पटना: लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सासाराम और नालंदा हिंसा के बाद नीतीश कुमार जो बयान दे रहे हैं, वो कहीं से भी उचित नहीं है. वो कहते हैं कि उन्हें पता है कि किसने दंगा भड़काया है. मुझे समझ में नहीं आता कि आखिर सीएम नाम लेने से क्यों डरते हैं. देश के सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरह का बयान देना कहीं से भी उचित नहीं है.
'सीएम नीतीश कितनी बार इधर-उधर कर चुके हैं बताएं': एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा की नीतीश दूसरे को इधर-उधर की बात कहते हैं. वो बताएं कि वो कितने बार इधर-उधर करते हैं. अभी तक अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने कितना इधर-उधर किया है, ये उन्हे याद भी नहीं होगा. नीतीश कुमार के लिए सभी एजेंट है और सिर्फ वो दूध के धुले हैं. बिहार उनसे संभल नहीं रहा है. यह बात हम पहले से कह रहे हैं.जो स्थिति अभी दिख रही है उससे सब कुछ स्पष्ट हो गया है. अमित शाह ने दंगाइयों को उल्टा लटाकर सीधा करने की जो बात कही थी, मैं उसका समर्थन करता हूं. नीतीश कुमार को इससे क्या आपत्ति है. इसका एक ही कारण हो सकता है कि अपराधियों को उनका संरक्षण प्राप्त है.
"मुख्यमंत्री कुछ से कुछ बोले जा रहे हैं. कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है और सच्चाई क्या है, वह भी छुपाया जा रहा है. अगर उन्हें पता है कि वह दो लोग कौन हैं जिन्होंने दंगा करवाया तो फिर उसका नाम क्यों नहीं ले रहे हैं. सब कुछ हवा में है. ये खुद दंगाई को बचाने में लगे हैं. इसलिए कुछ से कुछ बोलते है. अब इनका गृह जिला सुरक्षित नहीं है तो ये क्या बोलेंगे. आज तक बिहार में जहां भी लोगों की मौत हुई है, कहीं मुख्यमंत्री गए हैं? वो अपने गृह जिले नालंदा भी नहीं जाते हैं."- चिराग पासवान,एलजेपीआर अध्यक्ष
बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग: चिराग पासवान ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी आपको जनता ने एसी में बैठकर राज करने के लिए नहीं चुना है, आपको जनता राज्य की सुरक्षा के लिए चुना है. आप खुद गृह मंत्री हैं और जिम्मेवारी से भाग रहे हैं. जनता सब देख रही है, समय आने पर जवाब भी देगी. हम तो कई बार कह चुके हैं कि अब मुख्यमंत्री कोई काम के नहीं रहे गए हैं. उन्हे इस्तीफा दे देना चाहिए. हमने तो बिहार के राज्यपाल महोदय से मुलाकात कर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग भी की है. अब जो हाल है उसमें बिहार में जरूरत है राष्ट्रपति शासन लगाने की.