पटना: केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) को संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से बेदखल कर दिया है. उनकी जगह संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सांसद वीणा देवी को दी गई है.
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वीणा देवी बिहार के वैशाली से लोकसभा सांसद हैं. पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाने की घोषणा के बाद पशुपति ने 3 सांसदों के साथ मनोनयन संबंधित पत्र भी उन्हें दिया. बता दें कि पशुपति पारस ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा था कि उनके और चिराग पासवान के बीच सुलह की सारी संभावनाएं खत्म हो गई हैं.
तीन महीन पहले लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) टूट गई थी. पार्टी के दो गुट बने. एक गुट पशुपति का तो दूसरा चिराग का है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा बताते हैं. पार्टी में टूट के साथ ही पशुपति पारस ने चिराग पासवान को लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था.
बता दें कि लोजपा में अभी दो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. पशुपति पारस और चिराग पासवान दोनों खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हैं. चिराग पासवान ने रविवार को कैमूर में कहा था कि आज भी लोक जन शक्ति का राष्ट्रीय अध्यक्ष मैं ही हूं. सिंबल पर भी कोई विवाद नहीं है. कुछ लोग गैर कानूनी तरीके से पार्टी के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं और नियुक्तियां कर रहे हैं. हमने अलग-अलग राज्यों में उनके खिलाफ याचिकाएं दर्ज कराई हैं. मुझे लगता है कि बहुत जल्द इसपर रोक लगवा ली जाएगी.
पार्टी पर दावे के लिए चिराग पासवान ने चुनाव आयोग में याचिका लगाई है. इसके साथ ही चिराग आर्शीर्वाद यात्रा भी निकाल रहे हैं. वह लोगों के बीच जाकर यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि भले ही पार्टी के सांसदों ने चाचा पशुपति पारस का गुट ज्वाइन कर लिया है, लेकिन जनता के बीच लोजपा के नेता वे ही हैं और रामविलास पासवान का बेटा होने के नाते उनके राजनीतिक वारिस भी वही हैं. पशुपति पारस द्वारा चिराग को लोजपा के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने के फैसले के जवाब में चिराग पासवान का गुट क्या करता है इसपर सबकी नजर है.
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