पटना: बिहार एनडीए (NDA) में तकरार जारी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) सरकार की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल खड़े कर रहे हैं. खासतौर पर विधि व्यवस्था को लेकर उन्होंने कई बार सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.
यह भी पढ़ें- BJP में ही रार! प्रदेश अध्यक्ष के बयान को मंत्री ने सिरे से नकारा
जदयू में कोई ऐसा चेहरा नहीं था जो भाजपा के बड़े नेताओं पर आक्रमक हो सके. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के रूप में मास्टर कार्ड खेला है. उपेंद्र कुशवाहा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को काउंटर कर रहे हैं.
नाराज चल रहे हैं संजय जायसवाल
दरअसल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल की नाराजगी उस समय शुरू हुई जब लॉकडाउन को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. संजय जायसवाल ने सप्ताह में 2 दिन लॉकडाउन का सुझाव दिया था, लेकिन सरकार ने उनके सुझाव को दरकिनार कर दिया था.
संजय जायसवाल ने इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, "नाइट कर्फ्यू का कोई फायदा होने वाला नहीं है. इससे संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लगेगी." इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा था, "महामारी के समय राजनीति ठीक नहीं है. सबको मिलकर महामारी से लड़ना चाहिए."
विधि व्यवस्था पर कई बार किये सवाल
संजय जायसवाल ने विधि व्यवस्था के सवाल पर भी कई बार सरकार को घेरा. उन्होंने कहा था, "राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति बेहतर नहीं है. पुलिस की कार्यप्रणाली को ठीक करने की जरूरत है.
टुन्ना पांडे मामले में कुशवाहा ने दिखाया था तेवर
टुन्ना पांडे के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा ने अपना तेवर दिखाया था. उन्होंने ट्वीट कर संजय जायसवाल से पूछा था कि अगर यह बयान जदयू के किसी एमएलसी ने दिया होता तो क्या होता?" बाद में भाजपा ने अपने एमएलसी टुन्ना पांडे को निलंबित कर दिया था.
संजय जायसवाल ने उठाया दलितों का मुद्दा
पिछले दिनों संजय जायसवाल ने कहा था कि रामगढ़वा के धन गढ़वा गांव में दलित समाज के लोगों के रास्ते को अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने बंद कर दिया. इसके अलावा कई स्थानों पर अल्पसंख्यकों द्वारा दलितों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं. पुलिस दोनों पर मुकदमा दर्ज करा रही है. प्रशासन को पारदर्शिता बरतने की जरूरत है.
वहीं, नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र की सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया होता तो हम निचले स्थान पर नहीं होते.
हमें नहीं फेस सेविंग की जरूरत
"भाजपा पर हमला करने से पहले लोगों को यह सोच लेना चाहिए कि देश में जो विकास हुआ है उसका श्रेय नरेंद्र मोदी को जाता है. अगर बिहार की बात करें तो जो भी विकास दिख रहा है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की बदौलत ही दिख रहा है. हमें फेस सेविंग की जरूरत नहीं है."- नवल किशोर यादव, भाजपा नेता
![Nawal kishore yadav](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-vis-05-ranjeet-splbjpjdu-9021852_08062021213619_0806f_1623168379_639.jpg)
"भाजपा और जदयू के बीच कोई विवाद नहीं है. सरकार में सब कुछ ठीक-ठाक है. ना तो सात निश्चय को लेकर कोई विवाद है ना ही कोई असमंजस की स्थिति है."- नीरज कुमार सिंह, जदयू नेता और पूर्व मंत्री
![Niraj kumar singh](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-vis-05-ranjeet-splbjpjdu-9021852_08062021213619_0806f_1623168379_710.jpg)
अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर फंसा है पेंच
"राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अंदर सामंजस्य का अभाव दिख रहा है. इसके चलते भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सरकार के खिलाफ बयान देना पड़ता है. अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर भी दोनों दलों में तकरार हो सकता है. भाजपा नेता अपने इलाके में तेज-तरार अधिकारियों की पोस्टिंग चाहते होंगे, लेकिन सरकार की ओर से कार्रवाई नहीं होने से गतिरोध बढ़ रहा है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
![sanjay kumar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-pat-vis-05-ranjeet-splbjpjdu-9021852_08062021213619_0806f_1623168379_762.jpg)
यह भी पढ़ें- Nitish Cabinet Decision: कोरोना से मौत पर आश्रितों को 4 लाख का अनुदान