पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने अतिवृष्टि के कारण उपजी स्थिति का हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey) किया. इसके बाद 1-अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग (Department of Water Resources) के साथ समीक्षा की. समीक्षा के दौरान 6 जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इस दौरान किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, सहरसा एवं समस्तीपुर के डीएम को वर्षा के कारण हुई फसल क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
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बता दें कि समीक्षा बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 1 से 4 अक्टूबर के बीच अधिक वर्षापात के कारण कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. साथ ही क्षेत्रों में जलजमाव की भी स्थिति बनी है. मुख्यमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर को नवादा, पटना एवं नालंदा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सड़क मार्ग के द्वारा जायजा लिया गया. 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर 11 जिलों का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. मुख्यमंत्री के निर्देश पर तेजी से काम किया जा रहा है.
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत कार्यों के संबंध में जानकारी दी. समीक्षा के दौरान किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, सहरसा एवं समस्तीपुर जिले के जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिलों की स्थिति की जानकारी दी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले चरण में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की गई तथा क्षति का भी आकलन कराया गया. सभी जिलों के प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में जनप्रतिनिधियों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया. हाल ही में अधिक वर्षापात से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी. जिसके कारण फसल क्षति के साथ-साथ कई अन्य प्रकार के नुकसान हुए हैं.
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मुख्यमंत्री ने निर्देश सभी जिलाधिकारी दो दिन के अंदर पहले की फसल क्षति के आंकलन के साथ-साथ हाल के दिनों में अधिक वर्षापात के कारण हुई फसल क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट दें. फसल क्षति की कहीं से भी कोई जानकारी मिलती है, तो उसका आकलन करा लें. सभी जिलाधिकारी, आपदा प्रबंधन विभाग, कृषि विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग समन्वय बनाकर इस पर काम करें. राज्य के सभी जिलों में फसल की क्षति का आंकलन करने के साथ-साथ जहां अत्यधिक जलजमाव के कारण बुआई नहीं हो सकी है, उसका भी आकलन करें. जिन क्षेत्रों में भी नुकसान हुआ है, वहां कोई भी राहत से वंचित नहीं रहे.
सीएम ने कहा कि बाढ़ के दौरान जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं उसका पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग मरम्मती कार्य की जानकारी ले. राहत एवं बचाव के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य किये जायें.