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Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि - ईटीवी भारत बिहार

आज 30 मार्च 2023 को चैत्र नवरात्रि के आखिरी दिन नवमी को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरुप की पूजा हो रही है. एक क्लिक में जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि-विधान..

chaitra navratri 2023
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Published : Mar 29, 2023, 11:58 PM IST

पटना: चैत्र नवरात्रि 2023 के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जा रही है. मां सिद्धिदात्री की कृपा भक्तों पर बनी रहती है और सच्चे मन से प्रार्थना करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. आज के दिन पूरे विधि-विधान से मां का आह्वान करना चाहिए. मंत्र जाप से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं.

पढ़ें- Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

शुभ मुहूर्त में करें मां की पूजा: ऐसे तो मां की पूजा करना हमेशा से लाभकारी माना जाता है . लेकिन अगर शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो इसका लाभ दोगुना हो जाता है. चैत्र नवमी की तिथि की बात करें तो 29 मार्च को राल 9 बजे से यह शुरू हो जाएगी और 30 मार्च को रात साढ़े 11 बजे तक रहेगी. महानवमी का त्योहार 30 मार्च को होगा. मां सिद्धिदात्री के साथ ही भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. इसका शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:54 बजे तक है. इसके बाद सुबह में ही आठ बजे से दोपहर के 12 बजे तक का मुहूर्त भी शुभ है. दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे का समय भी उत्तम है.

ऐसा है मां सिद्धिदात्री का स्वरुप: मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं. यह अज्ञानता को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलती हैं. मुख्य रूप से आठ सिद्धियां मानी गई हैं और नौ सिद्धियां होती हैं. माता की कृपा से ही अष्ट सिद्धि को प्राप्त करने का अधिकारी इंसान बन पाता है. नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को नौ प्रकार के फूल चढ़ाए जाते हैं.

ऐसे करें पूजा: नवमी के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए. साफ सुथरे कपड़े धारण करना चाहिए. मां की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद नौ तरह के पुष्प अर्पित करने चाहिए. मां को कुमकुम, रोली,चंदन,फल, चना, खीर, नारियाल काफी प्रिय होता है. ऐसी मान्यता है कि इन चीजों से मां प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं.

पटना: चैत्र नवरात्रि 2023 के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जा रही है. मां सिद्धिदात्री की कृपा भक्तों पर बनी रहती है और सच्चे मन से प्रार्थना करने से सारी मनोकामना पूर्ण होती है. आज के दिन पूरे विधि-विधान से मां का आह्वान करना चाहिए. मंत्र जाप से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं.

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शुभ मुहूर्त में करें मां की पूजा: ऐसे तो मां की पूजा करना हमेशा से लाभकारी माना जाता है . लेकिन अगर शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए तो इसका लाभ दोगुना हो जाता है. चैत्र नवमी की तिथि की बात करें तो 29 मार्च को राल 9 बजे से यह शुरू हो जाएगी और 30 मार्च को रात साढ़े 11 बजे तक रहेगी. महानवमी का त्योहार 30 मार्च को होगा. मां सिद्धिदात्री के साथ ही भगवान श्री राम की पूजा की जाती है. इसका शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:54 बजे तक है. इसके बाद सुबह में ही आठ बजे से दोपहर के 12 बजे तक का मुहूर्त भी शुभ है. दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे का समय भी उत्तम है.

ऐसा है मां सिद्धिदात्री का स्वरुप: मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं. यह अज्ञानता को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलती हैं. मुख्य रूप से आठ सिद्धियां मानी गई हैं और नौ सिद्धियां होती हैं. माता की कृपा से ही अष्ट सिद्धि को प्राप्त करने का अधिकारी इंसान बन पाता है. नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को नौ प्रकार के फूल चढ़ाए जाते हैं.

ऐसे करें पूजा: नवमी के दिन प्रात: जल्दी उठकर स्नान कर लेना चाहिए. साफ सुथरे कपड़े धारण करना चाहिए. मां की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद नौ तरह के पुष्प अर्पित करने चाहिए. मां को कुमकुम, रोली,चंदन,फल, चना, खीर, नारियाल काफी प्रिय होता है. ऐसी मान्यता है कि इन चीजों से मां प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं.

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