पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव दिलचस्प बन गया है. चुनाव में एनडीए के विरोध में महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है. लेकिन अब तक ओवैसी और बसपा के गठबंधन ने पत्ते नहीं खोले हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 5 सीटों पर जीत मिली है. वहीं बसपा को भी एक सीट पर जीत हासिल हुई है. यानी 6 सीट किस तरफ जाता है यह देखने वाली बात होगी.
बसपा और एआईएमआईएम के पास हैं 6 विधायक
विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव 25 नवंबर को होना है. एनडीए की ओर से विजय सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, महागठबंधन की ओर से अवध बिहारी चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है. विपक्ष उम्मीदवार हटाने को तैयार नहीं है लेकिन एक तीसरा गठबंधन भी है और इस गठबंधन के पास 6 उम्मीदवार हैं. इस गठबंधन में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पास 5 विधायक और मायावती की पार्टी बसपा के पास 1 विधायक हैं.
बसपा के एकमात्र विधायक जमा खान ने कहा कि अभी तक फैसला नहीं हुआ है बहन जी से बात करने के बाद फैसला होगा. तो वहीं एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान का कहना है गठबंधन के लोग बैठेंगे उसके बाद तय होगा.
बसपा और ओवैसी की पार्टी ने नहीं खोले पत्ते
बसपा और एआईएमआईएम का साफ कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर चुनाव नहीं होना चाहिए. अध्यक्ष पद को निष्पक्ष रखना चाहिए इस पर किसी तरह का विवाद होना सही नहीं है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान ने तो यहां तक सुझाव दिया है कि अध्यक्ष पद सत्ताधारी गठबंधन एनडीए अपने पास रखे और विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद दें दे. फिलहाल बसपा और एआईएमआईएम अपना पता खोलता नहीं दिख रहा है.
एनडीए के पास हैं बहुमत
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए सबसे बड़ा गठबंधन है. और एनडीए को 125 सीट प्राप्त हुआ है. एक निर्दलीय का भी समर्थन मिला हुआ है तो वही महागठबंधन को 110 सीट मिला है. 6 सीट बसपा और एआईएमआईएम गठबंधन को मिला है. यदि कोई उलटफेर ना हुआ तो, ऐसे में साफ दिख रहा है कि एनडीए का चुनाव जीतना तय है.