पटना: भारतीय जनता पार्टी मिशन 2019 के तैयारियों में जुट गई है. चुनाव में जीत के लिए पार्टी के स्तर पर जोर आजमाइश की जा रही है. पार्टी की ओर से एंटी इनकंबेंसी से निपटने के लिए खास तौर पर रणनीति बनाई गई है, ऐसे में पार्टी ने 6 बड़े नेताओं का टिकट काटने का मन बनाया है.
दिल्ली में जारी है मंथन
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर दिल्ली में मंथन जारी है, लेकिन शुरूआती दौर में जो संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ है कि भाजपा के कई सूरमाओं का टिकट कटने वाला है. ऐसे में ज्यादातर मंत्रियों का राजनीतिक भविष्य दांव पर है. पार्टी ने जो रणनीति बनाई है, उससे स्पष्ट है कि जिन मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ जनता में आक्रोश है उन्हें या तो टिकट नहीं दिया जाएगा यह दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.
एंटी इनकंबेंसी फैक्टर
पार्टी स्पष्ट रूप से यह मानती है कि नेताओं के एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का बोझ संगठन नहीं उठाएगा. बिहार में भाजपा कोटे से जो मंत्री हैं उनको लेकर पार्टी की चिंताएं अधिक हैं राधा मोहन सिंह, आरके सिंह, गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे और रामकृपाल यादव पर सबकी निगाहें हैं. राधा मोहन सिंह को छोड़कर किसी भी मंत्री का टिकट कंफर्म नहीं माना जा रहा है. मंत्रियों के सीट पर जेडीयू ने भी दावा ठोक रखा है.
आरके सिंह का कट सकता है टिकट
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और राजीव प्रताप रूडी डेंजर जोन में हैं. आरके सिंह आरा लोकसभा सीट से सांसद हैं लेकिन वहां जेडीयू ने दावा ठोक रखा है. जेडीयू आरा से मीना सिंह को चुनाव लड़ाना चाहती है.
गिरिराज सिंह हो सकते हैं बेटिकट
इसके अलावा नवादा लोकसभा सीट लगभग लोजपा के खाते में जा चुका है, और वहां से सूरजभान सिंह की पत्नी रीना देवी उम्मीदवार होंगी. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के समक्ष बेगूसराय से चुनाव लड़ने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है.
रामकृपाल यादव पर संशय
केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव पाटलिपुत्र सीट से सांसद हैं और जेडीयू ने पाटलिपुत्र सीट पर दावा ठोक रखा है. संभावना जताई जा रही है कि पाटलिपुत्र सीट जदयू के खाते में जा सकती है. ऐसे में रामकृपाल यादव या उनके पुत्र बीजेपी के कोटे से उम्मीदवार हो सकते हैं.
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और राजीव प्रताप रूडी
इसके अलावा सारण से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और राजीव प्रताप रूडी का टिकट कटना भी तय माना जा रहा है क्योंकि महाराजगंज सीट जदयू कोटे में है.
बांका से उम्मीदवार
भाजपा के उपाध्यक्ष को भी लोकसभा का टिकट मिलना तय माना जा रहा है दिवंगत दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल देवी बांका से उम्मीदवार होंगी पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा मधुबनी या दरभंगा से भाग्य आजमाने की तैयारी कर रहे हैं पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी को भागलपुर से चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है, लेकिन उनकी पहली पसंद खगड़िया लोकसभा सीट है और वहां से लोजपा के सांसद महबूब अली कैसर सशक्त उम्मीदवार हैं.
शहनवाज हुसैन की बढ़ी परेशानियां
सबसे बड़ी मुश्किल भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन के सामने है. वह पिछले कई साल से भागलपुर लोकसभा सीट के लिए तैयारी कर रहे हैं और लगातार जनता के संपर्क में हैं. शाहनवाज हुसैन को किशनगंज से चुनाव लड़ने को कहा जा रहा है. लेकिन शाहनवाज हुसैन में किशनगंज से चुनाव लड़ने से मना कर दिया है.
सेफ जोन से बाहर हैं अश्वनी चौबे
स्वास्थ्य राज्य मंत्री और बक्सर सांसद अश्वनी चौबे भी सेफ जोन में नहीं है. अगर खगड़िया सीट पर सम्राट चौधरी को उतारा जाता है, तो ऐसी स्थिति में अश्वनी चौबे भागलपुर से लोकसभा के लिए उम्मीदवार हो सकते हैं और बक्सर लोकसभा सीट पर नए उम्मीदवार को सामने लाया जा सकता है.
पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद राज्यसभा से सांसद है और पटना साहिब सीट पर पार्टी रविशंकर प्रसाद को उतारने की तैयारी कर रही है रविशंकर प्रसाद पटना साहिब सीट पर सशक्त उम्मीदवार के रूप में दिखाई दे रहे हैं.