पटनाः बीजेपी के विधान परिषद सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान (Sanjay Paswan) ने विधान परिषद की अनुसूचित जाति जनजाति कमेटी के सभापति पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि पिछले दिनों बिहार विधान परिषद की समितियों का पुनर्गठन किया गया था. कार्यकारी सभापति के फैसले से संजय पासवान नाखुश थे. शुक्रवार को उन्होंने समिति छोड़ने का फैसला कर लिया.
यह भी पढ़ें- बिहार विधान परिषद कमेटी के सभापति की हुई पहली बैठक, उपेंद्र कुशवाहा भी हुए शामिल
कार्यकारी सभापति के फैसले से थे नाराज
कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने समितियों का पुनर्गठन करते हुए सदस्यों को अलग-अलग समितियों की जिम्मेदारी दी थी. बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान इस बात से नाराज थे.
'एससी-एसटी समिति में अध्यक्ष एससी-एसटी ही क्यों रहेंगे, महिला समिति में सिर्फ महिला ही अध्यक्ष क्यों होंगी. यह एक बुनियादी बात है. यह परंपरा खत्म होनी चाहिए. नॉन शिड्यूल कास्ट के अध्यक्ष शिड्यूल कास्ट के अध्यक्ष बनें. नॉन मायनॉरिटी कमेटी के अध्यक्ष मायनॉरिटी के लोग बनने चाहिए. जो देश-दुनिया देखेगा, वही हम देखेंगे. ऐसा नहीं होना चाहिए. हर बात पर सहमति बननी चाहिए. मुझसे समिति के बारे में पूछा नहीं गया. पता रहता तो मैं पहले ही मना कर देता. मैं कार्यकारी सभापति की कार्यशैली से नाराज हूं.' -संजय पासवान, विधान पार्षद, बीजेपी
बैठक से निकल गए थे संजय पासवान
उन्होंने अपना इस्तीफा परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह को सौंपा. पांच दिन पहले संजय पासवान को इस समिति का सभापति बनाया गया था. गुरुवार को नवगठित समितियों की पहली बैठक बुलाई गई थी. बैठक में शामिल होने के तुरंत बाद वे नाराज होकर निकल गए थे. शुक्रवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
18 कमेटियों का हुआ गठन
बिहार विधान परिषद में पिछले दिनों 18 नई कमेटियों का गठन हुआ. कमेटियों में अनुसूचित जाति-जनजाति कमेटी का भी गठन हुआ है. जिसके सभापति बीजेपी के एमएलसी संजय पासवान को बनाया गया था. लेकिन संजय पासवान एससी-एसटी कमेटी के सभापति बनना नहीं चाहते थे. इसी कारण नाराज होकर उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा भी दे दिया. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि संजय पासवान का इस्तीफा मिल गया है.
चर्चा में रहते हैं संजय पासवान
बीजेपी एमएलसी संजय पासवान अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं. अब एक बार फिर से वे चर्चा में हैं. दरअसल विधान परिषद में कमेटियों के गठन की सूची पिछले दिनों जारी की गई. समितियों के सभापति की पहली बैठक भी 9 जून को हुई है. कमेटियों के गठन को लेकर सत्ताधारी दल बीजेपी के विधान पार्षद ही नाराज हैं. बीजेपी विधान पार्षद संजय पासवान को अनुसूचित जाति जनजाति कमेटी का सभापति बनाया गया था. पिछले दिनों बैठक में इस पर संजय पासवान ने नाराजगी जताई. संजय पासवान ने कहा कि किस वर्ग से आता है उसे कमेटी का सभापति बनाया जाए, यह ठीक नहीं है.
मनमाने ढंग से लिया फैसला
बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने कहा, सभापति अवधेश नारायण सिंह ने मनमाने ढंग से फैसला लिया है. मुझसे कोई चर्चा भी उन्होंने नहीं की. अब मैं एससी-एसटी कमेटी का सभापति क्यों बनूं. जरूरी नहीं है कि जो अल्पसंख्यक है, उसे अल्पसंख्यक कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाए. दूसरे लोगों को भी बनाया जा सकता है. बता दें कि संजय पासवान पहले भी अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं. चुनाव से पहले उन्होंने नीतीश कुमार के चेहरे को लेकर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि अब बिहार को नए चेहरे की जरूरत है. इस पर काफी विवाद भी हुआ था. पार्टी ने उनका व्यक्तिगत बयान बताया था.
यह भी पढ़ें- Bihar Legislative Council: 18 कमेटियों का गठन, ETV भारत पर देखिए लिस्ट
अपडेट जारी है...