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CM Iftar Party: बीजेपी के बहिष्कार पर बोले नीतीश- 'बीजेपी के लोग जब साथ थे तब तो आते ही थे'

बिहार में इफ्तार पार्टी को लेकर सियासत खूब होती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दावत-ए-इफ्तार का बीजेपी ने बहिष्कार किया. रामनवमी के बाद बिहार में भड़की हिंसा के बाद इफ्तार पार्टी को विपक्ष इतनी आसानी से स्वीकार नहीं करेगा इसकी पूरी संभावना थी. पढ़ें, पूरी खबर.

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Published : Apr 7, 2023, 10:25 PM IST

CM Iftar Party
CM Iftar Party
इफ्तार पर सियासत.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में रमजान के अवसर पर रोजेदारों को दावत-ए-इफ्तार पर आमंत्रित किया. दावत-ए-इफ्तार में बड़ी संख्या में रोजेदारों एवं गणमान्य लोगों ने शिरकत की. इफ्तार के पहले मित्तन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने रमजान एवं रोजे की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और सामूहिक दुआ की. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस दावत का बहिष्कार (BJP boycotted CM Iftar party) किया.

इसे भी पढ़ेंः RJD Iftar party: 9 अप्रैल को राबड़ी आवास पर RJD की होगी इफ्तार पार्टी, लालू प्रसाद पर टिकी निगाहें

राज्य की तरक्की के लिए दुआः इस अवसर पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित आमंत्रित अतिथियों ने सामूहिक दुआ में शामिल होकर राज्य की तरक्की, प्रगति, आपसी भाईचारे एवं मोहब्बत के लिए खुदा-ए-ताला से दुआ कीं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बारी-बारी से तमाम आगत अतिथियों एवं रोजेदारों का स्वागत किया. मुख्यमंत्री के दावत-ए-इफ्तार का बीजेपी ने बहिष्कार किया. ऐसे महागठबंधन घटक दल के कई नेता शामिल हुए.

हर वर्ष आयोजन होताः मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि हर वर्ष इसका आयोजन होता रहा है. आज के आयोजन में राज्य के विभिन्न जगहों से कई लोग आये हैं. मुझे इसकी खुशी है. सभी लोगों को मिलजुल कर प्रेम के साथ रहना है. वर्ष 2017 में नेक संवाद बनाया गया और यहीं से इसकी शुरुआत की गयी. सिर्फ दो वर्ष कोरोना के कारण इसका आयोजन नहीं हुआ, बाकी हर वर्ष इसका आयोजन होता रहा है.


"इसका आयोजन सरकार की तरफ से किया जाता है. विपक्ष के लोग और अन्य दलों के लोग भी पार्टी के स्तर पर इसका आयोजन करते हैं. बीजेपी के लोग जब साथ थे तब तो आते ही थे"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

ये रहे शामिलः उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद के अलावे बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, अखिलेश सिंह, वित्त, संजय झा, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, आलोक कुमार मेहता, जमा खान, मो इसराईल मंसूरी सहित अन्य मंत्री सहित अन्य विधायक, राज्य के वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण शामिल थे.

इफ्तार पर सियासत.

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में रमजान के अवसर पर रोजेदारों को दावत-ए-इफ्तार पर आमंत्रित किया. दावत-ए-इफ्तार में बड़ी संख्या में रोजेदारों एवं गणमान्य लोगों ने शिरकत की. इफ्तार के पहले मित्तन घाट के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह शमीमउद्दीन अहमद मुनअमी ने रमजान एवं रोजे की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और सामूहिक दुआ की. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इस दावत का बहिष्कार (BJP boycotted CM Iftar party) किया.

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राज्य की तरक्की के लिए दुआः इस अवसर पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित आमंत्रित अतिथियों ने सामूहिक दुआ में शामिल होकर राज्य की तरक्की, प्रगति, आपसी भाईचारे एवं मोहब्बत के लिए खुदा-ए-ताला से दुआ कीं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बारी-बारी से तमाम आगत अतिथियों एवं रोजेदारों का स्वागत किया. मुख्यमंत्री के दावत-ए-इफ्तार का बीजेपी ने बहिष्कार किया. ऐसे महागठबंधन घटक दल के कई नेता शामिल हुए.

हर वर्ष आयोजन होताः मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत के क्रम में कहा कि हर वर्ष इसका आयोजन होता रहा है. आज के आयोजन में राज्य के विभिन्न जगहों से कई लोग आये हैं. मुझे इसकी खुशी है. सभी लोगों को मिलजुल कर प्रेम के साथ रहना है. वर्ष 2017 में नेक संवाद बनाया गया और यहीं से इसकी शुरुआत की गयी. सिर्फ दो वर्ष कोरोना के कारण इसका आयोजन नहीं हुआ, बाकी हर वर्ष इसका आयोजन होता रहा है.


"इसका आयोजन सरकार की तरफ से किया जाता है. विपक्ष के लोग और अन्य दलों के लोग भी पार्टी के स्तर पर इसका आयोजन करते हैं. बीजेपी के लोग जब साथ थे तब तो आते ही थे"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

ये रहे शामिलः उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद के अलावे बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, अखिलेश सिंह, वित्त, संजय झा, विजय कुमार चौधरी, अशोक चौधरी, आलोक कुमार मेहता, जमा खान, मो इसराईल मंसूरी सहित अन्य मंत्री सहित अन्य विधायक, राज्य के वरीय प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण शामिल थे.

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