पटना: बिहार के वामपंथी नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) मंगलवार को कांग्रेस (Congress) में शामिल हो गए हैं. ऐसे में इसे लेकर बिहार में सियासत (Politics in Bihar) भी शुरू हो गई है. बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोला है. भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा उजागर हुआ है. तो वहीं जदयू ने कहा कि महागठबंधन का आपसी मामला है.
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जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष और वाम नेता कन्हैया कुमार पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे. हैदराबाद अधिवेशन के बाद से कन्हैया कुमार लगातार कांग्रेस नेताओं से मिल रहे थे. आखिरकार कन्हैया कुमार ने पाला बदल लिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस पार्टी में कन्हैया कुमार के इंट्री पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन नेताओं ने चौतरफा हमला बोला है.
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा उजागर हुआ है. पहले पार्टी भ्रष्टाचारियों के साथ समझौता करती थी और अब देशद्रोह के आरोपियों को कांग्रेस में शामिल करा रही है. महागठबंधन में राजद और कांग्रेस के बीच शह मात का खेल चल रहा है.
"कन्हैया कुमार पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चल रहा है और उनके ऊपर भारत के खिलाफ नारे लगाने के आरोप है. कन्हैया कुमार ने भारत के टुकड़े-टुकड़े करने की बात कही थी, कश्मीर की आजादी की बात की और भारत की बर्बादी की बात की. कांग्रेस ने एक राष्ट्रदोही को अपने पार्टी में शामिल किया है."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कन्हैया कुमार जब चुनाव लड़े तो वाम दलों से समझौता इसलिए तेजस्वी यादव नहीं किया क्योंकि कन्हैया कुमार जैसा युवा और बड़ा राष्ट्रद्रोह आ गया था. ऐसे में तेजस्वी का मुद्दा दब जाता और कन्हैया कुमार का मुद्दा आगे हो जाता. इसलिए तेजस्वी ने वाम दलों से समझौता नहीं किया.
"कांग्रेस पर जिस तरह से तेजस्वी यादव की दादागिरी होती रही है. सीटों का बटवारे को लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है. ऐसे में कांग्रेस की मजबूरी थी तेजस्वी के पीछे-पीछे घूमना. लेकिन अब कांग्रेस ने कन्हैया कुमार के माध्यम से तेजस्वी यादव के लिए एक नया मेहरा खोजा है. अब तेजस्वी यादव की दादागिरी समाप्त होगी."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कन्हैया कुमार और तेजस्वी पर हमला बोलते हुए आगे कहा कि एक भ्रष्टाचारी तो दूसरा राष्ट्रद्रोही है. वहीं, जदयू इसे लेकर नरम रुख अपनाए हुई है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि 'कन्हैया कुमार को लेकर महागठबंधन में संघर्ष जारी है. कांग्रेस और राजद के बीच खींचतान है. यह महागठबंधन का आपसी मामला है.'
बता दें कि कांग्रेस में शामिल होने पर अपनी पहली पीसी में कन्हैया कुमार ने कहा कि देश की सबसे लोकतांत्रिक पार्टी कांग्रेस में शामिल हुआ हूं. कांग्रेस नहीं बची, तो देश नहीं बचेगा. उन्होंने कहा, 'मुझे महसूस होता है कि इस देश में कुछ लोग, वो सिर्फ लोग नहीं है, वो एक सोच है. देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्स, इतिहास, वर्तमान और भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने कहीं पढ़ा था कि आप अपने दुश्मन का चुनाव कीजिए, दोस्त अपने आप बन जाएंगे. तो मैंने चुनाव किया है. लोकतांत्रिक पार्टी में हम इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि अब लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बचा तो देश नहीं बचेगा.'
गौरतलब है कन्हैया सीपीआई के नेशनल एजक्यूटिव काउंसिल के सदस्य थे. 2016 में कन्हैया कुमार का जेएनयू अवतार काफी पॉपुलर हुआ था. राष्ट्रद्रोह कानून के खिलाफ आंदोलन, भड़काऊ भाषण, गिरफ्तारी के बाद कन्हैया वामपंथी राजनीति का नया चेहरा बनकर उभरे थे. जेएनयू से निकलने के बाद कन्हैया कुमार ने सीपीआई जॉइन की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बेगूसराय से बीजेपी के गिरिराज के खिलाफ ताल ठोंकी थी. करीब 22 प्रतिशत वोट हासिल करने के बावजूद वह हार गए थे. बेगूसराय में भूमिहार जाति के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है और कन्हैया कुमार भी भूमिहार हैं.
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