पटना: शीतकालीन सत्र से पूर्व बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी दलों के नेता शामिल हुए. बैठक में शीतकालीन सत्र के सुगम और सफल संचालन पर चर्चा की गई. बता दें कि इस बार का शीतकालीन सत्र 5 दिनों का होने वाला है जो 6 नवंबर से शुरू होकर 10 नवंबर तक चलेगा.
सभापति ने सत्र के दौरान सहयोग देने को कहा: बैठक के दौरान सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सभी दलों के नेताओं से आगामी सत्र के कुशल, सफल एवं शांतिपूर्ण संचालन हेतु सार्थक सहयोग देने की बात कही. साथ हीं उन्होंने कहा की उच्च सदन की अपनी एक गरिमा होती है, जिसका सम्मान सभी माननीय सदस्यों को करना चाहिए. आसन का हमेशा यह प्रयास होता है कि सदन निष्पक्ष रूप से नियम एवं संसदीय प्रक्रियाओं से संचालित हो.
हरि सहनी ने सहयोग का दिया भरोसा: नेता विरोधी दल हरि सहनी ने सभापति को अपेक्षित सहयोग का भरोसा दिया, वहीं गैर सरकारी संकल्प के दिन भी सदन चलने देने की बात कही. इस बैठक में संसदीय कार्य विभाग विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचेतक सत्तारूढ़ दल संजय कुमार सिंह, सचेतक सत्तारूढ़ दल रीना देवी, अवधेश नारायण सिंह, डॉ मदन मोहन झा, प्रो. संजय कुमार सिंह, भूषण कुमार, विशेष आमंत्रित सदस्य सच्चिदानन्द राय एवं बिहार विधान परिषद के प्रभारी सचिव कमलेन्दु कुमार सिंह उपस्थित थे.
शीतकालीन सत्र का शेड्यूल: 6 नवंबर से शीतकालीन सत्र शुरू होगा. पहले दिन वित्तीय वर्ष 2023-24 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, शोक प्रस्ताव भी रखा जाएगा. इसके साथ ही राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेश की प्रमाणीकृत प्रति भी सदन में रखी जाएगी. 7 नवंबर को प्रश्न काल से सदन की कार्यवाही शुरू होगी और गैर सरकारी संकल्पना पर भी चर्चा होगी.
8 नवंबर से प्रश्न काल की शुरूआत: बता दें कि 8 नवंबर को प्रश्न काल से सदन की कार्यवाही की शुरूआत होगी. वहीं राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य संपन्न होंगे. 9 नवंबर को भी प्रश्न काल से ही सदन की कार्यवाही की शुरूआत की जाएगी. 10 नवंबर को प्रश्न काल से सदन की कार्यवाही की शुरूआत होगी और दूसरे हाफ में वित्तीय वर्ष 2023 -24 के द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी. चर्चा के बाद सरकार की तरफ से उत्तर दिया जाएगा और सदन से पास करवाया जाएगा.
जातीय गणना की रिपोर्ट पर भी चर्चा: ऐसे तो शीतकालीन सत्र नवंबर के अंतिम सप्ताह में या फिर दिसंबर के पहले सप्ताह में होता है, लेकिन इस बार सत्र नवंबर के पहले सप्ताह में ही आयोजित हो रहा है. यह सत्र सिर्फ 5 दिनों के लिए आयोजित किया जा रहा है. बताया गया कि सत्र के दौरान जातीय गणना की रिपोर्ट भी सदन में चर्चा के लिए लाई जाएगी.