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छठ पर्व 2019 : आज दिया जाएगा उगते सूर्य को अर्घ्य - छठ व्रती

छठ पूजा के चौथा दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी को भी पूजा और अर्घ्य दिया जाता है और प्रसाद बांट कर छठ पूजा संपन्न की जाती है. चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अंतिम अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद कच्चे दूध और प्रसाद को खाकर व्रत का समापन किया जाता है.

छठ पर्व 2019
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Published : Nov 3, 2019, 3:00 AM IST

पटना : छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगा जाता है. पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं, जिसे पारण या परना कहा जाता है.

सूर्य को अर्घ्य देते वक्त सारा प्रसाद सूप में रखते हैं. सूप में ही दीपक जलता है. लोटा से सूर्य को दूध गंगाजल और साफ जल से फल प्रसाद के ऊपर चढ़ाते हुए अर्घ्य दिया जाता है.

देखिए, खास रिपोर्ट

छठ पूजा तिथि व मुहूर्त
3 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय- 06:34:11

अर्घ्य देने की विधि
बांस की टोकरी में सभी सामान रखें. सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं. फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

छठ पूजा के खास नियम:

  • चार दिन तक व्रत करने वाले को जमीन पर सोना चाहिए. कम्बल या फिर चटाई का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.
  • छठ पूजा के लिए बांस के सूप, नारियल, गन्ना, माटी के दीए, ठेकुआ, दो-तीन प्रकार के फल, मीठा नींबू (गागल) का होना अनिवार्य है.
    घाटों पर पहुंची छठ व्रती
    घाटों पर पहुंची छठ व्रती
  • प्रसाद में गेहूं और गुड़ के आटों से बना ठेकुआ और फलों में केले प्रमुख होते हैं.

पटना : छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगा जाता है. पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं, जिसे पारण या परना कहा जाता है.

सूर्य को अर्घ्य देते वक्त सारा प्रसाद सूप में रखते हैं. सूप में ही दीपक जलता है. लोटा से सूर्य को दूध गंगाजल और साफ जल से फल प्रसाद के ऊपर चढ़ाते हुए अर्घ्य दिया जाता है.

देखिए, खास रिपोर्ट

छठ पूजा तिथि व मुहूर्त
3 नवंबर (उषा अर्घ्य) सूर्योदय का समय- 06:34:11

अर्घ्य देने की विधि
बांस की टोकरी में सभी सामान रखें. सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं. फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

छठ पूजा के खास नियम:

  • चार दिन तक व्रत करने वाले को जमीन पर सोना चाहिए. कम्बल या फिर चटाई का प्रयोग करना शुभ माना जाता है.
  • छठ पूजा के लिए बांस के सूप, नारियल, गन्ना, माटी के दीए, ठेकुआ, दो-तीन प्रकार के फल, मीठा नींबू (गागल) का होना अनिवार्य है.
    घाटों पर पहुंची छठ व्रती
    घाटों पर पहुंची छठ व्रती
  • प्रसाद में गेहूं और गुड़ के आटों से बना ठेकुआ और फलों में केले प्रमुख होते हैं.
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