटर में सम्राट अशोक की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधान परिषद का चुनाव आम जनता का इलेक्शन नहीं है. इसमें सीमित लोग ही मतदान करते हैं. सीएम ने कहा कि एमएलसी चुनाव परिणाम देख मुझे आश्चर्य हुआ है. कई सीटों पर जहां उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहा था वहां रिजल्ट अलग आया.
"एमएलसी के चुनाव में जानते नहीं है आजकल कैसा चुनाव होता है. ये आम जनता का वोट थोड़ी है. ये लिमिडेट लोगों का वोट है. सबको पता है कैसे कोई कितना मेहनत करता है. कुछ जगह के परिणाम देखकर तो हमें आश्चर्य हुआ है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
सीएम नीतीश ने सम्राट अशोक की मूर्ति पर किया माल्यार्पण: सीएम (CM Nitish On samrat ashoka jayanti ) ने कहा कि इसका नाम हमने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र दिया था. उसके लिए सम्राट अशोक की जो लोग चर्चा करते थे, उन्होंने हमसे 2015-16 में मुलाकात की थी. बात हुई कि सम्राट अशोक की जयंती मनायी जानी चाहिए. अशोक का जन्म कब हुआ ये कुछ भी ऑफिशियल नहीं था. फिर हुआ कि उनका अष्टमी से बहुत मतलब था. तय किया गया कि अष्टमी के दिन उनकी जयंती मनायी जाएगी. बहुत से लोग कह रहे थे कि उनके जन्म का तो कुछ पता नहीं है तो हमने जवाब दिया कि अष्टमी के कारण इसी दिन जयंती मनाएंगे. इसके लिए एक्सपर्ट की राय ली गई थी.
MLC चुनाव में NDA को झटका: जेडीयू पटना, मुंगेर, गया जैसी महत्वपूर्ण सीट आरजेडी के हाथों हार गई है. पटना सीट तो नीतीश कुमार की ही मानी जाती है. नीतीश कुमार ने यहां से वोट भी डाला था. तब भी जेडीयू यह सीट नहीं जीत पाई. दूसरी तरफ मुंगेर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का क्षेत्र है और वह सीट भी जेडीयू हार गई है. यही नहीं चंपारण की सीट भी बीजेपी हार गई, जबकि वहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम आते हैं.
विपक्ष ने हासिल की बड़ी उपलब्धि : बता दें कि विधान परिषद की 24 सीटों के रिजल्ट से अब बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) के अंदर भी समीकरण बदल जाएगा. एनडीए अभी भी सीटों में विपक्ष से कहीं अधिक संख्या बल के हिसाब से नजर आएगी, लेकिन राबड़ी देवी को एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिल जाएगी. इस चुनाव में यह विपक्ष के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है.
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