पटना: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 12 दिनों से लगातार इजाफा हो रहा है. इससे आम लोगों को तो काफी परेशानी है. लेकिन क्या पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ने के कारण इसका कुछ असर व्यवसाय और उद्योगों पर भी पड़ रहा है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने राजधानी के व्यसायियों और उद्योगपतियों से बातचीत की.
यह भी पढ़ें:पटना: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 12वें दिन बढ़ोतरी, लोगों में आक्रोश
पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम को लेकर कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स व्यवसायिक संगठन के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा का कहना है कि पेट्रोल और डीजल व्यवसाय की लाइफ-लाइन है. इनकी कीमतों में बढ़ोतरी होने से व्यापारियों को काफी समस्या हो रही है. हालांकि, इसका असर फिलहाल वस्तुओं पर अधिक नहीं देखने को मिल रहा है. लेकिन अगर यही स्थिति बरकरार रही तो महंगाई प्रतिदिन बढ़ते जाएगी. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हैं कि वह इस मसले पर ध्यान दें. साथ ही केंद्र सरकार से बात कर टैक्स की दरों में कटौती करें. जिससे कि लोगों को सस्ते दरों पर पेट्रोल और डीजल उपलब्ध हो सके.
यह भी पढ़ें:बिहार बजट: सीतामढ़ी के किसानों को उम्मीद, केसीसी कार्ड बनवाने में मिले सहूलियत
वहीं, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि राज्य सरकार इस मामले में कुछ नहीं कर सकती. यह एक रूटीन सिस्टम है. केंद्र सरकार चाहे तो इस पर नियंत्रण कर सकती है. जिस समय इसके दाम बढ़ते हैं तो उस समय सरकार टैक्स को कम करके जनता को राहत दे सकती है. यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है. जिस प्रकार मूल्य में इजाफा हुआ है उसी प्रकार पेट्रोलियम पदार्थों का मूल्य कम भी हो सकता है. पेट्रोल और डीजल के मूल्य में वृद्धि के कारण औद्योगिकरण में कोई समस्या नहीं हो रही है.