पटना: भाजपा द्वारा 'इंडिया' गठबंधन की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से किए जाने पर मंत्री श्रवण कुमार ने कड़ी आलोचना की. जदयू मुख्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर साकार हुई विपक्षी एकजुटता से भाजपा के प्रदेश नेतृत्व से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक बेचैन और व्याकुल है. मणिपुर की घटना पर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, उन्हें स्वतः सत्ता से मुक्त हो जाना चाहिए.
इसे भी पढ़ेंः INDIA Vs NDA : 'INDIA से डर गए'.. नीतीश कुमार का पीएम मोदी पर निशाना- 'विपक्षी दलों के जुटान से घबराहट में हैं'
'उच्चतम न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने के बाद प्रधानमंत्री मणिपुर के मामले पर अपना बयान जारी करते हैं. 80 दिनों से मणिपुर जल रहा है मगर डबल इंजन की सरकारें इस को नियंत्रित करने में पूरी तरह विफल है. ऐसी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, उन्हें स्वतः सत्ता से मुक्त हो जाना चाहिए, नहीं तो 2024 में जनता इन्हें सबक सिखाने का काम करेगी.' - श्रवण कुमार, मंत्री
भाजपा मुक्त भारत बनाने का मिशनः मुकेश सहनी के संबंध में पूछे गए सवाल पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि भाजपा मुक्त भारत बनाने के मिशन में जो भी छोटी या बड़ी राजनीतिक पार्टियां हमारे साथ आना चाहती हैं उनका हम स्वागत करते हैं. मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि उपेन्द्र कुशवाहा अब एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं, इसलिए स्वभाविक है की वो हमारे विरुद्ध बयानबाजी करेंगे ही. उन्होंने बताया कि हमने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस पदाधिकारियों एवं मद्य निषेध विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी लोग अवैध शराब के निर्माण एवं व्यापार में संलिप्त हैं उनपर अधिक निगरानी रखी जाए., सप्लाई चैन को अगर निष्क्रिय किया जाएगा तो निश्चित ही इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे.
जनसुनवाई कार्यक्रम में हुए शामिलः जदयू मुख्यालय में बुधवार को जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, लघु व जल संसाधन मंत्री जयंत राज एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने जिलों से पहुंचे आमजनों की समस्याओं से रूबरू होकर उसके निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार पार्टी के सभी मंत्रीगण मंगलवार से शुक्रवार तक जदयू कार्यालय में जनता की समस्याओं को सुनते हैं एवं उसके समाधान हेतु आवश्यक पहल करते हैं.