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ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज: परशुराम-अंबेडकर की तस्वीरें लगाई, मांझी ने खुद परोसा दही-चूड़ा - बिहार में चूड़ा-दही पॉलिटिक्स की शुरुआत

मांझी आवास पर आयोजित ब्राह्मण दलित एकता महाभोज (Brahmin Dalit Ekta Mahabhoj At Manjhi Residence) में काफी लोग शामिल हुए. खुद जीतनराम मांझी ने लोगों को दही-चूड़ा परोसा और साथ बैठकर खाना खाया. पार्टी के नेताओं ने इसे ऐतिहासिक बताया. पढ़ें पूरी खबर...

ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज
ब्राह्मण-दलित एकता महाभोज
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Published : Dec 27, 2021, 2:22 PM IST

Updated : Dec 27, 2021, 3:02 PM IST

पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास पर ब्राह्मण-दलित महाभोज (Jitan ram manjhi brahmin bhoj) शुरू हो गया है. कार्यालय में भगवान परशुराम, बाबा साहब अंबेडकर के साथ माउंटेन मैन की तस्वीर लगाई गई हैं. काफी संख्या में लोग भोज में शामिल हुए. खुद मांझी भी दही-चूड़ा परोसते और साथ बैठकर खाना खाते नजर आए.

इसे भी पढ़ें- ब्राह्मणों को भोज खिलाकर दूरियां पाटेंगे मांझी.. जान लीजिए मेन्यू में क्या-क्या है

बता दें कि इस भोज में दही-चूड़ा के साथ गया के तिलकुट की व्यवस्था की गई है. भोज के जरिए मांझी अपने द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद डैमेज कंट्रोल के रुप में देखा जा रहा है. बता दें इस भोज में सशर्त ब्राह्मणों और पंडितों को आमंत्रित किया गया था. जिसमें ये कहा गया था कि वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की हो, वे इस भोज में शामिल होंगे. इसे लेकर हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि ब्राह्मण-दलित महाभोज में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. खुद मांझी जी भी साथ बैठकर खाना खाए हैं. यह काफी अच्छा लग रहा है.

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ें- मांझी आवास के बाहर ब्राह्मणों ने की सत्यनारायण कथा, कहा- 'भगवान उनको जल्द सद्बुद्धि दें'

वहीं, पार्टी के विधायक अनिल सिंह ने कहा कि मांझी जी ने किसी भी समाज का अपमान नहीं किया है. जब सवर्णों के आरक्षण की बात हुई तब भी उन्होंने आगे बढ़कर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मांझी जी हर समाज के लोगों का आदर करते हैं.

पूर्व सीएम और अन्य लोगों के साथ खाना खा रहे स्थानीय व्यक्ति रमन कुमार ने कहा कि वो मांझी जी ने किसी का अपमान नहीं किया है. ब्राह्मण-दलित एकता के इस भोज के जरिए मांझी जी ने बहुत अच्छा काम किया है. इसलिए वो भी इस भोज में शामिल हुए हैं. फिलहाल जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण-दलित महाभोज से बिहार में चूड़ा-दही पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है.

बता दें कि मांझी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्यनारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे, लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्यनारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों को कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."

ब्राह्मणों पर मांझी के विवादित बयान के बाद (Controversial Statement on Brahmins) बीजेपी नेता गजेंद्र झा ने मधुबनी में ऐलान किया था कि हम प्रमुख जीतन राम मांझी की जीभ काटने वाले को 11 लाख का इनाम दिया जाएगा. साथ ही जिंदगी भर उसका भरण पोषण किया जाएगा. गजेन्द्र के इस बयान पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था और उनसे 15 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण मधुबनी जिला कार्यालय को देने को कहा था.

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पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के आवास पर ब्राह्मण-दलित महाभोज (Jitan ram manjhi brahmin bhoj) शुरू हो गया है. कार्यालय में भगवान परशुराम, बाबा साहब अंबेडकर के साथ माउंटेन मैन की तस्वीर लगाई गई हैं. काफी संख्या में लोग भोज में शामिल हुए. खुद मांझी भी दही-चूड़ा परोसते और साथ बैठकर खाना खाते नजर आए.

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बता दें कि इस भोज में दही-चूड़ा के साथ गया के तिलकुट की व्यवस्था की गई है. भोज के जरिए मांझी अपने द्वारा ब्राह्मणों पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद डैमेज कंट्रोल के रुप में देखा जा रहा है. बता दें इस भोज में सशर्त ब्राह्मणों और पंडितों को आमंत्रित किया गया था. जिसमें ये कहा गया था कि वैसे ब्राह्मण-पंडित जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया, चोरी-डकैती नहीं की हो, वे इस भोज में शामिल होंगे. इसे लेकर हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि ब्राह्मण-दलित महाभोज में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. खुद मांझी जी भी साथ बैठकर खाना खाए हैं. यह काफी अच्छा लग रहा है.

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वहीं, पार्टी के विधायक अनिल सिंह ने कहा कि मांझी जी ने किसी भी समाज का अपमान नहीं किया है. जब सवर्णों के आरक्षण की बात हुई तब भी उन्होंने आगे बढ़कर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि मांझी जी हर समाज के लोगों का आदर करते हैं.

पूर्व सीएम और अन्य लोगों के साथ खाना खा रहे स्थानीय व्यक्ति रमन कुमार ने कहा कि वो मांझी जी ने किसी का अपमान नहीं किया है. ब्राह्मण-दलित एकता के इस भोज के जरिए मांझी जी ने बहुत अच्छा काम किया है. इसलिए वो भी इस भोज में शामिल हुए हैं. फिलहाल जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण-दलित महाभोज से बिहार में चूड़ा-दही पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है.

बता दें कि मांझी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 'आप लोग माफ कीजिएगा. हम सबलोग को कहते हैं कि आजकल हमारे गरीब तबके के लोगों में धर्म की प्रासंगिकता ज्यादा आ रही है. सत्यनारायण पूजा का हमलोग नाम भी नहीं जानते थे, लेकिन हर जगह हमलोग के टोला में सत्यनारायण स्वामी की पूजा हो रही है. इतना भी लाज नहीं लगता है हमलोगों को कि पंडित @$#&#@ कहता है कि नहीं खाएंगे बाबू आप लोग पैसे दे दीजिए."

ब्राह्मणों पर मांझी के विवादित बयान के बाद (Controversial Statement on Brahmins) बीजेपी नेता गजेंद्र झा ने मधुबनी में ऐलान किया था कि हम प्रमुख जीतन राम मांझी की जीभ काटने वाले को 11 लाख का इनाम दिया जाएगा. साथ ही जिंदगी भर उसका भरण पोषण किया जाएगा. गजेन्द्र के इस बयान पर बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था और उनसे 15 दिनों के अंदर अपना स्पष्टीकरण मधुबनी जिला कार्यालय को देने को कहा था.

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Last Updated : Dec 27, 2021, 3:02 PM IST
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