पटनाः सीएम नीतीश के विवादित बयान को लेकर बिहार विधान परिषद में आज बीजेपी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने एनसीईआरटी बुक का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को जायज बताने की कोशिश की. इसको लेकर भी अब बिहार में सियासत तेज हो गई है, बीजेपी की विधान पार्षद निवेदिता सिंह ने साफ-साफ कहा है कि जिस किताब की बात मंत्री अशोक चौधरी सदन के अंदर कर रहे थे, लगता है उस किताब पर मुख्यमंत्री जी ने ज्यादा प्रैक्टिकल कर लिया था, इसीलिए उन्होंने सदन के अंदर इस तरह का वक्तव्य दिया है.
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नीतीश कुमार ने शब्दों के जरिए..: एमएलसी निवेदिता सिंह यहीं नहीं रूकी उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार ने शब्दों के जरिए सदन के अंदर महिलाओं का बलात्कार किया है. ये देखकर हम चुप नहीं रह सकते, जैसे द्रौपदी का चिरहरण हुआ और सारे महारथी चुप रहे. कल बिहार की जनता हमसे पूछेगी तो हम उनको क्या जवाब देंगे. जिस किताब को दिखाकर मंत्री अशोक चौधरी बातें कर रहे थे, उनको उसका कोई ज्ञान नहीं है. उन्हें पता होना चाहिए कि इन सब चीजों की पढ़ाई नवीं वर्ग से ही शुरू हो जाती है और वो बारवीं की किताब दिखा रहे थे.
"पता नहीं अशोक चौधरी कितने क्लास तक पढ़े हुए हैं, हमको नहीं पता है, लेकिन जिस तरह की बात मुख्यमंत्री जी ने सदन में की है इससे लग रहा है कि मुख्यमंत्री जी ने किताब पढ़ कर ज्यादा प्रैक्टिकल कर लिया था. इसीलिए उन्होंने सदन के अंदर इस तरह का वक्तव्य दिया. उन्होंने माफी मांग लिया कोई बड़ी बात नहीं है. मुख्यमंत्री ने सदन में महिलाओं के साथ अपनी वाणी से बलात्कार किया है और इसको लेकर सिर्फ और सिर्फ उनका इस्तीफा चाहिए और कुछ नहीं"- निवेदिता सिंह, बीजेपी एमएलसी
'मुख्यमंत्री पूरी तरह से दिवालिया हो गए हैं': निवेदिता सिंह ने आगे कहा कि एक उदाहरण से अगर आप समझिए तो कोई किसी के साथ बलात्कार कर ले और उसके बाद माफी मांग ले यह कहां से उचित है. अब मुख्यमंत्री पूरी तरह से दिवालिया हो गए हैं हम लोग नहीं चाहते हैं कि बिहार का मुख्यमंत्री जो की पूरी तरह से दिवालिया हो गया है पागल की तरह व्यवहार कर रहा है. वह सत्ता को चलाए और इसी मांग को लेकर हम लोग सदन में हंगामा कर रहे हैं और अगले दिन भी हम लोग सदन को नहीं चलने देंगे. यह बात आप समझ लीजिए. मुख्यमंत्री का माफी मांगने से कुछ होने वाला नहीं है, चाहे उनके मंत्री किसी भी किताब का हवाला दे दें.