पटनाः बिहार के पटना में जीविका दीदी शिक्षा की अलख जगा रही हैं. अब गांव के गरीब छात्र भी कैरियर संवार रहे हैं. गांव में हाईटेक लाइब्रेरी सहित तमाम सुविधाएं छात्र-छात्राओं को दी जा रही है. जीविका दीदी के जरिए संचालित लाइब्रेरी में पढ़ने वाले छात्रों की काउंसलिंग कई चर्चित प्रोफेसर और नौकरशाह कर रहे हैं. लाइब्रेरी में पढ़कर कई छात्र मुकाम हासिल कर रहे हैं.
पटना के गांव में जीविका दीदी लाइब्रेरीः हम बात कर रहे हैं राजधानी से 45 किलोमीटर दूर बिहटा प्रखंड के अमहरा गांव की. इस गांव का हाईटेक लाइब्रेरी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बड़ी संख्या में इलाके के गरीब छात्र और छात्राएं यहां पढ़ाई करते हैं. जीविका दीदी के द्वारा संचालित लाइब्रेरी इलाके के लिए मिसाल है. विद्या दीदी अर्चना कुमारी बताती हैं कि लाइब्रेरी में तमाम तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं बहाल की गई है. हर रोज 70 से 80 बच्चे लाइब्रेरी में पढ़ाई करने आते हैं.
![जीविका दीदी का करियर विकास केंद्र](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-01-2024/20470143_patnaaa.jpg)
"लाइब्रेरी में पूरे इलाके के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं. हम छात्रों को इंटरनेट, प्रोजेक्टर के अलावा पुस्तक भी मुहैया कराते हैं. बच्चों के लिए हम ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास की सुविधा भी मुहैया करा रहे हैं, जो छात्र पहले गांव से बाहर शहर में रहते थे अब वह गांव लौट रहे हैं." -अर्चना कुमारी, विद्या दीदी
कई छात्र-छात्राओं को मिली कामयाबीः अमहरा इलाके के बच्चों के सपनों को पंख लगने शुरू हो गए हैं. जीविका दीदी द्वारा संचालित सामुदायिक लाइब्रेरी में पढ़ाई कर कई छात्र-छात्राएं अपना भविष्य संवार रहे हैं. यहां पढ़ने वाली दो छात्रा एयर होस्टेस कोर्स में दाखिला पाई है. दो छात्रों को एमबीए में दाखिला मिला है. छात्रों की सफलता से उत्साहित होकर हर रोज 70 से 80 की संख्या छात्र लाइब्रेरी आ रहे हैं. अमेरिका में रहने वाले प्रोफेसर मधु और आईपीएस सुशील कुमार बच्चों से रूबरू हो चुके हैं.
"मैं राज्य सरकार के जीविका द्वारा संचालित लाइब्रेरी को देखना भी चाहता था. जब मुझे बुलाया गया तब मैंने हां कर दिया. बच्चों की उत्सुकता को लेकर सवालों के जवाब भी दिए. ऐसे लाइब्रेरी के जरिए बच्चे अपना भविष्य संवार सकते हैं." -सुशील कुमार, आईपीएस ऑफिसर
![पटना में जीविका दीदी का करियर विकास केंद्र में बच्चे](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-01-2024/bh-pat-vis-04-ranjeet-spl-jivika-library-9021852_09012024183729_0901f_1704805649_135.jpg)
बड़े बड़े शिक्षक इससे जुड़ेः जूम के जरिए मशहूर शिक्षकों के द्वारा पढ़ाया जाता है. गांव के कई बच्चे पटना में किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करते थे, लेकिन अब सुविधाओं के बहाल होने के बाद गांव लौटने लगे हैं. छात्र-छात्राओं का कहना है कि अब उनका किराया भी बच रहा है. उन्हें अच्छी शिक्षा भी मिल रही है. फिलहाल पटना में बिहटा के अलावा फतुहा बख्तियारपुर और पटना सिटी में लाइब्रेरी का संचालन हो रहा है. पढ़ाई करने वाली छात्रा ने बताया कि वह आईएएस बनना चाहती है. छात्रा नंदनी कुमारी ने बताया कि समाज के प्रबुद्ध लोगों का मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है. मैं भी पढ़ लिख कर ऊंची मुकाम हासिल करना चाहती हूं.
"यहां हमें तमाम तरह की सुविधा मिलती हैं. खास तौर पर पुलिस ऑफिसर और प्रोफेसर का मार्गदर्शन हमारे लिए सुखद है. हमें इसका लाभ भी मिल रहा है." -मुस्कान कुमारी, छात्रा
![पटना में जीविका दीदी का करियर विकास केंद्र में बच्चे](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-01-2024/bh-pat-vis-04-ranjeet-spl-jivika-library-9021852_09012024183729_0901f_1704805649_564.jpg)
100 प्रखंडों में संचालनः जीविका परियोजना के द्वारा बिहार के 32 जिलों के 100 प्रखंडों में सामुदायिक पुस्तकालय सह करियर विकास केंद्र का संचालन किया जा रहा है. इसमें 100000 से अधिक युवा युवती जुड़ चुके हैं. दैनिक रूप से हर एक पुस्तकालय में औसतन 60 से 80 बच्चे का आगमन होता है. हर रोज 6000 से लेकर 8000 बच्चे पुस्तकालय से लाभान्वित हो रहे हैं.
कई सारी सुविधा मौजूदः पुस्तकालय में सेल्फ स्टडी के लिए अध्ययन कक्ष भौतिक व डिजिटल लाइब्रेरी के अलावा पुस्तक, दैनिक समाचार पत्र और अन्य सामग्री उपलब्ध हैं. इसके अलावा उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए छात्रों को वित्त पोषण सहायता छात्रवृत्ति, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, योजना बैंकों और स्वयं सहायता समूह से शिक्षा ऋण प्राप्त करने में सहायता की जाती है. क्विज प्रतियोगिता, निबंध लेखन, प्रतिभा सम्मान, वाद विवाद, कविता पाठ और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम हो रही है.
"हम लाइब्रेरी को बेहतर ढंग से संचालित कर रहे हैं. छात्रों को हर तरह की सुविधा दी जा रही हैं. फिलहाल यह 100 प्रखंडों में चल रहा है, लेकिन बिहार के तमाम प्रखंडों में ऐसी सुविधा बहाल करने की योजना है." -राकेश कुमार, सहयोगी
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