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BPSC Paper Leak: प्रशासनिक चूक आई सामने! आर्थिक अपराध इकाई की जांच का दायरा बढ़ा

बिहार में बीपीएससी परीक्षा में हुए प्रश्नपत्र लीक मामले (BPSC Paper Leak) में आर्थिक अपराध इकाई की टीम हर पहलुओं की जांच कर रही है , इस मामले में गया जिले के जिलाधिकारी से भी पूछताछ करने की तैयारी चल रही है. वहीं आरा जिला प्रशासन पर भी सवालों के तीर छोड़े जाने की तैयारी चल रही है. पढ़ें पूरी खबर...

बीपीएससी पेपर लीक
बीपीएससी पेपर लीक
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Published : Jun 27, 2022, 2:33 PM IST

पटना: राजधानी पटना में बीपीएससी की 67वीं परीक्षा प्रश्न पत्र लीक (BPSC Paper Leak In Bihar) मामले में आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit Patna) की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बीपीएससी के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर से बड़ी चूक सामने आई है. दरअसल बीपीएससी के पीटी के प्रश्नपत्र लीक मामले में जैसे-जैसे आर्थिक अपराध इकाई की जांच बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. दरअसल जांच में यह सामने आई है कि गया जिला प्रशासन में सेंटर बनाने के लिए खुद ही शिक्षण संस्थानों के लिस्ट तैयार कर बीपीएससी को भेजा था. वहां के डीईओ से शिक्षण संस्थानों के बारे में कोई जानकारी जिला प्रशासन द्वारा नहीं ली गई थी. जिला प्रशासन ने खुद ही परीक्षा कराने के लिए सेंटर तय किया था.



यह भी पढ़ें: पिंटू यादव का राजदार राहुल सिंह गिरफ्तार, ठिकाने से मिले BPSC के प्रश्न पत्र

मान्यता रद्द कॉलेज में कैसे ली बीपीएससी परीक्षा: दरअसल बीपीएससी की 67वीं परीक्षा प्रश्न पत्र मामले में यह खुलासा हुआ है कि गया जिले के डेल्हा स्थित राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य ने यह प्रश्न पत्र लिक किया था. जबकि इस कॉलेज की मान्यता पहले ही रद्द हो चुकी थी. हालांकि ऐसा मामला सिर्फ गया का ही नहीं है. वहीं BPSC पेपर लीक मामले में सबसे पहले भोजपुर के वीर कुंवर सिंह कॉलेज जहां से बीपीएससी प्रश्न पत्र का सबसे पहले खुलासा हुआ था, उस कॉलेज की मान्यता भी रद्द हो चुकी थी. ऐसे में दोनों जिला प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि मान्यता रद्द कॉलेज में बीपीएससी जैसे बड़े परीक्षा का आयोजन कैसे किया गया.




आर्थिक अपराध इकाई जांच में जुटी: आर्थिक अपराध इकाई की विशेष सूत्रों की मानें, तो आर्थिक अपराध इकाई गया के डीएम से भी पूछताछ कर सकती है. इस बात की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पहले भी इस तरह के परीक्षाओं में डीएम अपने स्तर से ही कॉलेज के नाम को तय करते थे. वहीं, आर्थिक अपराध इकाई गया जिला प्रशासन से संबंधित कुछ अफसरों से भी पूछताछ करेगी कि कई वर्षों से इस कॉलेज की मान्यता रद्द होने के बावजूद 65वीं और 66वीं बीपीएससी परीक्षा का सेंटर इस कॉलेज में पड़ा था. ऐसे में सवाल उठता है कि पहले के एग्जाम में भी यहां के प्रिंसिपल द्वारा ऐसी गड़बड़ी की गई होगी. इस विषय पर आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है.

कॉलेज में छापेमारी, दस्तावेज जब्त: आर्थिक अपराध इकाई के विशेष अनुसंधान दल ने राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज में छापेमारी कर गहनता से तलाशी ली. इस दौरान टीम के हाथ कई दस्तावेज और उपकरण लगे हैं. जिसे आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है. इस मामले में लगातार अनुसंधान किया जा रहा है. साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है. इसी क्रम में आरोपी शक्ति कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. जिसे मामले की पूछताछ की जा रही है.

यह भी पढ़ें: BPSC Paper Leak Case: मास्टरमाइंड पिंटू यादव को कौन बचा रहा है? उठ रहे सवाल

यह है पूरा मामला: बता दें कि बीपीएससी 67वीं पीटी की परीक्षा के प्रश्नपत्र आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुए थे और उसके बाद इस पूरे मामले के कारण पूरे बिहार की किरकिरी एक बार फिर से पूरे देश में हुई थी. हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे.बीपीएससी के 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज किया गया था. इसमें धारा 420, 467, 468, 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है.

पटना: राजधानी पटना में बीपीएससी की 67वीं परीक्षा प्रश्न पत्र लीक (BPSC Paper Leak In Bihar) मामले में आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offenses Unit Patna) की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बीपीएससी के साथ-साथ प्रशासनिक स्तर से बड़ी चूक सामने आई है. दरअसल बीपीएससी के पीटी के प्रश्नपत्र लीक मामले में जैसे-जैसे आर्थिक अपराध इकाई की जांच बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. दरअसल जांच में यह सामने आई है कि गया जिला प्रशासन में सेंटर बनाने के लिए खुद ही शिक्षण संस्थानों के लिस्ट तैयार कर बीपीएससी को भेजा था. वहां के डीईओ से शिक्षण संस्थानों के बारे में कोई जानकारी जिला प्रशासन द्वारा नहीं ली गई थी. जिला प्रशासन ने खुद ही परीक्षा कराने के लिए सेंटर तय किया था.



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मान्यता रद्द कॉलेज में कैसे ली बीपीएससी परीक्षा: दरअसल बीपीएससी की 67वीं परीक्षा प्रश्न पत्र मामले में यह खुलासा हुआ है कि गया जिले के डेल्हा स्थित राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य ने यह प्रश्न पत्र लिक किया था. जबकि इस कॉलेज की मान्यता पहले ही रद्द हो चुकी थी. हालांकि ऐसा मामला सिर्फ गया का ही नहीं है. वहीं BPSC पेपर लीक मामले में सबसे पहले भोजपुर के वीर कुंवर सिंह कॉलेज जहां से बीपीएससी प्रश्न पत्र का सबसे पहले खुलासा हुआ था, उस कॉलेज की मान्यता भी रद्द हो चुकी थी. ऐसे में दोनों जिला प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा होता है कि मान्यता रद्द कॉलेज में बीपीएससी जैसे बड़े परीक्षा का आयोजन कैसे किया गया.




आर्थिक अपराध इकाई जांच में जुटी: आर्थिक अपराध इकाई की विशेष सूत्रों की मानें, तो आर्थिक अपराध इकाई गया के डीएम से भी पूछताछ कर सकती है. इस बात की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पहले भी इस तरह के परीक्षाओं में डीएम अपने स्तर से ही कॉलेज के नाम को तय करते थे. वहीं, आर्थिक अपराध इकाई गया जिला प्रशासन से संबंधित कुछ अफसरों से भी पूछताछ करेगी कि कई वर्षों से इस कॉलेज की मान्यता रद्द होने के बावजूद 65वीं और 66वीं बीपीएससी परीक्षा का सेंटर इस कॉलेज में पड़ा था. ऐसे में सवाल उठता है कि पहले के एग्जाम में भी यहां के प्रिंसिपल द्वारा ऐसी गड़बड़ी की गई होगी. इस विषय पर आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है.

कॉलेज में छापेमारी, दस्तावेज जब्त: आर्थिक अपराध इकाई के विशेष अनुसंधान दल ने राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज में छापेमारी कर गहनता से तलाशी ली. इस दौरान टीम के हाथ कई दस्तावेज और उपकरण लगे हैं. जिसे आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है. इस मामले में लगातार अनुसंधान किया जा रहा है. साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है. इसी क्रम में आरोपी शक्ति कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है. जिसे मामले की पूछताछ की जा रही है.

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यह है पूरा मामला: बता दें कि बीपीएससी 67वीं पीटी की परीक्षा के प्रश्नपत्र आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुए थे और उसके बाद इस पूरे मामले के कारण पूरे बिहार की किरकिरी एक बार फिर से पूरे देश में हुई थी. हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे.बीपीएससी के 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज किया गया था. इसमें धारा 420, 467, 468, 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है.

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