पटना: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन 15 साल से अधिक समय जेल में रहने के बाद जेल से बाहर आ चुके हैं. पैरोल पर छूटे आनंद मोहन के लिए खुशखबरी सामने आई और आनंद मोहन को बिहार सरकार ने रिहा करने का फैसला ले लिया. अतीत में आनंद मोहन नीतीश कुमार के साथ राजनीति कर चुके हैं. आनंद मोहन, नीतीश कुमार के टीम के सक्रिय सदस्य थे और एनडीए की सरकार में आनंद मोहन की गिनती कद्दावर नेताओं में होती थी.
नीतीश के सुर से आनंद मोहन ने मिलाए सुर: अब जबकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और महागठबंधन नेता एनडीए को शिकस्त देने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं, वैसी स्थिति में नीतीश कुमार के मास्टरस्ट्रोक ने विरोधियों को चौंका दिया है. बाहुबली नेता आनंद मोहन ने भी अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. फिलहाल आनंद मोहन ने अपने पत्ते तो नहीं खोले हैं लेकिन नीतीश कुमार के सुर में सुर मिलाते जरूर दिख रहे हैं.
बीजेपी के बदले सुर: भारतीय जनता पार्टी आनंद मोहन की रिहाई को लेकर पशोपेश में है. भाजपा नेता लगातार आनंद मोहन की रिहाई को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे. आनंद मोहन के संकेत के बाद भाजपा नेताओं के सुर भी बदल गए हैं. आनंद मोहन को लेकर भाजपा कन्फ्यूज्ड दिखाई दे रही है. पार्टी को इस बात का डर भी सता रहा है कि आनंद मोहन की मुखालफत से वोट बैंक का नुकसान हो सकता है तो दूसरी तरफ भाजपा के नेता आनंद मोहन को भाजपा में आने का ऑफर भी दे रहे हैं.
सुशील मोदी ने सरकार के फैसले पर खोला मोर्चा: आनंद मोहन ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मेरी न्याय कानून संवत हुई है. हर दल के लोग मेरी रिहाई को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे. जहां तक सियासत का सवाल है तो अपने लोगों के साथ सलाह मशविरा के बाद फैसला लेंगे. आनंद मोहन ने मजबूत विपक्ष की वकालत की. साथ ही नीतीश कुमार के प्रयासों की सराहना भी की. आनंद मोहन ने कहा कि नीतीश कुमार बेहतर पहल कर रहे हैं आप हमारा समर्थन उनके साथ है.
"सबसे ज्यादा हंगामा मेरे नाम को ही लेकर हो रहा है. राज्य सरकार ने सजा पूरी होने के बाद ही सभी को छोड़ा है. मजबूत सत्ता पक्ष के लिए मजबूत विपक्ष लोकतंत्र का तकाजा है. केंद्र अगर बहुत मजबूत है तो विकलांग विपक्ष बहुत नुकसानदेह होता है." आनंद मोहन, पूर्व सांसद
"मेरे पिता आनंद मोहन की रिहाई सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक हुई है. हमारे पिता समाजवादी रहे हैं और मेरी राजनीतिक धारा भी समाजवादी ही होगी."- चेतन आनंद, आनंद मोहन के पुत्र
"लोकसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने के लिए सरकार ने आनंद मोहन को रिहा करने का फैसला लिया है. आनंद मोहन के बहाने कई अपराधियों को भी रिहा किया जा रहा है. मैं इसकी तीखी भर्त्सना करता हूं. सरकार ने एक व्यक्ति को रिहा करने के लिए कानून में संशोधन किया है जो ठीक नहीं है."- सुशील मोदी,राज्यसभा सांसद
"आनंद मोहन की रिहाई कानून और न्यायालय के आदेशों के मुताबिक हुई है. भाजपा सरकार के हर कदम को राजनीति के दृष्टि से देखती है. भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि बिलकिस बानो मामले में आरोपियों को रिहा कर दिया जाता है. आनंद मोहन ने लंबे समय तक नीतीश कुमार के साथ राजनीति की है और उनके महागठबंधन में आने से हमारी ताकत बढ़ेगी."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
"लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार सरकार ने आनंद मोहन को रिहा किया है. महागठबंधन नेताओं की मंशा शायद यह होगी कि राजपूत वोट बैंक को आनंद मोहन के जरिए साधा जाए. हालांकि देश और राज्य की राजनीति अब काफी बदल चुकी है. महागठबंधन नेताओं को इसमें कितनी सफलता मिलेगी यह तो भविष्य के गर्भ में है."- कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक