पटना: रामनवमी के बाद बिहारशरीफ और सासाराम में हिंसा की घटना को लेकर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. वहीं सोमवार को नीतीश कुमार के एक इफ्तार पार्टी में जाने पर भी निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. सिर्फ वोट के लिए इस तरह का काम करते हैं. उन्होंने सासाराम और नालंदा में मुख्यमंत्री के नहीं जाने पर भी सवाल भी खड़ा किया.
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नीतीश को सद्भावना से कोई लेना-देना नहीं: बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि सीएम को सासाराम और नालंदा में जाकर लोगों को समझाना चाहिए था. लेकिन वो ऐसा ना करके इफ्तार पार्टी में जा रहे हैं. उन्हें सिर्फ एक धर्म से मतलब है, उन्हें सिर्फ उनके वोट से मतलब है, इसलिए वो ऐसा करते हैं. उनको सद्भावना से तो कोई लेना-देना है नहीं है सिर्फ तुष्टिकरण की नीति से मतलब है.
"वो दोनों जगह जाकर दोनों धर्म के लोगों को समझाते और सद्भावना की बात करते, लेकिन इनको सद्भावना से तो कोई लेना-देना है नहीं. तुष्टिकरण की नीति से मतलब है एक संप्रदाय के लोगों के वोट से ही सिर्फ मतलब है. लोगों का कुछ भी हो जाए, इन्हें कोई मतलब नहीं है और इसलिए एक तरफ हिंसा हो रही है तो दूसरी तरफ इफ्तार पार्टियों में टोपी पहनकर पहुंच रहे हैं"- अरविंद सिंह, प्रवक्ता बीजेपी
इफ्तार पार्टी पर सियासतः आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को फुलवारीशरीफ स्थिति इस्लामिया बीएड कॉलेज में आयोजित इस्लामिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे और इसी को लेकर बीजेपी की तरफ से निशाना साधा जा रहा है. मुख्यमंत्री को जहां इफ्तार दिया गया था उसके पीछे लाल किला की तस्वीर भी लगाई गई थी और उस पर भी सियासत शुरू है. रमजान के महीने में सियासी इफ्तार पार्टी का चलन खूब है. पिछले साल भी रमजान में इफ्तार पार्टी पर खूब सिसायत हुई थी. जब नीतीश कुमार एनडीए में रहते हुए आरजेडी की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे और तेजस्वी यादव के गले भी मिले थे.