पटनाः बीजेपी नेता सुशील मोदी विरोधियों के लिए खौफ का दूसरा नाम हैं, बिहार के नेता सुशील मोदी को लेकर आशंकित रहते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि सुशील मोदी के खिलाफ बयान देने में थोड़ी सी भी अगर चूक हुई, तो कानूनी पचड़े में फंसने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता. सुशील मोदी ने कई राजनेताओं (Defamation Cases Against Many Opposition Leaders) को मुकदमे के जरिए मुश्किल में डाल रखा है. सिर्फ जदयू खेमे के नेता ही इससे अछूते हैं. बिहार की सियासत (Politics Of Bihar) में सुशील मोदी गेम चेंजर माने जाते हैं, बीजेपी और जदयू में टूट होने के बाद से सुशील मोदी फ्रंट फुट पर बैटिंग कर रहे हैं. अमित शाह के दौरे के बाद तो दोनों पार्टियों में तल्खी और बढ़ गई है, सुशील मोदी जदयू के खिलाफ हमलावर हैं, जदयू के ओर से ही प्रतिवाद किया जा रहा है.
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सुशील मोदी के खिलाफ संभलकर बोलते हैं जदयू नेताः जदयू नेता आजकल सुशील मोदी को लेकर सधी हुई प्रतिक्रिया दे रहे हैं. पार्टी के तमाम नेताओं को संभलकर बोलने के लिए हिदायत भी दी गई है. नीतीश कुमार और ललन सिंह खुद सुशील मोदी को लेकर सॉफ्ट हैं. सिर्फ जदयू ही एक ऐसी पार्टी है जिनके नेताओं के खिलाफ सुशील मोदी ने मुकदमा दर्ज नहीं कराया हुआ है. वो राजनीतिक लड़ाई लड़ने में तो माहिर हैं साथ ही साथ कानूनी लड़ाई लड़ने के मामले में भी सुशील मोदी सशक्त माने जाते हैं. लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सुशील मोदी ने कानूनी लड़ाई की शुरुआत की थी. पशुपालन घोटाला मामले से लेकर आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सुशील मोदी की सक्रियता जग जाहिर है.
30 सितंबर को राहुल गांधी कोर्ट में होंगे हाजिरः कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भी सुशील मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया हुआ है. राहुल गांधी मुकदमे को लेकर एक बार पटना आ चुके हैं और 30 सितंबर को फिर उन्हें न्यायालय में हाजिर होने को कहा गया है. 30 सितंबर को ही रामानंद मामले में सुनवाई होनी है, खनन मंत्री रामानंद यादव के खिलाफ सुशील मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. इससे पहले राज सभा सांसद सुशील मोदी ने राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया हुआ है. प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन भी कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं.
"आगामी 30 सितंबर को राहुल गांधी के मामले में सुनवाई होनी है गवाह की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. राहुल गांधी को उपस्थित रहने को कहा गया है. खनन मंत्री रामानंद यादव के मामले में भी महत्वपूर्ण सुनवाई है"- रत्नेश कुशवाहा, अधिवक्ता, पटना हाईकोर्ट
भाजपा प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि सुशील मोदी सुलझे हुए राजनेता हैं और वह किसी के खिलाफ व्यक्तिगत और अनर्गल टिप्पणी नहीं करते हैं. उन्हें यह पसंद नहीं है कि उनके खिलाफ भी कोई अनर्गल और बिना प्रमाण के टिप्पणी करे. कोई भी राजनेता अगर सुशील मोदी के खिलाफ अनर्गल टिप्पणी करते हैं, तो वह मुकदमा दर्ज कराने में पीछे नहीं रहते. राहुल गांधी इसके साक्षात उदाहरण हैं. जदयू नेता भी सुशील मोदी को लेकर सावधान रहते हैं पार्टी प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा है कि हम नीतिगत बात करते हैं और जन सरोकार से जुड़े मुद्दे उठाते हैं किसी के ऊपर भी हम व्यक्तिगत टिप्पणी करने में भरोसा नहीं रखते हैं. हमारी पार्टी के नेता किसी से डरते भी नहीं हैं.
"सुशील मोदी सुलझे हुए राजनेता हैं. वह किसी के खिलाफ व्यक्तिगत और अनर्गल टिप्पणी नहीं करते हैं. उन्हें यह पसंद नहीं है, उनके खिलाफ भी कोई अनर्गल और बिना प्रमाण के टिप्पणी करता है, तो वह उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने में पीछे नहीं रहते"- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, भाजपा प्रवक्ता
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विरोधी नेता देते हैं सोच समझकर बयानः वहीं, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र का व्यक्तिगत का मानना है कि सुशील मोदी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से दो मोर्चे पर लड़ते हैं. राजनीतिक मोर्चे के अलावा वह कानूनी मोर्चे पर भी दो-दो हाथ के लिए तैयार रहते हैं. राहुल गांधी, लालू प्रसाद यादव, मनोज झा इसके उदाहरण हैं. सुशील मोदी के विरोधी नेता उनके खिलाफ बयानबाजी सोच समझकर करते हैं.