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BJP विधायक ने पंचायती राज व्यवस्था की खामियों पर सरकार को घेरा, मंत्री ने भी मानी गलती - etv bihar

बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक पवन जायसवाल (BJP MLA Pawan Jaiswal) की ओर से पंचायती राज व्यवस्था को लेकर सवाल पूछा गया था. इस सवाल ने पंचायतीराज मंत्री सम्राट चौधरी की मुश्किलें बढ़ा दी. पढ़ें पूरी खबर..

बीजेपी विधायक पवन जायसवाल
बीजेपी विधायक पवन जायसवाल
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Published : Mar 2, 2022, 9:07 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र (Budget Session of Bihar Legislative Assembly) के प्रश्नकाल में सरकार अपने ही विधायकों के सवालों से घिरती नजर आई. बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल की ओर से पंचायती राज व्यवस्था को लेकर सवाल पूछे गए थे, जिसने बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (Panchayati Raj Minister Samrat Choudhary) की मुश्किलें बढ़ा दी.

ये भी पढ़ें- BJP विधायक नीतीश मिश्रा ने विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरा, सरकार के लिए जवाब देना हुआ मुश्किल

त्रुटियों पर घिरे पंचायती राज मंत्री: बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने सवाल किया था कि पंचायती राज व्यवस्था में 29 विभाग हैं, लेकिन पंचायती राज कर्मियों के लिए ही वेतन भुगतान की व्यवस्था तय है. अन्य विभागों के कर्मचारियों के लिए कोई व्यवस्था तय नहीं की गई है और इस पर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी फंसते नजर आए. पंचायती राज मंत्री को मानना पड़ा कि सरकार का ध्यान इस पर नहीं गया है और यह एक त्रुटि है, जल्द ही इस त्रुटि को दूर किया जाएगा.

BJP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा: सत्ता पक्ष की तरफ से आज कई विधायकों ने सवाल किए थे, जिससे सरकार की मुश्किल बढ़ती दिखी. पंचायती राज व्यवस्था को लेकर पवन जायसवाल का यह सवाल वैसे कर्मियों को जो पंचायती राज व्यवस्था से नहीं है, उनके लिए मददगार होगा. क्योंकि, अन्य विभागों के वेतन भुगतान किसी की मौजूदगी में होने की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई है. अभी पंचायत स्तरीय कर्मियों का वेतन भुगतान मुखिया जी के उपस्थिति में होता है, प्रखंड स्तरीय कर्मियों का वेतन भुगतान प्रमुख की उपस्थिति में होता है, वहीं जिला स्तरीय कर्मियों का वेतन भुगतान जिला परिषद अध्यक्ष की उपस्थिति में होने का प्रावधान है.

बता दें कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद हुआ. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार ने उत्तर दिया. 4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर होगा. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर होगा. 8 से 25 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदानों की मांग पर वाद विवाद और मतदान होगा. 28 मार्च को राजकीय विधेयक, 29 को गैर सरकारी संकल्प जबकि 30 मार्च को राजकीय विधेयक और 31 मार्च को अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य पूरे होंगे.

ये भी पढ़ें- MLA हरिभूषण बचौल की बेतुकी मांग- 'मुसलमानों की वोटिंग राइट हो खत्‍म, दूसरे दर्जे की मिले नागरिकता'

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BJP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा: सत्ता पक्ष की तरफ से आज कई विधायकों ने सवाल किए थे, जिससे सरकार की मुश्किल बढ़ती दिखी. पंचायती राज व्यवस्था को लेकर पवन जायसवाल का यह सवाल वैसे कर्मियों को जो पंचायती राज व्यवस्था से नहीं है, उनके लिए मददगार होगा. क्योंकि, अन्य विभागों के वेतन भुगतान किसी की मौजूदगी में होने की कोई व्यवस्था तक नहीं की गई है. अभी पंचायत स्तरीय कर्मियों का वेतन भुगतान मुखिया जी के उपस्थिति में होता है, प्रखंड स्तरीय कर्मियों का वेतन भुगतान प्रमुख की उपस्थिति में होता है, वहीं जिला स्तरीय कर्मियों का वेतन भुगतान जिला परिषद अध्यक्ष की उपस्थिति में होने का प्रावधान है.

बता दें कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद हुआ. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार ने उत्तर दिया. 4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर होगा. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर होगा. 8 से 25 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदानों की मांग पर वाद विवाद और मतदान होगा. 28 मार्च को राजकीय विधेयक, 29 को गैर सरकारी संकल्प जबकि 30 मार्च को राजकीय विधेयक और 31 मार्च को अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य पूरे होंगे.

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