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पटना के इस अस्पताल का हाल देखिए साहब! मास्क के साथ हेलमेट भी है जरूरी

प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार ने कहा कि भवन के मलवा से कई बार स्वास्थ्यकर्मी घायल हो चुके हैं. संबंधित विभाग से कई बार शिकायत कर चुका हूं, लेकिन भवन का मरम्मत कराकर छोड़ दिया जाता है. कुछ दिन बाद फिर वही हाल हो जाता है.

बिहटा
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Published : Jan 10, 2021, 9:20 PM IST

Updated : Jan 10, 2021, 10:35 PM IST

पटना(बिहटा): बिहार में नई सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य विभाग के तरफ से सभी सरकारी अस्पतालों में सुविधा बढ़ाने की बात कही जा रही है. लेकिन राजधानी पटना से सटे बिहटा प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफलर अस्पताल की स्थिति काफी खराब है.

स्वास्थ्यकर्मियों के मन में रहता है डर
अस्पताल का भवन काफी जर्जर हो चुका है. यहां के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. बिहटा प्रखंड के सभी 26 पंचायत के लोगों के लिए यह एक मात्र रेफरल अस्पताल है.

अस्पताल की जर्जर छत
अस्पताल की जर्जर छत

'जान जोखिम में डालकर करते हैं काम'
रेफरल अस्पताल के लैब टेक्नीशियन मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अस्पताल के ज्यादातर हिस्से की छत आए दिन गिरती रहती है. यहां काम करते हुए हमेशा डर बना रहता है. कई बार स्वास्थ्य कर्मी घायल हो चुके हैं.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ेंः मुंगेर: नक्सलियों ने पर्चा चिपकाकर CO से की 50 लाख लेवी की मांग

'कई बार की जा चुकी है संंबंधित विभाग से शिकायत'
वहीं, जब इस संबंध में प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रेफरल अस्पताल का भवन 1979 में ही बना था. जो अब काफी पुराना हो चुका है. कई बार इसकी शिकायत स्वास्थ्य और भवन निर्माण विभाग के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी से भी की गई है, लेकिन भवन का मरम्मत कराकर छोड़ दिया जाता है. कुछ दिन बाद फिर वही हाल हो जाता है.

पटना(बिहटा): बिहार में नई सरकार के गठन के बाद स्वास्थ्य विभाग के तरफ से सभी सरकारी अस्पतालों में सुविधा बढ़ाने की बात कही जा रही है. लेकिन राजधानी पटना से सटे बिहटा प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफलर अस्पताल की स्थिति काफी खराब है.

स्वास्थ्यकर्मियों के मन में रहता है डर
अस्पताल का भवन काफी जर्जर हो चुका है. यहां के डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. बिहटा प्रखंड के सभी 26 पंचायत के लोगों के लिए यह एक मात्र रेफरल अस्पताल है.

अस्पताल की जर्जर छत
अस्पताल की जर्जर छत

'जान जोखिम में डालकर करते हैं काम'
रेफरल अस्पताल के लैब टेक्नीशियन मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अस्पताल के ज्यादातर हिस्से की छत आए दिन गिरती रहती है. यहां काम करते हुए हमेशा डर बना रहता है. कई बार स्वास्थ्य कर्मी घायल हो चुके हैं.

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'कई बार की जा चुकी है संंबंधित विभाग से शिकायत'
वहीं, जब इस संबंध में प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रेफरल अस्पताल का भवन 1979 में ही बना था. जो अब काफी पुराना हो चुका है. कई बार इसकी शिकायत स्वास्थ्य और भवन निर्माण विभाग के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी से भी की गई है, लेकिन भवन का मरम्मत कराकर छोड़ दिया जाता है. कुछ दिन बाद फिर वही हाल हो जाता है.

Last Updated : Jan 10, 2021, 10:35 PM IST
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