पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान चुनाव के पहले से ही लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते आ रहे हैं. चिराग पासवान ने यहां तक कह दिया था कि मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर कभी बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. विभिन्न चैनलों द्वारा चलाए जा रहे एग्जिट पोल के अनुसार बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोबारा मुख्यमंत्री बनते नजर नहीं आ रहे हैं.
नीतीश के घमंड की हार तय-चिराग
एग्जिट पोल के नतीजे आने के बाद चिराग पासवान ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि लोजपा एनडीए में रहती तो नीतीश को जीवनदान मिलता जो कि बिहार के लिए ठीक नहीं था. चिराग पासवान का मानना है कि नीतीश कुमार की पार्टी को लोजपा 60 सीटों पर हराएगी. नीतीश कुमार के घमंड की हार होना तय है. चिराग पासवान ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी के साथियों को पहले ही बता दिया था कि नीतीश के साथ हमें नहीं जाना चाहिए.
सिद्धांतों से कभी पीछे नहीं हटे-चिराग
चिराग ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि वह अपने सिद्धांत 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' से पीछे नहीं हटी. एलजेपी अकेले लड़कर पूरे प्रदेश में खड़ी हुई है. चिराग पासवान का मानना है कि लोजपा एनडीए गठबंधन में लड़कर 2015 में 2 सीटें जीती थी. पिछली बार से ज्यादा सीटें पार्टी अकेले लड़कर जीत रही है. लोजपा अकेले लड़कर भी लगभग 10 फीसदी वोट पा रही है. लोजपा के प्रत्याशियों को 60 सीटों पर 30 हजार के ऊपर वोट मिल रहे हैं.
राजनीति के नए 'मौसम वैज्ञानिक' ?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कहते आ रहे हैं कि चिराग पासवान ने कभी जमीनी राजनीति नहीं की. ऐसे में अब सवाल ये उठते हैं कि जब उन्होंने जमीनी राजनीति नहीं की तो उन्होंने इतने अहम फैसले कैसे ले लिए जिससे वो अपने पिता की ही तरह राजनीति के नए मौसम वैज्ञानिक बनकर उभरे हैं.
- जनता से बिना राय लिए 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' विजन डॉक्यूमेंट कैसे बनाया
- कैसे पता हुआ कि इस बार नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे
- कार्यकर्ताओं को 'असंभव नीतीश कुमार' के नारे के साथ काम करने को क्यों कहा
दूसरे मौसम वैज्ञानिक बनकर उभरे चिराग
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान अपने पिता के बाद दूसरे मौसम वैज्ञानिक बनकर उभरे हैं. सवाल यह भी उठ रहा है कि रामविलास पासवान के जीवित रहते ही चिराग पासवान ने निर्णय ले लिया था कि वह अकेले बिहार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे. 2020 में अकेले दम पर चुनाव लड़ने वाली एकलौती ऐसी पार्टी लोजपा है. यह कह पाना तो मुश्किल होगा कि वह कितनी सीटें जीतकर आएगी यह तो 10 नवंबर के नतीजे ही बताएंगे.