पटना: सारण में जहरीली शराब से मौत (Poisoned Alcohol Death In Saran) मामले में सरकार पर विपक्ष लगातार हमलावर है. वहीं सरकार में भागीदार बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा का कहना है कि सरकार की इतनी सख्ती के बाद भी मौत चिंता की बात है. शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. हमारी सरकार काफी सख्त है. ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही है. लेकिन लगातार छापेमारी के बाद भी धंधेबाज सफल हो रहे हैं. शराब के नाम पर जहर बेच रहे हैं तो चिंता की बात है. इसमें शामिल लोगों को सरकार सख्ती से निपटेगी, जो भी इसमें संलिप्त हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
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'शराबबंदी एक पुनीत कार्य है और इसलिए सरकार इसको वापस नहीं ले सकती है. सरकार के निर्णय के साथ हम लोग मजबूती से खड़े हैं. आने वाले दिनों में जनता में जागरुकता आएगी और अभी भी काफी संख्या में लोग शराब छोड़ चुके हैं. कहीं-कहीं पकड़ा जरूर जा रहा है लेकिन बड़ी संख्या में लोग शराब से दूरी बना ली है और हम लोगों को पूरा विश्वास है कि शराबबंदी जरूर सफल होगा और जो माफिया हैं. वह जेल के अंदर जाएंगे.' - विनोद शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता
सारण में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत : बता दें कि बिहार के सारण में जहरीली शराब से 11 लोगों की मौत (11 people died due to liquor AT CHAPRA) हुई है. जिले में जहरीली शराब कांड को लेकर आज जिला प्रशासन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया जिसके माध्यम से मरने वालों की संख्या की जानकारी दी है. जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों की संख्या ग्यारह बताई गई है. जिलाधिकारी सारण राजेश मीणा और पुलिस अधीक्षक सारण संतोष कुमार ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बताया है कि जिले में जहरीली शराब से 11 लोगों की अब तक मौत हुई है.
बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी : गौरतलब है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.