ETV Bharat / state

विस में उठा मृत डॉक्टर के तबादले का मामला, राजद की मांग- मुख्यमंत्री लें संज्ञान - मृत डॉक्टर के तबादले का मामला

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मृत डॉक्टर का तबादला किए जाने के मामले को लेकर बिहार विधानसभा और विधान परिषद में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. विधान परिषद के अंदर उठे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सफाई दी.

subodh rai and mangal pandey
सुबोध राय और मंगल पांडेय
author img

By

Published : Mar 9, 2021, 4:40 PM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है इसकी तस्वीर अक्सर लोगों के सामने आती रही थी. स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी का एक मामला सामने आया है. विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरने की कोशिश की है. वहीं, मंगल पांडेय ने कहा है कि जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है.

यह भी पढ़ें- नीतीश के विधायक बोले- 'हमरा से कोई बड़का... ठोक देंगे'

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मृत डॉक्टर का तबादला किए जाने के मामले को लेकर मंगलवार को बिहार विधानसभा और विधान परिषद में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. विधान परिषद के अंदर उठे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सफाई दी. विधान परिषद में एमएलसी सुबोध राय ने शेखपुरा में मृत सिविल सर्जन की नियुक्ति पर सवाल उठाया.

देखें रिपोर्ट

दोषियों पर कार्रवाई करें मुख्यमंत्री
"बिहार सरकार का जो खेल चल रहा है वह सभी के समझ में आ रहा है. मुकेश सहनी एक टिकट पर दो खेल खेल रहे हैं. उन्हीं की तर्ज पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी खेलना चाहते हैं. उनके विभाग का ही मामला है. एक मृत व्यक्ति का पदस्थापन विभाग कर दे रहा है. जिस तरह से विभाग में अनियमितता बढ़ती जा रही है और सरकार कुछ कर नहीं पा रही है ऐसे में हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में हुई लचर व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद संज्ञान लें और दोषियों पर कार्रवाई करें."- सुबोध राय, आरजेडी नेता

राजद की तरफ से उठाए जा रहे सवालों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा "मामला गंभीर है. इसकी जांच करवाई गई है. मामला जैसे ही संज्ञान में आया मैंने आदेश देते हुए पूरे मामले की छानबीन कराई. किसी भी सिविल सर्जन के अप्वाइंटमेंट में लगभग 25 दिन का वक्त लगता है. ऐसे में जब मामला सामने आया तो हमने सिविल सर्जन के पद पर तुरंत नई नियुक्ति करा दी है."

कोरोना से हो गई थी डॉक्टर की मौत
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को कई सिविल सर्जन का तबादला किया गया था. इसमें शेखपुरा के सिविल सर्जन के पद पर राम नारायण राम का तबादला किया गया, लेकिन जांच के बाद पता चला कि इनकी मौत कोरोना से पहले ही हो चुकी है. इस मामले को बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्ष ने उठाया. इस पर मंगल पांडेय ने कहा कि स्थानांतरण की प्रक्रिया में जो भी अधिकारी शामिल हैं उनको शोकॉज नोटिस किया गया है. नए डॉक्टर की नियुक्ति शेखपुरा के सिविल सर्जन के पद पर कर दी गई है.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे करें, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है इसकी तस्वीर अक्सर लोगों के सामने आती रही थी. स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़ी का एक मामला सामने आया है. विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरने की कोशिश की है. वहीं, मंगल पांडेय ने कहा है कि जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि राजद नेताओं ने मुख्यमंत्री से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है.

यह भी पढ़ें- नीतीश के विधायक बोले- 'हमरा से कोई बड़का... ठोक देंगे'

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मृत डॉक्टर का तबादला किए जाने के मामले को लेकर मंगलवार को बिहार विधानसभा और विधान परिषद में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. विधान परिषद के अंदर उठे मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने सफाई दी. विधान परिषद में एमएलसी सुबोध राय ने शेखपुरा में मृत सिविल सर्जन की नियुक्ति पर सवाल उठाया.

देखें रिपोर्ट

दोषियों पर कार्रवाई करें मुख्यमंत्री
"बिहार सरकार का जो खेल चल रहा है वह सभी के समझ में आ रहा है. मुकेश सहनी एक टिकट पर दो खेल खेल रहे हैं. उन्हीं की तर्ज पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी खेलना चाहते हैं. उनके विभाग का ही मामला है. एक मृत व्यक्ति का पदस्थापन विभाग कर दे रहा है. जिस तरह से विभाग में अनियमितता बढ़ती जा रही है और सरकार कुछ कर नहीं पा रही है ऐसे में हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग में हुई लचर व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद संज्ञान लें और दोषियों पर कार्रवाई करें."- सुबोध राय, आरजेडी नेता

राजद की तरफ से उठाए जा रहे सवालों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा "मामला गंभीर है. इसकी जांच करवाई गई है. मामला जैसे ही संज्ञान में आया मैंने आदेश देते हुए पूरे मामले की छानबीन कराई. किसी भी सिविल सर्जन के अप्वाइंटमेंट में लगभग 25 दिन का वक्त लगता है. ऐसे में जब मामला सामने आया तो हमने सिविल सर्जन के पद पर तुरंत नई नियुक्ति करा दी है."

कोरोना से हो गई थी डॉक्टर की मौत
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को कई सिविल सर्जन का तबादला किया गया था. इसमें शेखपुरा के सिविल सर्जन के पद पर राम नारायण राम का तबादला किया गया, लेकिन जांच के बाद पता चला कि इनकी मौत कोरोना से पहले ही हो चुकी है. इस मामले को बिहार विधानसभा के अंदर और बाहर विपक्ष ने उठाया. इस पर मंगल पांडेय ने कहा कि स्थानांतरण की प्रक्रिया में जो भी अधिकारी शामिल हैं उनको शोकॉज नोटिस किया गया है. नए डॉक्टर की नियुक्ति शेखपुरा के सिविल सर्जन के पद पर कर दी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.