नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से लोजपा (LJP) का चुनाव चिन्ह जब्त किये जाने के बाद चिराग गुट और पारस गुट को आयोग ने पार्टी का नाम और चिनाव चिन्ह आवंटित किया है. जिसको लेकर चिराग गुट के मुख्य प्रवक्ता अशरफ अंसारी (Spokesperson Ashraf Ansari) ने कहा कि हम लोग खुश हैं कि चुनाव आयोग की तरफ से हम लोगों को एक पार्टी का नाम और एक चुनाव चिन्ह आवंटित हो गया है.
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चिराग गुट के प्रवक्ता ने कहा कि बिहार विधानसभा के उपचुनाव में हम लोग मजबूती से लड़ेंगे और दोनों सीटों पर जीतेंगे. उन्होंने कहा कि "लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)" हम लोगों की पार्टी का नाम होगा और हेलीकॉप्टर चुनाव चिन्ह होगा. चुनाव आयोग को हम लोग धन्यवाद देते हैं. अब पार्टी के सभी नेता बिहार में कैंप करेंगे और दोनों सीट पर हम लोगों के प्रत्याशी की जीत हो उसके लिए कड़ी मेहनत करेंगे.
प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा कि दोनों सीट से एलजेपी के प्रत्याशी कौन होंगे, उसका ऐलान आज देर शाम तक कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राम विलास पासवान की पार्टी पर उनके पुत्र चिराग पासवान का ही हक है. वह उनके उत्तराधिकारी हैं. जनता उनके साथ मजबूती से खड़ी है. बता दें कि चाचा पशुपति पारस और भतीजा चिराग पासवान के बीच पार्टी पर कब्जे की लड़ाई चल रही थी.
जिसके बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का चुनाव चिन्ह बांग्ला जब्त कर लिया था. इससे चिराग को बड़ा झटका लगा था क्योंकि वह बिहार में कुशेश्वरस्थान और तारापुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने वाले थे. लोजपा दो खेमो में बैठी हुई थी. एक खेमा पारस और एक खेमा चिराग का था. अब चुनाव आयोग ने पारस को "राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी" के नाम से एक पार्टी का नाम और सिलाई मशीन चुनाव चिन्ह आवंटित किया है.
दूसरी तरफ चिराग को "लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)" के नाम से पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह हेलिकॉप्टर आवंटित किया है. बता दें कि बिहार के उप चुनाव में पशुपति पारस की पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी. वह एनडीए प्रत्याशियों को समर्थन कर रही है. एनडीए में दोनों सीट जदयू के पास थी. दोनों सीटों पर जदयू अपना प्रत्याशी उतार रही है. वहीं चिराग दोनों सीटों पर प्रत्याशी उतार रहे हैं. जिससे जदयू को नुकसान होने की संभावना है. गौरतलब है कि पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतारा था. जिससे जदयू 30 सीट हार गई थी और 43 सीटों पर सिमट गई थी.
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