पटना: बिहार बीजेपी अनुशासन समिति ने बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को उनके बयान को लेकर कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice To Gyanu) जारी किया है. आपको बता दें कि उनसे 14 दिन के अंदर इस नोटिस का जवाब भी मांगा गया है कि, किन परिस्थितियों में उन्होंने बिहार बीजेपी के नेतृत्व को लेकर इस तरह का बयान (Gyanu Statement On Bihar BJP Leadership ) दिया है.
बिहार बीजेपी के अनुशासन समिति के अध्यक्ष विनय सिंह के द्वारा बीजेपी विधायक ज्ञानू को इस तरह का नोटिस दिया गया है. वैसे इस तरह के नोटिस को लेकर पार्टी के कोई बड़े नेता कुछ भी बोलने से परहेज करते नजर आ रहे हैं. लेकिन अनुशासन समिति बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के बयान को लेकर सख्त नजर आ रहा है.
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आपको बता दें कि, बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बिहार बीजेपी नेतृत्व को लेकर कई तरह की बातें कही थीं और उसी दिन बिहार सरकार के मंत्री रामप्रीत पासवान ने इसका जवाब भी दिया था. रामप्रीत पासवान ने साफ-साफ मांग की थी कि, बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को पार्टी से हटाया जाए. उसके एक दिन बाद ही अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि, बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को नोटिस दिया जाए.
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उसके बाद ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को नोटिस भेजा गया है. समिति ने कई सवाल भी अपने नोटिस के जरिए बीजेपी विधायक से किया है. और 14 दिन के अंदर उनसे जवाब भी मांगा गया है. अब देखना यह है कि बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू कितना जल्दी अनुशासन समिति के सवालों का जवाब देते हैं.
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आपको बता दें कि बिहार कैबिनेट के मंत्री और भाजपा नेता जीवेश मिश्रा प्रकरण को (Minister Jivesh Mishra Issue ) लेकर भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा था कि, आजादी के बाद किसी मंत्री ने डीएम-एसपी के खिलाफ इस तरह से सदन में शिकायत की है. बिहार में पार्टी नेतृत्वविहीन हो गई है. कार्यकर्ताओं की कोई सुन नहीं रहा है. यही हाल रहा तो 2024 का चुनाव पार्टी के लिए बिहार में मुश्किल हो जाएगा. बीजेपी के अधिकांश मंत्री व्यापारी और क्रिमिनल बैकग्राउंड से हैं.
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