ETV Bharat / state

BPSC Paper Leak Case : बड़हरा के तत्कालीन BDO बर्खास्त, कैबिनेट ने आदेश को दी मंजूरी

Nitish Cabinet Meeting 65वीं बीपीएससी PT परीक्षा के पेपर लीक मामले में आरोपी बड़हरा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. जयवर्धन गुप्ता परीक्षा केन्द्र पर मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात थे. पढ़ें पूरी खबर

बड़हरा के तत्कालीन BDO बर्खास्त
बड़हरा के तत्कालीन BDO बर्खास्त
author img

By

Published : Feb 24, 2023, 6:25 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने तत्कालिन भोजपुर जिले के बड़हरा बीडीओ को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. बताया जाता है कि पांच साल पहले (2017) राजधानी के घोसवरी प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. बाद में जमानत पर छूटने के बाद जयवर्धन गुप्ता ने पोस्टिंग ले ली थी. लेकिन रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिस पर नीतीश कैबिनेट (Bihar Cabinet Meeting) ने आज मुहर लगा दी.

ये भी पढ़ें: BPSC Paper Leak : EoU की बड़ी कार्रवाई, सेंटर सुपरिटेंडेंट समेत 4 गिरफ्तार

कैसे हुई थी गिरफ्तारी? : जानकारी के मुताबिक, करीब पांच साल पहले जयवर्धन गुप्ता ने घोसवरी प्रखंड में बीडीओ के पद पर रहते हुए एक लाख रुपये की घूस की मांग की थी. इसकी शिकायत घोसवरी प्रखंड के दिनेश गोप ने निगरानी में की. जयवर्धन गुप्ता पर आरोप था कि इन्होंने योजना की मंजूरी के लिए दिनेश गोप से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी. जिसके बाद निगरानी की टीम ने जयवर्धन गुप्ता को मोकामा में उनके किराये के आवास से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. साथ ही गिरफ्तार के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. इससे पहले जयवर्धन गुप्ता का भोजपुर के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में BPSC पेपर लीक मामले में भी सामने आया था.

क्या है BPSC पेपर लीक मामला? : बता दें कि साल 2022, मई में बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं परीक्षा के दौरान पेपर लीक (BPSC Paper Leak Case) हुआ था. आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षा दे रहे छात्रों ने धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी. आयोग ने परीक्षा में धांधली की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा था.

EOU की जांच में बड़हरा BDO दोषी: ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने अपनी जांच में चार लोगों दोषी पाया, जिसके बाद सभी सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. इसमें भोजपुर के तत्कालिन बीडीओ जय वर्धन गुप्ता भी शामिल थे. इन्हीं पर भोजपुर के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में मजिस्ट्रेट के तौर पर परीक्षा की जिम्मेदारी थी.

कौन है जय वर्धन गुप्ता ? : जय वर्धन गुप्ता BPSC की 53वीं, 54वीं और 55वीं परीक्षा पास कर सरकारी सेवा में आए थे. इनका मेरिट लिस्ट में 835वां रैंक था, जिसके बाद इनका चयन प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में हुआ था. बता दें कि जयव‌र्द्धन गुप्ता बिहार के बांका जिले के निवासी है. साल 2017 में पटना के घोसवरी प्रखंड में एक लाख रुपये घूस लेते निगरानी टीम ने इन्हे रंगे हाथ पकड़ा था.

पटना: बिहार सरकार ने तत्कालिन भोजपुर जिले के बड़हरा बीडीओ को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. बताया जाता है कि पांच साल पहले (2017) राजधानी के घोसवरी प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था. बाद में जमानत पर छूटने के बाद जयवर्धन गुप्ता ने पोस्टिंग ले ली थी. लेकिन रिश्वत मामले में गिरफ्तारी के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिस पर नीतीश कैबिनेट (Bihar Cabinet Meeting) ने आज मुहर लगा दी.

ये भी पढ़ें: BPSC Paper Leak : EoU की बड़ी कार्रवाई, सेंटर सुपरिटेंडेंट समेत 4 गिरफ्तार

कैसे हुई थी गिरफ्तारी? : जानकारी के मुताबिक, करीब पांच साल पहले जयवर्धन गुप्ता ने घोसवरी प्रखंड में बीडीओ के पद पर रहते हुए एक लाख रुपये की घूस की मांग की थी. इसकी शिकायत घोसवरी प्रखंड के दिनेश गोप ने निगरानी में की. जयवर्धन गुप्ता पर आरोप था कि इन्होंने योजना की मंजूरी के लिए दिनेश गोप से एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी. जिसके बाद निगरानी की टीम ने जयवर्धन गुप्ता को मोकामा में उनके किराये के आवास से रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. साथ ही गिरफ्तार के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था. इससे पहले जयवर्धन गुप्ता का भोजपुर के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में BPSC पेपर लीक मामले में भी सामने आया था.

क्या है BPSC पेपर लीक मामला? : बता दें कि साल 2022, मई में बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं परीक्षा के दौरान पेपर लीक (BPSC Paper Leak Case) हुआ था. आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में परीक्षा दे रहे छात्रों ने धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर दी थी. आयोग ने परीक्षा में धांधली की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा था.

EOU की जांच में बड़हरा BDO दोषी: ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) ने अपनी जांच में चार लोगों दोषी पाया, जिसके बाद सभी सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. इसमें भोजपुर के तत्कालिन बीडीओ जय वर्धन गुप्ता भी शामिल थे. इन्हीं पर भोजपुर के वीर कुंवर सिंह कॉलेज में मजिस्ट्रेट के तौर पर परीक्षा की जिम्मेदारी थी.

कौन है जय वर्धन गुप्ता ? : जय वर्धन गुप्ता BPSC की 53वीं, 54वीं और 55वीं परीक्षा पास कर सरकारी सेवा में आए थे. इनका मेरिट लिस्ट में 835वां रैंक था, जिसके बाद इनका चयन प्रखंड विकास पदाधिकारी के रूप में हुआ था. बता दें कि जयव‌र्द्धन गुप्ता बिहार के बांका जिले के निवासी है. साल 2017 में पटना के घोसवरी प्रखंड में एक लाख रुपये घूस लेते निगरानी टीम ने इन्हे रंगे हाथ पकड़ा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.