पटनाः लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan statement on Nitish government) ने बिहार सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये तो वही बता सकते हैं कि वह पार्टी छोड़कर जाना चाहते हैं या फिर नहीं जाना चाहते. डील को लेकर चिराग ने कहा जब डील हुई होगी उस वक्त संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा थे, उनकी जानकारी में होगा वह बताएं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब डील के आधार पर सरकार बनती है, तो उसका हाल यही होता है, जैसा आज महागठबंधन सरकार का है.
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यूज एंड थ्रो वाला रास्ता अपनाते हैं सीएमः चिराग पासवान ने कहा जरूरत पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री लोगों को छोड़ते हैं, इसका उदाहरण हम लोग देख चुके हैं, यूज एंड थ्रो. जब उपेंद्र कुशवाहा गए थे उस वक्त भी मुझे ताज्जुब हुआ था, अपने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा. मुख्यमंत्री को जब तक किसी की जरूरत होती है उसका इस्तेमाल करते हैं और जरूरत पूरा होने के बाद यूज एंड थ्रो वाला रास्ता अपनाते हैं.
'सरकार को किसानों की चिंता नहीं है': वहीं, बक्सर किसान मामले को लेकर के चिराग पासवान ने कहा कि बक्सर के किसानों की चिंता किसको है, मुख्यमंत्री के कान में अभी तक जूं तक नहीं रेंगी, जबकि किसानों के आंदोलन को 100 दिन से ऊपर हो गया है. मुख्यमंत्री को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. जहरीली शराब से लोगों की मौत पर चिराग पासवान ने कहा कितनी और हत्या का इंतजार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे ? जो मुख्यमंत्री अपने ही बिहार के लोगों के मरने की कामना करते हो क्या उस मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.
"शराबबंदी कानून में बदलाव करने की जरूरत है, एक बार सर्वदलीय बैठक मुख्यमंत्री बुलाए. जातीय जनगणना पर सब ने समर्थन किया. ऐसे ही शराबबंदी की तरह जब जातीय जनगणना विफल होगी , जब जातीय जनगणना पर सवाल उठेगा. तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कोई जवाब नहीं होगा. क्यों नहीं जातीय जनगणना शुरू करने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, सबकी राय लेते, सबकी सोच लेते. आज की तारीख में किसी दूसरे को तो छोड़ ही दीजिए जनता दल यूनाइटेड के खुद के मंत्रियों को खुद नहीं पता होगा कि जातीय जनगणना की रूपरेखा क्या है"- चिराग पासवान, एलजेपीआर राष्ट्रीय अध्यक्ष