पटना: आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का जनता दरबार (Janata Darbar) लगेगा. जहां सीएम गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान भूतत्व और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायत सुनेंगे. गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग और निगरानी विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है. महीने के पहले सोमवार को सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, क्योंकि पुलिस और जमीन से संबंधित विवाद लोग लेकर मुख्यमंत्री के पास आते हैं.
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इस बार जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद के ठीक बगल में बनाए गए हॉल में हो रहा है. जिसमें सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं. साथ ही जिन्हें जनता दरबार में बुलाया जा रहा है, उनका पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और उनका वैक्सीनेशन भी किया जाता है. कोरोना जांच नेगेटिव आने के बाद ही उनकी एंट्री होती है.
जनता दरबार के बाहर बड़ी संख्या में ऐसे लोग पहुंच रहे हैं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन एक से डेढ़ महीना पहले करवा लिया है, लेकिन अभी तक जनता दरबार के लिए बुलावा नहीं आया है. जनता दरबार को http://cm.bihar.gov.in/live, https://www.facebook.com/iprdbihar, https://twitter.com/IPRD_Bihar और https://www.youtube.com/iprdbihar पर लाइव देखा जा सकता है.
जिला प्रशासन अपने जिले से विशेष वाहन से जनता दरबार में लोगों को लाते हैं और उन्हें पहुंचाते भी हैं. जनता दरबार के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो जाएगी, लेकिन इस बार जनता दरबार में शिकायत सुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. इसके कारण जनता दरबार के बाहर आए लोगों को बिना मुख्यमंत्री से मिले ही लौटना पड़ता है.
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दरअसल, जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.
प्रथम सोमवार: गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाते हैं.
द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.
तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों के मामले लिए जाते हैं.
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