पटना: बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वहीं, राज्य में एनडीए के बीच हालात कुछ ठीक नहीं लग रहे. जिस तरह से बीजेपी बड़े-बड़े फैसले ले रही है. उन सभी फैसलों में जेडीयू उनका साथ नहीं दे रही है. इससे कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव अकेले अपने दम पर लड़ेगी.
NDA में नहीं है सबकुछ ठीक
अनुच्छेद 370 पर जदयू ने सदन से वॉकआउट कर दिया. वहीं, तीन तलाक के मुद्दे पर भी जदयू ने बीजेपी का साथ नहीं दिया. इन सबों के पीछे जदयू ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि इन सब मुद्दों पर उसका स्टैंड क्लियर है. जदयू इन मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी. इससे पहले भी सीएम नीतीश कुमार ने भी केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल नहीं होने का फैसला लिया था.
विपक्ष ने किया समर्थन
बीजेपी के इन सभी फैसले पर पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में उत्साह का महौल है. वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने के लिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने भी तैयारी शुरू कर दी है. वहीं, विपक्ष की पार्टी राजद ने भी इस बात का समर्थन किया है. राजद विधायक राहुल तिवारी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी पहले एक दूसरे के साथ दिखते थे. लेकिन अब दोनों नेता एक-दूसरे से नजरें भी नहीं मिलाते हैं. ऐसे में साफ संकेत है कि भाजपा विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी में है.
पार्टी के नेता बोलने से करते हैं परहेज
लोकसभा चुनाव 2019 के बाद भाजपा की नजरें बिहार और पश्चिम बंगाल के चुनाव पर है. भाजपा नेता चाहते हैं कि दोनों राज्यों में भाजपा अपने दम पर सरकार बनाएं. हालांकि पार्टी के नेता इस मामले पर खुलकर कुछ भी बोलने से परहेज करते हैं. पार्टी के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा है कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. मामला विचाराधीन है और भविष्य में देखा जाएगा कि इस पर क्या फैसला लिया जाता है.
नीतीश कुमार के नेतृत्व में NDA लड़ेगा चुनाव
इस मामले पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि एनडीए में रहते हुए हम सरकार की नीतियों का विरोध कर सकते हैं. लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए का हिस्सा बनकार ही लड़ेंगे. वहीं, एनडीए सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगा.