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Bihar Teacher Recruitment : शिक्षा मंत्री का बयान शर्मनाक, बोले गुरु रहमान- 'बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं'

बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया में हो रहे बदलाव से अभ्यर्थी और शिक्षक दोनों परेशान है. सरकार से बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल पॉलिसी खत्म कर दिया है. जिसको लेकर बवाल हो रहा है. अब इस पूरे मामले में गुरु रहमान ने अपनी बात कही है. उन्होंने छात्रों से सत्याग्रह करने की भी अपील की है. पढ़ें पूरी खबर..

गुरु रहमान
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Published : Jun 30, 2023, 10:35 AM IST

Updated : Jun 30, 2023, 10:46 AM IST

शिक्षक बहाली प्रक्रिया में हो रहे बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरु रहमान

पटना: बीपीएससी से हो रहे 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली (Bihar Teacher Recruitment Process) में आए दिन हो रहे संशोधन से शिक्षक अभ्यर्थी और अभ्यर्थियों को तैयारी कराने वाले शिक्षक सभी काफी परेशान हैं. इनका कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि परीक्षा का सिलेबस क्या है. कंपटीशन का लेवल कैसा रहने वाला है. शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षक बहाली परीक्षा के लिए तैयारी कराने वाले शिक्षक गुरु रहमान ने बताया कि जिस प्रकार आए दिन बहाली के नियमावली में परिवर्तन हो रहे हैं. उससे वह लोग भी काफी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar Teacher Recruitment: 'शिक्षा मंत्री से स्लिप ऑफ टंग नहीं हुआ, RJD की सोची-समझी रणनीति है'- प्रशांत किशोर

शिक्षक बहाली प्रक्रिया में बदलाव: गुरु रहमान ने बताया कि अभी के समय वो अच्छी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षक बहाली के लिए पढ़ा रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों को वह लोग नहीं पढ़ाते थे. सिलेबस की जानकारी नहीं होती थी. लेकिन अब जब बीपीएससी की ओर से सिलेबस जारी किया गया. वह प्रैक्टिकल पैटर्न पर जारी किया गया. वह बीते 1 महीने से अधिक समय से शिक्षक अभ्यर्थियों को बीपीएससी लेवल की परीक्षाओं के लिए पढ़ा रहे हैं. जिसमें अब तक वह सभी को इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र सभी विषय पढ़ा रहे थे. लेकिन 2 दिन पूर्व अचानक सिलेबस में बदलाव कर दिया गया कि सभी विषय पढ़ना जरूरी नहीं है.

तैयारी करवाने वाले शिक्षक ने दी प्रतिक्रिया: गुरु रहमान ने बताया कि इतिहास विषय के साथ भूगोल, नागरिक शास्त्र और अर्थशास्त्र में से कोई एक विषय को पढ़ना होगा. शिक्षक बहाली के नियमावली और सिलेबस में जिस प्रकार परिवर्तन हो रहे हैं. उससे शिक्षक अभ्यर्थियों से अधिक तैयारी कराने वाले शिक्षक परेशान हैं और कंफ्यूज हैं. जिस प्रकार शिक्षक बहाली निकाली गई है और लगातार जिस प्रकार उसमें संशोधन किए जा रहे हैं. इससे यह सिद्ध हो रहा है कि बिना तैयारी के यह बहाली निकाल दी गई है. बहाली निकालने से पूर्व इस पर अधिकारियों ने काम नहीं किया था.

"सीटेट, नेट जेआरएफ जैसी परीक्षाएं ऑल इंडिया लेवल की होती है. लेकिन नोटिफिकेशन निकाला गया और आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई. उस समय डोमिसाइल नीति लागू रही. यहां के बेरोजगार अभ्यर्थियों को आशा जगी की 1.70 लाख पदों पर शिक्षकों की बहाली है. ऐसे में उनके क्वालीफाई करने के चांस ज्यादा है. लेकिन ऑल इंडिया लेवल पर वैकेंसी को खोल दिए जाने के कारण यहां के अभ्यर्थियों को लग रहा है कि उनकी सीटों पर दूसरे प्रदेश के छात्र कब्ज़ा जमा लेंगे और वह बेरोजगार हीं रह जाएंगे."- गुरु रहमान, शिक्षाविद्

बिहार में नहीं है मेधा की कमी: गुरु रहमान ने कहा कि शिक्षक बहाली के लिए ऑल इंडिया लेवल पर वैकेंसी खोले जाने का जो शिक्षा मंत्री ने तर्क दिया है. वह बहुत ही शर्मनाक है. बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं है और साइंस स्ट्रीम में अभ्यर्थियों की भी कोई कमी नहीं है. शिक्षा मंत्री गणित के लिए अभ्यर्थियों की कमी की बात करते हैं. जबकि पूरे देश और दुनिया में गणित के क्षेत्र में बिहारी छात्रों का जलवा रहता है. अगर शिक्षा मंत्री कहते हैं कि यह अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं तो यह सरकार की गलती है. वह बहुत लंबे समय से बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उन्हें पता है कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. सभी स्ट्रीम में वैकेंसी से कई गुना अधिक अभ्यर्थियों की संख्या है.

"हम प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील करेंगे कि इस बार भर वैकेंसी में डोमिसाइल नीति लागू रहने दें. क्योंकि 4 साल के लंबे संघर्ष के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए वैकेंसी आई है. इस वैकेंसी के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों ने कई बार सड़क पर लाठियां खाई हैं. बिहार में उद्योग का भी माहौल नहीं है. बेरोजगार युवाओं की संख्या भी अधिक है. ऐसे में बिहार में रोजगार के क्षेत्र में बिहारियों को पहले सरकार को एडजस्ट करना चाहिए. जिस प्रकार शिक्षक बहाली नियमावली में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं और संशोधन किया जा रहा है. शिक्षक अभ्यर्थी भी आक्रोशित हैं और उनके जैसे अभ्यर्थियों को तैयारी कराने वाले शिक्षक कंफ्यूज हैं."- गुरु रहमान, शिक्षाविद्

छात्रों से सत्याग्रह की अपील: गुरु रहमान ने कहा कि, शिक्षक बहाली में जो खामियां है, उसको लेकर वह छात्रों से अपील करेंगे कि पहले वह पढ़ाई करें. परीक्षा के लिए अपनी तैयारी मजबूत करें और सत्याग्रह करें. बहाली की नियमावली में अगर कोई विरोध है तो कोई भी विरोध में ऐसा कदम ना उठाएं जो अलोकतांत्रिक है. आप शिक्षक बनने के लिए परीक्षा देने जा रहे हैं तो शिक्षक की गरिमा का भी ध्यान रखें और धरना, भूख हड़ताल जैसे कार्यों से सत्याग्रह करें और अपनी वाजिब मांगों को मनवाने के लिए सरकार के समक्ष दबाव डालें. यह शिक्षक बहाली नियमावली बिना किसी ठोस तैयारी के सरकार की ओर से लाई गई है. जिसमें बहुत सारी खामियां हैं और अब तक 12 से अधिक बदलाव किए जा चुके हैं.

शिक्षक बहाली प्रक्रिया में हो रहे बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए गुरु रहमान

पटना: बीपीएससी से हो रहे 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली (Bihar Teacher Recruitment Process) में आए दिन हो रहे संशोधन से शिक्षक अभ्यर्थी और अभ्यर्थियों को तैयारी कराने वाले शिक्षक सभी काफी परेशान हैं. इनका कहना है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि परीक्षा का सिलेबस क्या है. कंपटीशन का लेवल कैसा रहने वाला है. शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षक बहाली परीक्षा के लिए तैयारी कराने वाले शिक्षक गुरु रहमान ने बताया कि जिस प्रकार आए दिन बहाली के नियमावली में परिवर्तन हो रहे हैं. उससे वह लोग भी काफी परेशान हैं.

ये भी पढ़ें- Bihar Teacher Recruitment: 'शिक्षा मंत्री से स्लिप ऑफ टंग नहीं हुआ, RJD की सोची-समझी रणनीति है'- प्रशांत किशोर

शिक्षक बहाली प्रक्रिया में बदलाव: गुरु रहमान ने बताया कि अभी के समय वो अच्छी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थियों को शिक्षक बहाली के लिए पढ़ा रहे हैं. शिक्षक अभ्यर्थियों को वह लोग नहीं पढ़ाते थे. सिलेबस की जानकारी नहीं होती थी. लेकिन अब जब बीपीएससी की ओर से सिलेबस जारी किया गया. वह प्रैक्टिकल पैटर्न पर जारी किया गया. वह बीते 1 महीने से अधिक समय से शिक्षक अभ्यर्थियों को बीपीएससी लेवल की परीक्षाओं के लिए पढ़ा रहे हैं. जिसमें अब तक वह सभी को इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र सभी विषय पढ़ा रहे थे. लेकिन 2 दिन पूर्व अचानक सिलेबस में बदलाव कर दिया गया कि सभी विषय पढ़ना जरूरी नहीं है.

तैयारी करवाने वाले शिक्षक ने दी प्रतिक्रिया: गुरु रहमान ने बताया कि इतिहास विषय के साथ भूगोल, नागरिक शास्त्र और अर्थशास्त्र में से कोई एक विषय को पढ़ना होगा. शिक्षक बहाली के नियमावली और सिलेबस में जिस प्रकार परिवर्तन हो रहे हैं. उससे शिक्षक अभ्यर्थियों से अधिक तैयारी कराने वाले शिक्षक परेशान हैं और कंफ्यूज हैं. जिस प्रकार शिक्षक बहाली निकाली गई है और लगातार जिस प्रकार उसमें संशोधन किए जा रहे हैं. इससे यह सिद्ध हो रहा है कि बिना तैयारी के यह बहाली निकाल दी गई है. बहाली निकालने से पूर्व इस पर अधिकारियों ने काम नहीं किया था.

"सीटेट, नेट जेआरएफ जैसी परीक्षाएं ऑल इंडिया लेवल की होती है. लेकिन नोटिफिकेशन निकाला गया और आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई. उस समय डोमिसाइल नीति लागू रही. यहां के बेरोजगार अभ्यर्थियों को आशा जगी की 1.70 लाख पदों पर शिक्षकों की बहाली है. ऐसे में उनके क्वालीफाई करने के चांस ज्यादा है. लेकिन ऑल इंडिया लेवल पर वैकेंसी को खोल दिए जाने के कारण यहां के अभ्यर्थियों को लग रहा है कि उनकी सीटों पर दूसरे प्रदेश के छात्र कब्ज़ा जमा लेंगे और वह बेरोजगार हीं रह जाएंगे."- गुरु रहमान, शिक्षाविद्

बिहार में नहीं है मेधा की कमी: गुरु रहमान ने कहा कि शिक्षक बहाली के लिए ऑल इंडिया लेवल पर वैकेंसी खोले जाने का जो शिक्षा मंत्री ने तर्क दिया है. वह बहुत ही शर्मनाक है. बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं है और साइंस स्ट्रीम में अभ्यर्थियों की भी कोई कमी नहीं है. शिक्षा मंत्री गणित के लिए अभ्यर्थियों की कमी की बात करते हैं. जबकि पूरे देश और दुनिया में गणित के क्षेत्र में बिहारी छात्रों का जलवा रहता है. अगर शिक्षा मंत्री कहते हैं कि यह अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं तो यह सरकार की गलती है. वह बहुत लंबे समय से बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उन्हें पता है कि बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. सभी स्ट्रीम में वैकेंसी से कई गुना अधिक अभ्यर्थियों की संख्या है.

"हम प्रदेश के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील करेंगे कि इस बार भर वैकेंसी में डोमिसाइल नीति लागू रहने दें. क्योंकि 4 साल के लंबे संघर्ष के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए वैकेंसी आई है. इस वैकेंसी के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों ने कई बार सड़क पर लाठियां खाई हैं. बिहार में उद्योग का भी माहौल नहीं है. बेरोजगार युवाओं की संख्या भी अधिक है. ऐसे में बिहार में रोजगार के क्षेत्र में बिहारियों को पहले सरकार को एडजस्ट करना चाहिए. जिस प्रकार शिक्षक बहाली नियमावली में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं और संशोधन किया जा रहा है. शिक्षक अभ्यर्थी भी आक्रोशित हैं और उनके जैसे अभ्यर्थियों को तैयारी कराने वाले शिक्षक कंफ्यूज हैं."- गुरु रहमान, शिक्षाविद्

छात्रों से सत्याग्रह की अपील: गुरु रहमान ने कहा कि, शिक्षक बहाली में जो खामियां है, उसको लेकर वह छात्रों से अपील करेंगे कि पहले वह पढ़ाई करें. परीक्षा के लिए अपनी तैयारी मजबूत करें और सत्याग्रह करें. बहाली की नियमावली में अगर कोई विरोध है तो कोई भी विरोध में ऐसा कदम ना उठाएं जो अलोकतांत्रिक है. आप शिक्षक बनने के लिए परीक्षा देने जा रहे हैं तो शिक्षक की गरिमा का भी ध्यान रखें और धरना, भूख हड़ताल जैसे कार्यों से सत्याग्रह करें और अपनी वाजिब मांगों को मनवाने के लिए सरकार के समक्ष दबाव डालें. यह शिक्षक बहाली नियमावली बिना किसी ठोस तैयारी के सरकार की ओर से लाई गई है. जिसमें बहुत सारी खामियां हैं और अब तक 12 से अधिक बदलाव किए जा चुके हैं.

Last Updated : Jun 30, 2023, 10:46 AM IST
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