पटना : दानापुर व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम वन के आदेश पर मंगलवार को पटना रुपशपुर थाने में महिला वकील के दुष्कर्म के मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. मामला साल 2021 का है. एक महिला वकील ने आरजेडी के पूर्व विधायक गुलाब यादव पर झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगायी थी. जिस मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर महिला ने कोर्ट में परिवाद दायर की थी. कोर्ट के आदेश पर IAS संजीव हंस (IAS Sanjeev Hans) और पूर्व विधायक गुलाब यादव (Former MLA Gulab Yadav) और उसके नौकर पर केस दर्ज कर लिया गया है
ये भी पढ़ें : गया में हार्डवेयर कारोबारी की हत्या, अपराधियों ने सिर में मारी गोली, पिस्टल छोड़कर फरार
इन धारा में दर्ज हुआ केस : दानापुर में महिला वकील को महिला आयोग की सदस्य बनवाने के झांसा देकर ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और आईएएस अधिकारी संजीव हंस, राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव व नौकर ललित पर दुष्कर्म करने का मामला रूपसपुर थाना में कांड संख्या 18/23 दर्ज किया गया है। जो धारा 323/341/376/376 (D)/420/313/120 (B)/504/506/34 के अलावा 67 IT एक्ट लगाया गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूर्व विधायक व आइएएस अधिकारी पर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है.
"व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम वन के आदेश पर मंगलवार को थाना में मामला दर्ज किया गया है. करैया, जम्हौर, औरंगाबाद की निवासी महिला वकील पीड़ित ने राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव, आईएएस अधिकारी संजीव हस व नौकर ललित पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है. वरीय पुलिस अधिकारी के दिशा निर्देश के बाद जल्द कानूनी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी की जाएगी." -डॉ रामानुज राम, रूपशपुर थानाध्यक्ष
जांच कराए बिना केस को खारिज कर दिया था: दरअसल, करीब एक साल पहले इस मामले में पीड़ित महिला वकील ने पटना पुलिस से मिलकर FIR दर्ज कराने की कोशिश की थी. लेकिन कामियाब न हो सकी, जिसके बाद महिला वकील ने दानापुर व्यवहार न्यायालय में कंप्लेन किया था. लेकिन वहां से उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद ही महिला वकील पटना हाईकोर्ट की शरण में गईं. पीड़िता के अनुसार तब इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने माना था कि दानापुर कोर्ट ने सही तरीके से जांच कराए बिना केस को खारिज कर दिया. जो सही नहीं था. फिर इसके बाद पुलिस को जांच करने का आदेश जारी हुआ. हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुन: व्यवहार न्यायालय में पिछले शुक्रवार को कोर्ट में बहस सुनाने के बाद पूर्व विधायक व आईएएस अधिकारी पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया था.