पटना: आरजेडी (RJD) में कोल्ड वार छिड़ा हुआ है. यह हम नहीं जदयू (JDU) के प्रवक्ता बोल रहे हैं. वहीं, बीजेपी (BJP) के प्रवक्ता कह रहे हैं कि तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) अपने ही अर्जुन (तेजस्वी यादव) के सियासी बाणों के शिकार हैं. तेजप्रताप यादव द्वारा जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) को हिटलर कहने के बाद से ही विवाद बढ़ गया है.
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जगदानंद सिंह कई दिनों तक पार्टी कार्यालय नहीं आए. यहां तक कि 15 अगस्त को झंडा फहराने भी नहीं पहुंचे. लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के मनाने पर बुधवार को वह पार्टी कार्यालय आए और छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को बदल दिया. इससे विवाद और बढ़ गया है. तेजप्रताप यादव के मामले में हर बार लालू यादव हस्तक्षेप करते रहे हैं. ऐसे में अब सबकी नजर लालू यादव पर है कि वह क्या करते हैं, लेकिन फिलहाल बीजेपी और जदयू के नेताओं को राजद पर हमला बोलने का मौका मिल गया है.
"आरजेडी में कोल्ड वार जैसी स्थिति बन गई है. पार्टी में विरासत की लड़ाई है. जगदानंद सिंह को मोहरा बनाया जा रहा है. लालू यादव दोनों बेटों को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं. ऐसे में अब फैसला जगदानंद सिंह को ही करना है."- अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जदयू
"दुर्भाग्य कहिए या सौभाग्य, तेजप्रताप यादव अपने अर्जुन के सियासी बाणों के ही शिकार हो गए हैं. जगदानंद सिंह उनकी हैसियत विधायक से भी कम बता रहे हैं"- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
बता दें कि तेजप्रताप यादव अपने बयानों से पहले भी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं, लेकिन हर बार लालू यादव के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हुई. अब एक बार फिर से विवाद तूल पकड़ रहा है. आकाश यादव पर हुई कार्रवाई से तेजप्रताप यादव भड़क गए हैं और जगदानंद सिंह को चुनौती देने लगे हैं. प्रवासी सलाहकार के सलाह पर कार्रवाई करने का आरोप भी लगा रहे हैं.
तेजप्रताप यादव पहले भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उनके नजदीकी (आकाश यादव) पर हुई कार्रवाई के बाद मामला और तूल पकड़ रहा है. तेजप्रताप अपनी बात लालू यादव से मनवाते रहे हैं. अब एक बार फिर से यह चर्चा है कि वह दिल्ली जाकर लालू यादव पर दबाव बना सकते हैं.
पहले तेजप्रताप के कारण रामचंद्र पूर्वे को प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था. अब तेज प्रताप का दबाव जगदानंद सिंह पर है. तेजस्वी यादव जगदानंद का समर्थन कर रहे हैं. इसलिए लालू प्रसाद यादव भी जगदानंद के साथ अभी खड़े हैं, लेकिन आगे क्या होता है यह देखने वाली बात होगी. फिलहाल बीजेपी और जदयू के नेता जगदानंद सिंह और तेजप्रताप के विवाद को लालू का पारिवारिक विवाद बताने में लगे हैं.
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