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BJP का बड़ा आरोप: सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन की अनदेखी कर रही है राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार - Municipal elections in Bihar

बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal elections in Bihar) की तारीखों की घोषणा होने के बाद राजनीतिक पार्टियों में सियासत तेज हो गई है. पूर्व मंत्री भीम सिंह और बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. भीम सिंह का आरोप है की राज्य निर्वाचन आयोग बिना अतिपिछड़े वर्ग के वास्तविक स्थिति देखे नगर निकाय का चुनाव करा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

BJP Attack on State Election Commission and State Government
BJP Attack on State Election Commission and State Government
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Published : Dec 3, 2022, 10:35 PM IST

पटना: बीजेपी प्रदेश कार्यालय (BJP state office) में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व मंत्री भीम सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन मौजूद रहें. दोनों नेताओं ने जमकर नगर निकाय चुनाव पर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना (BJP Attack on State Election Commission) साधा. पूर्व मंत्री भीम सिंह (Former Minister Bhim Singh) ने कहा कि बिहार में नगर निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी गई है लेकिन होगा या नहीं होगा यह निश्चित नहीं है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का जो गाइडलाइन था उसका पालन राज्य सरकार ने नहीं किया है.

यह भी पढ़ेंः निकाय चुनाव 2022: तारीख का ऐलान होते ही उम्मीदवारों के बीच बढ़ गई सरगर्मी, चुनाव प्रचार हुआ शुरू

बीजेपी नेताओं का बयान

अनदेखी की गई है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन: उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा आयोग का गठन किया गया लेकिन वास्तविक अति पिछड़ों की संख्या, पिछड़ों की संख्या कैसे पता लगाया गया कुछ भी कहीं भी कोई प्रमाण नहीं उपलब्ध है. सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन है. उसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है. यही कारण है कि अभी तक यह निश्चित नहीं है कि जिस तिथि को राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव (Municipal elections in Bihar) करवाने की घोषणा की है. इसीलिए हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार अति पिछड़ा आयोग बनाया जाए. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और हाईकोर्ट के वर्तमान जज को अध्यक्ष बनाया जाए.

किसी तरह नगर निकाय का चुनाव करवाना चाहते हैं नीतीश: बिहार में अति पिछड़ा का वास्तविक संख्या क्या है. उसकी गणना करवाई जाए और उसके आधार पर आरक्षण की सीमा तय कर निकाय चुनाव की घोषणा की जाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सरकार कर रही है. वह मनमानी कर रही है. नीतीश कुमार अपने जिद पर अड़े हुए हैं और किसी तरह नगर निकाय का चुनाव करवाना चाह रहे हैं लेकिन जो गाइडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने किया है. उसका कहीं यह अवहेलना कर रहे हैं जो कि गलत है.

"जो आयोग उन्होंने गठित किया है. वह किसी भी मानदंड को पूरा नहीं करता है कहीं न कहीं कोर्ट ने जिस तरह का आयोग बना कर वास्तविक संख्या की जानकारी देने के लिए कहा था. वह राज्य सरकार ने नहीं किया है. जहां तक आरक्षण की बात है तो अति पिछड़े की आरक्षण की सीमा को इन्होंने बढ़ाया है. पहले 18% आरक्षण था वह बढ़ा करके 20% किया गया है. अच्छी बात है लेकिन पिछड़ा वर्ग का आरक्षण इसमें लागू नहीं किया गया है. यह एक चिंता का विषय है कहीं न कहीं राज्य सरकार को इस पर भी सोच विचार करना चाहिए फिलहाल जो पैटर्न बनाकर नगर निकाय चुनाव करवाने की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग ने किया है. वह पूरी तरह से गलत है और कहीं नहीं सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन था उसका अवहेलना कर रहे हैं." :- राजीव रंजन, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी


यह भी पढ़ेंः बिहार नगर निकाय चुनाव पर सियासत तेज: बोली RJD- 'अति पिछड़ों की घोर विरोधी है BJP'

पटना: बीजेपी प्रदेश कार्यालय (BJP state office) में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें पूर्व मंत्री भीम सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन मौजूद रहें. दोनों नेताओं ने जमकर नगर निकाय चुनाव पर राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पर निशाना (BJP Attack on State Election Commission) साधा. पूर्व मंत्री भीम सिंह (Former Minister Bhim Singh) ने कहा कि बिहार में नगर निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी गई है लेकिन होगा या नहीं होगा यह निश्चित नहीं है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का जो गाइडलाइन था उसका पालन राज्य सरकार ने नहीं किया है.

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बीजेपी नेताओं का बयान

अनदेखी की गई है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन: उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा आयोग का गठन किया गया लेकिन वास्तविक अति पिछड़ों की संख्या, पिछड़ों की संख्या कैसे पता लगाया गया कुछ भी कहीं भी कोई प्रमाण नहीं उपलब्ध है. सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन है. उसकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है. यही कारण है कि अभी तक यह निश्चित नहीं है कि जिस तिथि को राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव (Municipal elections in Bihar) करवाने की घोषणा की है. इसीलिए हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार अति पिछड़ा आयोग बनाया जाए. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और हाईकोर्ट के वर्तमान जज को अध्यक्ष बनाया जाए.

किसी तरह नगर निकाय का चुनाव करवाना चाहते हैं नीतीश: बिहार में अति पिछड़ा का वास्तविक संख्या क्या है. उसकी गणना करवाई जाए और उसके आधार पर आरक्षण की सीमा तय कर निकाय चुनाव की घोषणा की जाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सरकार कर रही है. वह मनमानी कर रही है. नीतीश कुमार अपने जिद पर अड़े हुए हैं और किसी तरह नगर निकाय का चुनाव करवाना चाह रहे हैं लेकिन जो गाइडलाइन सुप्रीम कोर्ट ने किया है. उसका कहीं यह अवहेलना कर रहे हैं जो कि गलत है.

"जो आयोग उन्होंने गठित किया है. वह किसी भी मानदंड को पूरा नहीं करता है कहीं न कहीं कोर्ट ने जिस तरह का आयोग बना कर वास्तविक संख्या की जानकारी देने के लिए कहा था. वह राज्य सरकार ने नहीं किया है. जहां तक आरक्षण की बात है तो अति पिछड़े की आरक्षण की सीमा को इन्होंने बढ़ाया है. पहले 18% आरक्षण था वह बढ़ा करके 20% किया गया है. अच्छी बात है लेकिन पिछड़ा वर्ग का आरक्षण इसमें लागू नहीं किया गया है. यह एक चिंता का विषय है कहीं न कहीं राज्य सरकार को इस पर भी सोच विचार करना चाहिए फिलहाल जो पैटर्न बनाकर नगर निकाय चुनाव करवाने की घोषणा राज्य निर्वाचन आयोग ने किया है. वह पूरी तरह से गलत है और कहीं नहीं सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन था उसका अवहेलना कर रहे हैं." :- राजीव रंजन, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी


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