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अमेजन के वकीलों की ओर से अधिकारियों को रिश्वत देने का मामला, CAIT ने की CBI जांच की मांग - Amazon Bribe case

अमेजन (Amazon) ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू की है. अब कैट (CAIT) ने भी केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce Minister Piyush Goyal) को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है.

कैट
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Published : Sep 20, 2021, 5:19 PM IST

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce Minister Piyush Goyal) को पत्र लिखकर अमेजन व्हिसलब्लोअर (Amazon Whistleblower) की शिकायतों की सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही अधिकारियों की पहचान कर उनके नामों को भी सार्वजनिक करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें: CAIT ने CCI से अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ तलाशी और जब्ती की मांग की

दरअसल, एक समाचार एजेंसी ने एक अहम खुलासा किया है. जिसमें अमेजन व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया है कि भारत के वकीलों ने अधिकारियों को रिश्वत दी है. इसको लेकर अब कैट ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है. जिसमें इस सनसनीखेज खुलासे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है.

कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी (CAIT Bihar Chairman Kamal Nopani), कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा (CAIT President Ashok Kumar Verma) और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने कहा कि सीबीआई जांच में उन अधिकारियों की पहचान कर उनके नामों को भी सार्वजनिक किया जाए, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भ्रष्टाचार (Corruption) को समाप्त करने की घोषणा के विपरीत काम करने का दुस्साहस किया है. जो अधिकारी इस रिश्वत काण्ड में शामिल हैं, उन्हें कड़ा से कड़ा दंड दिया जाना चाहिए ताकि अन्य अधिकारी ऐसा करने का साहस न कर सके.

आपको बताएं कि लगातार कैट के द्वारा अमेजन और फ्लिपकार्ट कंपनियों का लगातार विरोध किया जा रहा है. उसी कड़ी में आज कैट के द्वारा पीयुष गोयल को भेजे पत्र में कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि ये खबर एक सनसनीखेज तथ्य को उजागर करती है कि अमेजन के वकीलों ने सरकारी अधिकारियों को अमेजन को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत दी है. वो भी ऐसे समय में जब सीसीआई और ईडी अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच कर रहे है. इस खबर ने निश्चित रूप से सरकारी अधिकारियों को जांच के घेरे में ला खड़ा किया है और इसलिए तत्काल सीबीआई जांच की आवश्यकता है. जांच होने तक अमेजन को अपने ई-कॉमर्स पोर्टल और अन्य संबंधित गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश भी दिया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: व्यापारी संगठन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, राज्यों की मेडिकल व्यवस्था का कराया जाए ऑडिट

कैट की ओर से कहा गया है कि मामला सरकार की विश्वसनीयता और सरकार के भीतर सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट दृष्टि से संबंधित है. कैट अध्यक्ष ने कहा कि यह भी पता लगाया जाए कि कथित रिश्वतखोरी का संबंध अमेजन द्वारा कानून और नियमों के निरंतर उल्लंघन से संबंधित है या नहीं, क्योंकि इस खबर में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात अमेजन ने स्वयं मानी है. इसलिए भारतीय ई-कॉमर्स बाजार और खुदरा व्यापार को उनके अनुचित प्रभाव, प्रभुत्व के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत से बचाने के लिए उपरोक्त कदम बहुत आवश्यक है.

कैट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के भीतर सभी स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमेशा स्पष्ट रहे हैं, लेकिन अगर खबर सच है तो यह प्रधानमंत्री की पहल के लिए एक बड़ा झटका होगा कि सरकार की नाक के नीचे अधिकारी रिश्वत के बदले अपने स्वार्थ के लिए अमेजन का बचाव कर रहे हैं या उसको लाभ दे रहें हैं. सीबीआई को इसके सभी पहलुओं की जांच एक समयबद्ध सीमा में करानी जरूरी है.

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce Minister Piyush Goyal) को पत्र लिखकर अमेजन व्हिसलब्लोअर (Amazon Whistleblower) की शिकायतों की सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही अधिकारियों की पहचान कर उनके नामों को भी सार्वजनिक करने की मांग की है.

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दरअसल, एक समाचार एजेंसी ने एक अहम खुलासा किया है. जिसमें अमेजन व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया है कि भारत के वकीलों ने अधिकारियों को रिश्वत दी है. इसको लेकर अब कैट ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है. जिसमें इस सनसनीखेज खुलासे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है.

कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी (CAIT Bihar Chairman Kamal Nopani), कैट अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा (CAIT President Ashok Kumar Verma) और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने कहा कि सीबीआई जांच में उन अधिकारियों की पहचान कर उनके नामों को भी सार्वजनिक किया जाए, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भ्रष्टाचार (Corruption) को समाप्त करने की घोषणा के विपरीत काम करने का दुस्साहस किया है. जो अधिकारी इस रिश्वत काण्ड में शामिल हैं, उन्हें कड़ा से कड़ा दंड दिया जाना चाहिए ताकि अन्य अधिकारी ऐसा करने का साहस न कर सके.

आपको बताएं कि लगातार कैट के द्वारा अमेजन और फ्लिपकार्ट कंपनियों का लगातार विरोध किया जा रहा है. उसी कड़ी में आज कैट के द्वारा पीयुष गोयल को भेजे पत्र में कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि ये खबर एक सनसनीखेज तथ्य को उजागर करती है कि अमेजन के वकीलों ने सरकारी अधिकारियों को अमेजन को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत दी है. वो भी ऐसे समय में जब सीसीआई और ईडी अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच कर रहे है. इस खबर ने निश्चित रूप से सरकारी अधिकारियों को जांच के घेरे में ला खड़ा किया है और इसलिए तत्काल सीबीआई जांच की आवश्यकता है. जांच होने तक अमेजन को अपने ई-कॉमर्स पोर्टल और अन्य संबंधित गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश भी दिया जाना चाहिए.

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कैट की ओर से कहा गया है कि मामला सरकार की विश्वसनीयता और सरकार के भीतर सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट दृष्टि से संबंधित है. कैट अध्यक्ष ने कहा कि यह भी पता लगाया जाए कि कथित रिश्वतखोरी का संबंध अमेजन द्वारा कानून और नियमों के निरंतर उल्लंघन से संबंधित है या नहीं, क्योंकि इस खबर में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात अमेजन ने स्वयं मानी है. इसलिए भारतीय ई-कॉमर्स बाजार और खुदरा व्यापार को उनके अनुचित प्रभाव, प्रभुत्व के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत से बचाने के लिए उपरोक्त कदम बहुत आवश्यक है.

कैट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के भीतर सभी स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमेशा स्पष्ट रहे हैं, लेकिन अगर खबर सच है तो यह प्रधानमंत्री की पहल के लिए एक बड़ा झटका होगा कि सरकार की नाक के नीचे अधिकारी रिश्वत के बदले अपने स्वार्थ के लिए अमेजन का बचाव कर रहे हैं या उसको लाभ दे रहें हैं. सीबीआई को इसके सभी पहलुओं की जांच एक समयबद्ध सीमा में करानी जरूरी है.

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