पटना: खुले आम मांस मछली बेचना कानूनन जुर्म है. कई बार प्रशासन का कानूनी डंडा इन मांस-मछली विक्रेताओं के खिलाफ चला भी है. लेकिन आज भी सड़क किनारे खुलेआम मांस मछली की बिक्री जारी है. जिस कारण महामारी फैलने का डर भी बना रहता है. वहीं, इस मामले में निगम प्रशासन भी अपने हाथ खड़े कर चुका है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि वे इस कानून को लागू करवाने में असमर्थ हैं. उनका कहना है कि सरकार उन्हें किसी भी प्रकार का मदद नहीं कर रही है.
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर पटना नगर निगम भले ही शहर की सफाई कराने में दिलचस्पी दिखा रहा हो. शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कर रहा हो. यहां तक सड़कों पर गंदगी फैलाने वाले लोगों पर निगम प्रशासन की तरफ से कार्रवाई भी की जा रही हो. लेकिन शहर में सड़क किनारे व्यापारी खुलेआम मांस मछली का व्यापार कर रहे हैं. निगम प्रशासन इन पर नकेल नहीं कस पा रहा है. सड़क मांस-मछली की हो रही बिक्री से लोगों की काफी परेशानी भी बढ़ी हुई है. खुले में मांस-मछली बिक्री होने के चले दुर्गंध से लोग परेशान रहते हैं. वहीं, कई तरह के बिमारियों के फैलने का डर बना रहता है.
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इन इलाके में खुले में होती है बिक्री
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निगम का सरकार पर आरोप
लेकिन इन कानून और नियमों के बावजदू भी निगम प्रशासन अपने हाथ खड़े कर रहा है. निगम प्रशासन का कहना है कि हम चाह कर भी कानून का पालन नहीं करवा सकते क्योंकि सरकार ही इन नियम कायदों के पालन कराने में साथ नहीं दे रही है. निगम से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर इन मांस-मछली व्यापारियों को उचित जगह दे सके इसके लिए स्लॉटर हॉउस का निर्माण कराया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि स्लॉटर हाउस बनने के बाद इन सभी विक्रेताओं को वहां शिफ्ट कराया जाएगा.
बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर केंद्रीय सर्वे टीम अगले माह पटना आ रही है. पटना नगर निगम की शहर को स्मार्ट बनाने की कोशिश जारी है. खुले में हो रहे मांस-मछली के कारोबार एक बार फिर स्वच्छता रैंकिंग में राजधानी को फिसड्डी साबित कर सकती है.