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'बढ़ते प्रदूषण के बीच बिहार सरकार ने क्यों नहीं बंद करवाए स्कूल? पटना में लागू हो GRAP'

दिल्ली में जब इस प्रकार हवा में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ता है, तो GRAP के नियमों का पालन किया जाता है और ठोस कदम उठाए जाते हैं. मगर बिहार में नवंबर के महीने में कई दिन हवा की यह स्थिति रही. इसके बावजूद कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए.

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Published : Dec 4, 2019, 11:35 PM IST

पटना: राजधानी पटना के एक होटल में सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (CEED) ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सीड ने बिहार सरकार से गंभीर प्रदूषण की परिस्थिति में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कराने की अपील की. इस मौके पर सीड के एक्सक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार और सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने मीडिया को संबोधित किया.

सीड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार ने कहा कि पटनावासियों के लिए बिहार सरकार शहर के लिए जारी किए गए व्यापक स्वच्छ वायु कारी योजना की सिफारिशों को ईमानदारी और पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि वातावरण में जब पीएम (पर्टिकुलेट मैटर ) 2.5 का स्तर 240 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा रहता है, तब उसे सीवियर सिचुएशन माना जाता है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत ऐसी परिस्थिति में ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाते हैं.

क्या बोले सीड के अधिकारी

क्या है ग्रैप?
इस परिस्थिति में स्कूल कॉलेजों को बंद किया जाता है और कंस्ट्रक्शन के काम रोक दिए जाते हैं. ऐसी स्थिति सांस की बीमारी को बढ़ावा देती है. ये लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब इस प्रकार हवा में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ता है, तो GRAP के नियमों का पालन किया जाता है और ठोस कदम उठाए जाते हैं. मगर बिहार में नवंबर के महीने में कई दिन हवा की यह स्थिति रही. इसके बावजूद कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए. स्कूल कॉलेजेस जस के तस चलते रहे. उन्होंने सवालिया लहजे में बिहार सरकार से पूछा कि क्या बिहार सरकार की नजर में बिहार का लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम ज्यादा मजबूत है कि वह नियमों का पालन नहीं करते.

सीड रिपोर्ट
सीड का तैयार किया गया डेटा

नवंबर में बढ़ा पॉल्यूशन
सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता जोशी ने कहा कि जाड़े के मौसम में प्रदूषण की स्थिति और बढ़ जाती है. इसके पीछे विपरीत वेदर कंडीशन जिम्मेवार होते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी लंबा नहीं हुआ है दिसंबर और जनवरी में भीषण ठंड पड़ती है. इस दौरान क्लीन ईयर एक्शन प्लान के तहत ठोस कदम उठाकर पटना में पॉल्यूशन के स्तर को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नवंबर महीने का उन्होंने एक डेटा कलेक्ट किया है, जिसके अनुसार महीने में 64% दिन की हवा की स्थिति सीवियर कंडीशन थी. 23% बहुत खराब रही और 13% दिन में पॉल्यूशन की स्थिति पूअर रही.

बंद हो स्कूल कॉलेज- सीड
अंकिता जोशी ने बताया कि मैंने कहा कि गंभीरता दूसरे वाले दिनों में ग्रैप लागू करने की जरूरत है और इसके मानकों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में सभी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों समेत ईंट- भट्ठा इकाइयों पर अल्पकालिक प्रतिबंध लगाना चाहिए और अल्पकालिक तौर पर स्कूल और कॉलेजों को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओरिजिनल एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दायरों को और वह आना चाहिए.

सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर
अंकिता जोशी, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर, सीड

'एयरपोर्ट निर्माण को कवर किया जाए'
अकिंता जोशी ने कहा कि सरकार ने 2024 तक 30% हवा में धूल कणों की सघनता को कम करने का लक्ष्य रखा है लेकिन अंतरिम तौर पर मापदंड संबंधी लक्ष्य योजना में नहीं दिखती है. उन्होंने कहा की पटना एयरपोर्ट का निर्माण हो या अन्य सरकारी निर्माण सभी जगह बिना कवर किए कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं. आसपास के इलाके में धूल की स्थिति बहुत ही ज्यादा है उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है और इसके लिए एक मानदंड तैयार करना होगा और उसे सख्ती से अमल करना होगा.

पटना: राजधानी पटना के एक होटल में सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (CEED) ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान सीड ने बिहार सरकार से गंभीर प्रदूषण की परिस्थिति में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कराने की अपील की. इस मौके पर सीड के एक्सक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार और सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने मीडिया को संबोधित किया.

सीड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार ने कहा कि पटनावासियों के लिए बिहार सरकार शहर के लिए जारी किए गए व्यापक स्वच्छ वायु कारी योजना की सिफारिशों को ईमानदारी और पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि वातावरण में जब पीएम (पर्टिकुलेट मैटर ) 2.5 का स्तर 240 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा रहता है, तब उसे सीवियर सिचुएशन माना जाता है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत ऐसी परिस्थिति में ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाते हैं.

क्या बोले सीड के अधिकारी

क्या है ग्रैप?
इस परिस्थिति में स्कूल कॉलेजों को बंद किया जाता है और कंस्ट्रक्शन के काम रोक दिए जाते हैं. ऐसी स्थिति सांस की बीमारी को बढ़ावा देती है. ये लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब इस प्रकार हवा में पॉल्यूशन का स्तर बढ़ता है, तो GRAP के नियमों का पालन किया जाता है और ठोस कदम उठाए जाते हैं. मगर बिहार में नवंबर के महीने में कई दिन हवा की यह स्थिति रही. इसके बावजूद कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए. स्कूल कॉलेजेस जस के तस चलते रहे. उन्होंने सवालिया लहजे में बिहार सरकार से पूछा कि क्या बिहार सरकार की नजर में बिहार का लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम ज्यादा मजबूत है कि वह नियमों का पालन नहीं करते.

सीड रिपोर्ट
सीड का तैयार किया गया डेटा

नवंबर में बढ़ा पॉल्यूशन
सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता जोशी ने कहा कि जाड़े के मौसम में प्रदूषण की स्थिति और बढ़ जाती है. इसके पीछे विपरीत वेदर कंडीशन जिम्मेवार होते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी लंबा नहीं हुआ है दिसंबर और जनवरी में भीषण ठंड पड़ती है. इस दौरान क्लीन ईयर एक्शन प्लान के तहत ठोस कदम उठाकर पटना में पॉल्यूशन के स्तर को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नवंबर महीने का उन्होंने एक डेटा कलेक्ट किया है, जिसके अनुसार महीने में 64% दिन की हवा की स्थिति सीवियर कंडीशन थी. 23% बहुत खराब रही और 13% दिन में पॉल्यूशन की स्थिति पूअर रही.

बंद हो स्कूल कॉलेज- सीड
अंकिता जोशी ने बताया कि मैंने कहा कि गंभीरता दूसरे वाले दिनों में ग्रैप लागू करने की जरूरत है और इसके मानकों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में सभी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों समेत ईंट- भट्ठा इकाइयों पर अल्पकालिक प्रतिबंध लगाना चाहिए और अल्पकालिक तौर पर स्कूल और कॉलेजों को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओरिजिनल एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दायरों को और वह आना चाहिए.

सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर
अंकिता जोशी, सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर, सीड

'एयरपोर्ट निर्माण को कवर किया जाए'
अकिंता जोशी ने कहा कि सरकार ने 2024 तक 30% हवा में धूल कणों की सघनता को कम करने का लक्ष्य रखा है लेकिन अंतरिम तौर पर मापदंड संबंधी लक्ष्य योजना में नहीं दिखती है. उन्होंने कहा की पटना एयरपोर्ट का निर्माण हो या अन्य सरकारी निर्माण सभी जगह बिना कवर किए कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं. आसपास के इलाके में धूल की स्थिति बहुत ही ज्यादा है उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है और इसके लिए एक मानदंड तैयार करना होगा और उसे सख्ती से अमल करना होगा.

Intro:राजधानी पटना के एक होटल में सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बिहार सरकार से गंभीर प्रदूषण की परिस्थिति में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू कराने की अपील की. इस मौके पर सीड के एक्सक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार और सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने मीडिया को संबोधित किया.


Body:सीडी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार ने कहा कि पटना वासी बिहार सरकार द्वारा शहर के लिए जारी किए गए व्यापक स्वच्छ वायु कारी योजना की सिफारिशों को ईमानदारी और पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि वातावरण में जॉब पीएम 2.5 का स्तर 240 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा रास्ता है तब उसे सीवियर सिचुएशन माना जाता है और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत ऐसी परिस्थिति में ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाते हैं जैसे कि स्कूल कॉलेजों को बंद किया जाता है और कंस्ट्रक्शन के काम रोक दिए जाते हैं. यह हवा की स्थिति सांस की बीमारियों के लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब इस प्रकार हवा में पोलूशन का स्तर बढ़ता है तो GRAP के नियमों का पालन किया जाता है और ठोस कदम उठाए जाते हैं मगर बिहार में नवंबर के महीने में कई दिन हवा की यह स्थिति रही मगर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए. स्कूल कॉलेजेस जस के तस चलते रहे. उन्होंने सवालिया लहजे में बिहार सरकार से पूछा कि क्या बिहार सरकार की नजर में बिहार का लोगों का इम्यूनिटी सिस्टम ज्यादा मजबूत है कि वह नियमों का पालन नहीं करते.


Conclusion:सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता जोशी ने कहा कि जाड़े के मौसम में प्रदूषण की स्थिति और बढ़ जाती है इसके पीछे विपरीत वेदर कंडीशन जिम्मेवार होते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी लंबा नहीं हुआ है दिसंबर और जनवरी में भीषण ठंड पड़ती है और इस दौरान क्लीन ईयर एक्शन प्लान के तहत ठोस कदम उठाकर पटना में पोलूशन के स्तर को कम किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नवंबर महीने का उन्होंने एक बेटा कलेक्ट किया है जिसके अनुसार महीने में 64% दिन हवा का स्थिति सीवियर कंडीशन थी 23% बहुत खराब रही और 13% दिन पोलूशन की स्थिति पुअर कंडीशन में रही. मैंने कहा कि गंभीरता दूसरे वाले दिनों में ग्रेप लागू करने की जरूरत है और इसके मानकों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में सभी कंस्ट्रक्शन गतिविधियों समेत ईट भट्ठा इकाइयों पर अल्पकालिक प्रतिबंध लगाना चाहिए और अल्पकालिक तौर पर स्कूल और कॉलेजों को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि ओरिजिनल एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के दायरों को और वह आना चाहिए. सरकार ने 2024 तक 30% हवा में धूल कणों की सघनता को कम करने का लक्ष्य रखा है लेकिन अंतरिम तौर पर मापदंड संबंधी लक्ष्य योजना में नहीं दिखती है. उन्होंने कहा की पटना एयरपोर्ट का निर्माण हो या अन्य सरकारी निर्माण सभी जगह बिना कवर किए कंस्ट्रक्शन हो रहे हैं और आसपास के इलाके में धूल की स्थिति बहुत ही ज्यादा है उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है और इसके लिए एक मानदंड तैयार करना होगा और उसे सख्ती से अमल करना होगा.
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